नर्स दिवस विशेष: कोविड महामारी में नर्स बबीता का असाधारण योगदान, बचाई हजारों जिंदगियाँ
नर्स दिवस के अवसर पर, हम उन नर्सों की गाथा को याद करते हैं जिन्होंने अपनी सेवाओं के माध्यम से समाज में एक अमिट छाप छोड़ी है। ऐसी ही एक नर्स हैं बबीता, जिन्होंने कोविड-19 की महामारी के समय में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जिंदगी बचाने में अपना योगदान दिया।
नर्स बबीता का प्रेरणादायक सफर
इमलिया गांव, ग्रेटर नोएडा की रहने वाली बबीता वर्ष 2013 से जिम्स, कासना, ग्रेटर नोएडा में एक स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, जब पूरा देश एक अज्ञात वायरस के खौफ में जी रहा था, बबीता और उनकी सहकर्मी ऊषा ने टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी अदम्य साहस और समर्पण ने उन्हें वर्ष 2021-22 में 4,78,000 लोगों को टीकाकरण करने का रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद की। इस प्रकार, उन्होंने न केवल अपने समुदाय की सेवा की बल्कि एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी स्थापित किया।
जोखिमों का सामना और नेतृत्व
इस चुनौतीपूर्ण कार्य के दौरान, बबीता और ऊषा ने न केवल सामाजिक जागरूकता बढ़ाई, बल्कि उनका योगदान उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना, जो वायरस के खौफ से बाहर निकलने में हिचकिचाहट रहे थे। घर-घर जाकर टीकाकरण करने में उनकी दृढ़ता ने वैक्सीनेशन दर में व्यापक सुधार लाने में मदद की।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंसुख मंडाविया ने 2022 के महिला दिवस पर इन दोनों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, जो उनके अद्वितीय योगदान के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। यह सम्मान न केवल उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत प्रयास सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
प्रेरणा का स्रोत
बबीता की कहानी न केवल उन्हें उनके पेशेवर समुदाय में, बल्कि समग्र रूप से समाज में भी एक प्रेरणास्रोत बनाती है। उनके अद्वितीय निष्ठा और समर्पण की कहानियां नई पीढ़ियों को निःस्वार्थ सेवा के महत्व को समझने में मदद करती हैं। फ्लोरेंस नाइटेंगेल की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, नर्स दिवस इन अनगिनत नर्सों के लिए सम्मान और आभार प्रकट करने का एक अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने अपने पेशागत कर्तव्यों को सर्वोपरि माना।
अंत में, नर्स बबीता और उनके जैसे अन्य निष्ठावान स्वास्थ्यकर्मियों की कहानियां हमें यह सिखाती हैं कि कैसे एक इंसान के प्रयास बड़े स्तर पर सार्थक परिणाम दे सकते हैं। ये कहानियां हमें यह भी याद दिलाती हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र में किसी भी योगदान को कम नहीं आँका जा सकता, और करुणा व समर्पण इस क्षेत्र की नींव हैं।