ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट ने भारत को 8 विकेट से हराया: पहली ODI की रोमांचक कहानी

ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट ने भारत को 8 विकेट से हराया: पहली ODI की रोमांचक कहानी

जब स्मृति मंदाना ने भारत की बल्लेबाज़ी की बुक करदी, हर्मनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम ने 281/7 बनाकर लक्ष्य रखा, तब एलिशिया हीली की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलिया ने 12 ओवर पहले ही 8 विकेट से जीत दर्ज की। यह पहली ODI 14 सितम्बर 2025 को भारत में आयोजित ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट इन इंडिया 2025-26भारत की छलांग बन गई। मैच की जीत न सिर्फ़ स्कोरबोर्ड पर दिखी, बल्कि दोनों टीमों की मनोबल पर भी गहरा असर डाला।

मैच का सारांश और स्कोरकार्ड

भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की। 50 ओवर में 281 रन बनाते हुए सात विकेट खोए। प्रातिका रावल ने 64 रन (96 गेंद) का शॉट्स में मज़ा लिया, जबकि स्मृति मंदाना ने 58 (63) और हरलीन डोल ने 54 (57) बनाकर मध्यक्रम को स्थिर किया। पावरप्ले में 55 रन बगैर किसी विकेट के निकले, जो टीम की शुरुआती तालीम का परिचायक था।

  • पहला पावरप्ले (0.1‑10.0 ओवर): 55 रन, 0 विकेट
  • 50 रन: 7.6 ओवर (49 गेंद)
  • 100 रन: 17.3 ओवर (106 गेंद)
  • 150 रन: 31.5 ओवर (192 गेंद)

ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य को 12 ओवर में पीछे छोड़ते हुए 8 विकेट से हासिल किया। फोएबे लिचफ़ील्ड (50+), बेथ मोनी (51*) और ऐनेबिल सदरलैंड (38) ने क्रमशः अड़ियल साझेदारी बनाकर जीत को पक्का किया।

भारतीय बल्लेबाज़ों की चमक

रावल की 64‑रन की पारी 96 गेंदों में 6 चौके लगी। वह 13.6 ओवर में ही अपने अर्धसदी पूर्ण कर चुकी थीं और टीम को स्थिरता प्रदान कर रही थीं। मंदाना की 58‑रन की पारी 63 गेंदों में काफी तेज़ थी – 6 चौके और एक छक्का। उन्होंने 55 गेंद में अपनी पहली 50 पूरी की, जिससे उन्हें ढेर सारे प्रशंसकों ने सराहा। डोल का 54‑रन का योगदान भी उल्लेखनीय था, खासकर जब उन्होंने 57 गेंदों में 6 चौके लगाए। इन तीनों की साझेदारी भारत को 75/0 की शानदार शुरुआत दिलाने में मददगार साबित हुई, लेकिन बाद में आगे की विकेटें गिरने से टीम का गति थोड़ा घट गया।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों का सफल पीछा

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों का सफल पीछा

किए गए लक्ष्य को पीछा करते समय ऑस्ट्रेलिया ने 12 ओवर शेष रहते हुए जीत पक्की कर ली। लिचफ़ील्ड ने तेज़ी से 50 रन बना लिया, जबकि मोनी ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए 51* बनाकर टीम को शांति दी। सदरलैंड ने 38 रन से मध्यक्रम को संभाला और मैच के अंत में अंतिम 20 गेंदों में दो तेज़ शॉट्स लगाए। उनकी साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से जीत दिलाई। इस जीत ने ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट की गहरी पकड़ को फिर से साबित कर दिया।

कैप्टन की टिप्पणियां और टीम की भावना

मैच के बाद भारत की कप्तान हर्मनप्रीत कौर ने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि हम किसी भी दिन ऑस्ट्रेलिया को हरा सकते हैं"। यह भरोसा दर्शाता है कि टीम के अंदर एक सकारात्मक रुख बना हुआ है। वहीं ऑस्ट्रेलिया की कप्तान ऐलेस्सा हीली ने भारतीय टीम की स्थिरता की तारीफ करते हुए कहा, "मैंने अब तक की सबसे स्थिर भारतीय महिला टीम देखी है"। दोनों कैप्टनों की बातें इस श्रृंखला को एक नई दिशा देने की संभावना दिखाती हैं – जहाँ भारतीय टीम आत्मविश्वास के साथ चुनौती का सामना कर रही है और ऑस्ट्रेलिया अपनी शैली के साथ आगे बढ़ रही है।

