विजय की शानदार अदाकारी के बावजूद हल्की कहानी वाली 'GOAT' का विश्लेषण

विजय की शानदार अदाकारी के बावजूद हल्की कहानी वाली 'GOAT' का विश्लेषण

फिल्म 'GOAT' की समीक्षा: विजय का प्रभावशाली प्रदर्शन

फिल्म 'GOAT' (दि ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम), जिसका निर्देशक वेंकट प्रभु ने किया है, 5 सितंबर 2024 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। यह स्पाई थ्रिलर न केवल फिल्म की कहानी बल्कि फिल्म के नायक थलपति विजय की अद्वितीय अदाकारी के कारण भी चर्चा का विषय बनी हुई है। 'GOAT' में विजय के साथ प्रशांत, प्रभुदेवा और अन्य प्रमुख कलाकारों ने अभिनय किया है। यह फिल्म विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विजय की राजनीति में पूरी तरह से प्रवेश करने से पहले की दूसरी आखिरी फिल्म है।

कहानी का संक्षिप्त परिचय

'GOAT' की कहानी गांधी (विजय) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक स्पेशल एंटी-टेररिज़्म स्क्वाड (SATS) का सदस्य है। गांधी के साथ इस टीम में सुनील (प्रशांत), कल्याण (प्रभुदेवा), और अजय (अजयल आमिर) शामिल हैं। इन सभी का नेतृत्व नासिर (जयाराम) करते हैं। टीम का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना है और इसमें वो काफी कुशल हैं। लेकिन एक मिशन के दौरान थाईलैंड में गांधी को एक व्यक्तिगत क्षति का सामना करना पड़ता है, जिसके बाद वे एक कम जोखिम वाला नौकरी ढूंढ़ने का निर्णय लेते हैं।

हालांकि, उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ तब आता है जब वे मास्को की यात्रा के दौरान एक पुराने दुश्मन का सामना करते हैं। इससे मजबूर हो कर गांधी फिर से SATS टीम में शामिल हो जाते हैं और संघर्ष की नई कहानी शुरू होती है।

कहानी का आकलन

इस फिल्म की कहानी में कई कमियाँ हैं, जिसे आलोचकों ने 'वाफर-थिन' कह कर पुकारा है। वेंकट प्रभु, जो अपने अनोखे कहानी कहने के अंदाज और कॉमेडी टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं, ने इस बार ऐसी फिल्म बनाई है जिसका ज्यादा जोर ट्विस्ट और सरप्राइज़ पर है बजाय कि एक मजबूत कथानक पर। हालांकि कुछ दृश्यों जैसे कि मेट्रो फाइट सीन का पूर्वानुमान लगता है, फिल्म के अंतिम 30 मिनट में कई ट्विस्ट और कैमियो आते हैं जो स्क्रिप्ट को जीवंत बना देते हैं।

विजय का प्रभाव

फिल्म में थलपति विजय का प्रदर्शन बेमिसाल है। उनका अभिनय फिल्म का मुख्य आकर्षण है, और उन्होंने फिल्म के हर क्षण को जीवंत कर दिया है। विजय के फेस एक्सप्रेशन्स, एक्शन दृश्यों में उनकी दक्षता और उनके संवाद डिलीवरी का कोई मुकाबला नहीं है। यह दर्शाता है कि वेंकट प्रभु ने विजय की विशेषताओं का पूरा लाभ उठाया है, फिल्म को एक उत्सव बना दिया गया है जिसमें विजय की पूर्व फिल्मों की कई झलकियाँ और संदर्भ हैं।

फिल्म का निर्देशन और संपादन

वेकेट प्रभु का निर्देशन इस फिल्म में अलग तरह का है। फिल्म में उनकी डॉक्टरी फिल्म निर्माण का अंदाज साफ़ झलकता है, हालाँकि पटकथा की कमजोरी बहुत साफ नजर आती है। फिल्म की लम्बाई, तीन घंटे, दर्शकों की परीक्षा लेती है, लेकिन अंतिम चरण के मोड़ और रोमांचक घटनाएं इसे दिलचस्प बना देती हैं।

फिल्म का संपादन कुछ मिक्स्ड बैग की तरह है। कुछ सीन्स को नहीं जोड़ा गया प्रतीत होता है जबकि कुछ दृश्यों को लंबा खींचा गया है।

संगीत और सिनेमेटोग्राफी

फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है, और दृश्यों के अनुसार फिट बैठता है। गीतों का फिल्मांकन भी शानदार है। सिनेमेटोग्राफी के लिए, मास्को और थाईलैंड के दृश्य प्रभावी हैं और उन्हें अच्छे तरीके से फिल्माया गया है।

निष्कर्ष

अंत में, 'GOAT' एक मनोरंजक फिल्म है जिसमें थलपति विजय की अदाकारी का जादू है। हालांकि कहानी कमजोर है, किंतु विजय और वेंकट प्रभु की जोड़ी ने इसे एक देखने लायक फिल्म बना दिया है। यदि आप विजय के प्रशंसक हैं तो यह फिल्म आपके लिए है, जिसमें ट्विस्ट, थ्रिल और विजय का अद्भुत प्रदर्शन है।