Punjab Kings में बदली टीम कल्चर की कहानी, शशांक सिंह ने बताया टीम के परिवार जैसा माहौल

Punjab Kings में बदली टीम कल्चर की कहानी, शशांक सिंह ने बताया टीम के परिवार जैसा माहौल

पंजाब किंग्स की सफलता के पीछे टीम कल्चर का बड़ा रोल

कई साल तक लगातार निराशा झेलने के बाद इस बार पंजाब किंग्स ने आईपीएल 2025 के सीजन में टॉप-2 में पहुंचकर सभी की सोच बदल दी। सबको हैरानी हुई कि वही टीम अचानक इतनी मजबूती से उभरी कैसे? पंजाब किंग्स के ऑलराउंडर शशांक सिंह ने इस बदलाव का असली राज बताया है। उनके मुताबिक, टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर और कोच रिकी पोंटिंग ने ड्रेसिंग रूम का माहौल पूरी तरह बदल दिया।

शशांक का कहना है कि इस बार टीम में हर किसी—चाहे वो Punjab Kings के टॉप स्टार युजवेंद्र चहल हों या बस ड्राइवर—सबको बराबर सम्मान मिला। पोंटिंग और अय्यर ने सीज़न शुरू होते ही साफ कर दिया था, "यहां सीनियर, जूनियर या स्टाफ—सब एक बराबर हैं। जितना सम्मान चहल को मिलेगा, उतना ही बस ड्राइवर या फिजियो को भी मिलेगा।"

इससे टीम में एक जैसेपन, भरोसे और अपनापन की फीलिंग आई। खिलाड़ी सिर्फ अपने लिए नहीं, टीम के हर सदस्य, यहां तक कि सपोर्ट स्टाफ के लिए भी खेलते नजर आए। टीम में अब कोई वरिष्ठता की दीवार या दूरी नहीं रही। ये माहौल इतना पॉजिटिव था कि हर मैच में ड्रेसिंग रूम फोकस और मग्न नज़र आया।

रवि पोंटिंग और श्रेयस अय्यर की सोच बनी पहचान

शशांक बताते हैं कि जब रिकी पोंटिंग ड्रेसिंग रूम में बोलते थे, तो सिर्फ रणनीति ही नहीं, टीम का विश्वास भी बढ़ाते थे। उन्होंने खिलाड़ियों को हमेशा ये फील कराया कि अगर एक मैच हार भी जाएं, कोई बात नहीं—टीम एक परिवार है, जीत-हार मिलकर झेलेंगे। कोच और कप्तान दोनों का फोकस यही था कि खिलाड़ी सुरक्षित और समान महसूस करें।

इसी सोच का असर था कि पंजाब किंग्स ने 14 में से 9 मैच जीत लिए—जो पिछले दस साल के रिकॉर्ड में सबसे जबरदस्त सीजन रहा। हर खिलाड़ी ने मान लिया कि अगर परिवार में सभी की इज्जत हो तो नतीजे अपने-आप आ जाते हैं। यही वजह रही कि इस बार खिलाड़ियों का व्यक्तिगत प्रदर्शन भले अलग-अलग रहा हो, लेकिन टीम नतीजे शानदार रहे। पहली बार 2014 के बाद टीम टॉप-2 में आई और सभी खिलाड़ियों, यहाँ तक कि स्टाफ का भी जश्न एक जैसा था।

शशांक सिंह के खुलासे के बाद अब ये साफ हो गया है कि केवल बड़े नाम या मोटी रकम नहीं, बल्कि समानता और रिश्तों पर भरोसा टीम को विजेता बनाता है। पंजाब किंग्स की इस सोच को अब बाकी टीमें भी फॉलो करने पर मजबूर हैं।