श्रृंखला का आगे का रास्ता और प्रभाव

श्रृंखला का आगे का रास्ता और प्रभाव

पहली जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने श्रृंखला में 2‑1 की अच्छी स्थिति हासिल कर ली। दूसरी ODI (17 सितम्बर 2025) में भारत ने 292/9 बनाकर 102 रन से जीत हासिल की, जबकि तीसरी ODI (20 सितम्बर 2025) में ऑस्ट्रेलिया ने 412 रन बनाकर 43 रन से जीत दर्ज की। इस सीरीज में कुल मिलाकर स्मृति मंदाना ने 300 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर का खिताब जीता, जबकि बेथ मोनी ने 233 रन और एलिशिया पेर्री ने 142 रन से दूसरे स्थान पर रह गईं। इस प्रदर्शन से स्पष्ट है कि दोनों पक्षों में नई प्रतिभाएँ उभर कर सामने आई हैं और महिला क्रिकेट को नई ऊर्जा मिली है।

भविष्य में इस तरह के मुकाबले महिला क्रिकेट के लोकप्रियता को बढ़ाएंगे और युवा लड़कियों को प्रेरित करेंगे। भारतीय टीम का आत्मविश्वास और ऑस्ट्रेलिया की निरंतर स्थिरता दोनों के बीच एक संतुलित प्रतिस्पर्धा को जन्म देगा, जो आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिलचस्प तंत्र बनाता रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पहली ODI का परिणाम भारत की टीम को कैसे प्रभावित कर सकता है?

हार के बाद टीम ने आत्मविश्वास नहीं खोया; कौर की "कोई भी दिन जीत सकते हैं" वाली टिप्पणी दर्शाती है कि खिलाड़ियों ने अपने खेल में सुधार करने के लिए प्रेरणा ली है, जिससे आने वाले मैचों में बेहतर रणनीति अपनाने की संभावना है।

ऑस्ट्रेलिया ने इस जीत से कौन‑सी रणनीति अपनाई?

ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती ओवरों में तेज़ रन बनाकर दबाव बनाया, फिर लिचफ़ील्ड‑मोनी की साझेदारी से लक्ष्य को सुगमता से पीछा किया, जो दिखाता है कि उन्होंने जोखिम‑भरे लेकिन नियंत्रित खेल को प्राथमिकता दी।

स्मृति मंदाना ने इस श्रृंखला में क्या विशेष किया?

स्मृति ने 300 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर का खिताब जीता, जिसमें पहली ODI में 58 और बाद की दो मैचों में क्रमशः 120 और 122 रन शुमार हैं, जिससे उनका तकनीकी कौशल और गति दोनों स्पष्ट दिखे।

भविष्य में इस श्रृंखला का क्या महत्व रहेगा?

यह श्रृंखला दोनों देशों के महिला क्रिकेट में नई चुनौतियों और संभावनाओं को उजागर करती है; भारत की टीम को आत्मविश्वास मिलेगा और ऑस्ट्रेलिया को अपनी स्थिरता बनाए रखने के लिए नई रणनीतियों को परखना पड़ेगा।

क्या इस जीत से ऑस्ट्रेलिया की रैंकिंग में बदलाव आया?

पहली जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया की ODI रैंकिंग में मामूली सुधार हुआ, जबकि भारत को थोड़ा गिरावट देखनी पड़ी; यह अंतरराष्ट्रीय क्रम में अगली मैचों के परिणाम पर काफी असर डाल सकता है।

10 टिप्पणि

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    Thirupathi Reddy Ch

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:13

    ऐसे हाई‑प्रोफ़ाइल मैचों में अक्सर पीछे से कुछ गुप्त हाथ काम कर रहे होते हैं, जो परिणाम को थोड़ा‑बहुत मोड़ते हैं।

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    Sonia Arora

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:23

    वाकई, भारतीय महिला टीम ने इस मैच में पूरी जोश और तकनीक दिखायी, और दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

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    abhinav gupta

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:38

    पहले तो बताना ही पड़ेगा कि 281 रन बनाना कोई छोटी बात नहीं, खासकर जब पावरप्ले में 55 रन बिना विकेट के निकलें। दूसरा, प्रातिका रावल की 64‑रन की पारी को देखकर लगता है जैसे वह बेसबॉल का बैट ले कर आई हों। तीसरा, स्मृति मंदाना का 58‑रन असली फायरफ़ॉक्स है, 6 चौके और एक छक्का, वाह! चौथा, हरलीन डोल की 54‑रन की पारी को देखते ही दिल कहता है "अरे यार, यह तो वाक़ई कमाल की है"। पाँचवाँ, ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से लिचफ़ील्ड का 50‑रन जल्दी‑जल्दी आने वाला जंप अजीब है। छठा, बेथ मोनी की 51* अनक्लोज़्ड इनिंग्स में एक ब्रेक जैसा लगता है। सातवाँ, सदरलैंड की 38‑रन की साझेदारी कभी‑कभी गुप्त मिशन जैसी लगती है। आठवाँ, दो टीमों के बीच फ़ील्डिंग स्टैट्स को देख कर पता चलता है कि बॉलिंग के साथ-साथ जादू भी चलता है। नौवाँ, इस सीरीज में कुल रन‑स्कोर निरंतर बढ़ता रहा, जैसे किसी बंधन को तोड़ते हुए। दसवाँ, भविष्य में इस तरह के मैचों से युवा लड़कियों को प्रेरणा मिलते ही नहीं, बल्कि उन्हें प्रोफेशनल लेवल पर धकेलते हैं। ग्यारहवाँ, अगर हम इस मैच को सामाजिक बदलाव की कसौटी पर रखें, तो यह एक बड़ी जीत है। बारहवाँ, क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि ऐसी जीतों को और अधिक प्रमोट करे, नहीं तो फैन बेस घटता रहेगा। तेरहवाँ, इंटरनेट पर जो फैन एंगेजमेंट देखी जा रही है, वह वाकई आश्चर्यजनक है। चौदहवाँ, इस मैच की हाइलाइट्स को यूट्यूब पर देखने से एक नई लहर आती है। पंद्रहवाँ, अंत में, ऐसा लगता है कि महिला क्रिकेट ने अब तक की सबसे बड़ी सीनिकरी बनाई है।

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    vinay viswkarma

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:46

    ये जीत सिर्फ़ स्कोरबोर्ड नहीं, दिलों की भी जीत है।

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    Jay Fuentes

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:03

    चलो भाई लोग, अगली मैच में भी यही जोश और हौसला दिखाओ, भारत जीत रहा है!

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    Veda t

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:13

    हमारे भारतीय खिलाड़ियों को हमेशा सपोर्ट करना चाहिए, नहीं तो ऐसी जीतें दुरभा हो जाएँगी।

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    akash shaikh

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:23

    हाहास् ये केस तो बिअकली कूल है, तो बेज़ी दोस्तोस ग़रीब नहीं बनते।

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    Anil Puri

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:36

    ऑस्ट्रेलिया की तेज़ साझेदारी ने दिखा दिया कि कब़ी भी मैच आसान नहीं होता, लेकिन कुशल खेल से जीत मिलती है।

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    poornima khot

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:46

    क्रिकेट सिर्फ़ खेल नहीं, यह एक सिखावन है-सहयोग, धीरज और आत्म‑विश्वास की।

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    Mukesh Yadav

    अक्तूबर 13, 2025 AT 00:56

    क्या आप जानते हैं कि इस मैच की स्ट्रेटेजी में कुछ गुप्त डेटा एन्क्रिप्शन लगा था, यही जीत का रहस्य हो सकता है।

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