आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास का दौरा किया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पर कथित तौर पर अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी द्वारा हमले का मामला सामने आया है।
बता दें कि स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार ने उन पर हमला किया था। इस मामले में पिछले महीने बिभव कुमार को गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं, राघव चड्ढा पिछले कुछ समय से ब्रिटेन में अपनी आंखों की सर्जरी करवाने के लिए गए हुए थे। उनकी लंबी अनुपस्थिति पर भी सवाल उठ रहे थे।
राघव चड्ढा के अरविंद केजरीवाल के आवास जाने को इस विवाद के बीच मुख्यमंत्री के प्रति उनके समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि इस मुलाकात में क्या बात हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मामले पर चर्चा हुई होगी।
स्वाति मालीवाल पर हमले का मामला
गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि 13 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर उनके साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा करने गई थीं तो अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार ने उनके साथ बदसलूकी की और धक्का-मुक्की की।
स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा था कि उन्हें अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास से बाहर निकाल दिया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
विपक्ष ने साधा निशाना
स्वाति मालीवाल के साथ कथित बदसलूकी के मामले को लेकर विपक्षी दलों ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे महिलाओं के प्रति केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता करार दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है।
राघव चड्ढा की भूमिका पर सवाल
इस मामले में राघव चड्ढा की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, राघव चड्ढा पिछले दो महीने से ब्रिटेन में थे। उन्होंने वहां अपनी आंखों की सर्जरी करवाई थी। ऐसे में उनकी लंबी अनुपस्थिति पर सवाल उठ रहे थे। राघव चड्ढा पर आरोप है कि वह अपनी पार्टी और सरकार के एक अहम मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
हालांकि अब राघव चड्ढा के अरविंद केजरीवाल के आवास जाने से साफ है कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या उन्होंने इस मामले में पहले चुप्पी साधकर ठीक किया?
आगे की राह
फिलहाल इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। स्वाति मालीवाल ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ऐसे में देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
वहीं इस मामले ने एक बार फिर दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को भी हवा दे दी है। आम आदमी पार्टी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा के मोर्चे पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
हालांकि आम आदमी पार्टी ने इस मामले में अपना बचाव किया है। पार्टी का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। पार्टी ने कहा है कि वह महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी।
लेकिन विपक्ष के निशाने पर अरविंद केजरीवाल सरकार है। ऐसे में सरकार के लिए इस मामले से निपटना एक चुनौती होगी। देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और कैसे दिल्ली सरकार इससे निपटती है।
patil sharan
मई 19, 2024 AT 01:37हाहा, केस की धुंध में फिर से कुछ राजनेता अपनी आवाज़ निकालते दिखे, जैसे सर्दी के बाद धूप का झाँका।
Nitin Talwar
मई 27, 2024 AT 06:57क़सम से, ये सब सरकार के अंदरूनी साज‑शृंखला है! ⛔️ आज के दिन में, हमारे देश की सुरक्षा किसके हाथों में है? 😡
onpriya sriyahan
जून 4, 2024 AT 12:17बहुत बढ़िया, कॉरिडोर में सच्ची बातों का खुलासा!
Sunil Kunders
जून 12, 2024 AT 17:37वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के विश्लेषण में यह निरुपयोगी प्रतीत होता है, क्योंकि निहित कारणों की गहन जांच आवश्यक है, न कि सतही टिप्पणियों की।
suraj jadhao
जून 20, 2024 AT 22:57राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सभी को एकजुट होना चाहिए 😊, चाहे जो भी राजनीतिक मुद्दा हो, हमें मिलकर हल निकालना चाहिए! 🙏
Agni Gendhing
जून 29, 2024 AT 04:17ओह यार!!! क्या बात है!! ये सब तो बिल्कुल ही चाकू के धक्के जैसे है!! सच्ची साजिश तो सामने आ ही गई है... इतो सरकार भी कब तक नज़रअंदाज़ करेगी?!!
Jay Baksh
जुलाई 7, 2024 AT 09:37ये पूरी बात तो बहुत ही ज़्यादा नाटकीय है, जैसे कोई बढ़िया फ़िल्म का सीन हो। हमें अब बस दादा की तरह शांति से देखना चाहिए।
Ramesh Kumar V G
जुलाई 15, 2024 AT 14:57वास्तव में, इस मुद्दे के बारे में विस्तृत तथ्य उपलब्ध हैं, और यदि आप गहराई से देखें तो पता चलेगा कि राष्ट्रीय हित हमेशा प्राथमिक होते हैं।
Gowthaman Ramasamy
जुलाई 23, 2024 AT 20:17संबंधित प्राधिकरणों को अनुशंसा की जाती है कि वे सभी तथ्यों का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण करें तथा न्यायिक प्रक्रिया के तहत उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। 📋
Navendu Sinha
अगस्त 1, 2024 AT 01:37यह घटना भारतीय लोकतंत्र की नैतिक जाँच का एक महत्वपूर्ण क्षण प्रस्तुत करती है।
लोकतांत्रिक प्रणाली में जब भी ऐसी गंभीर आरोप सामने आते हैं, तो जनता को निष्पक्ष जांच का अधिकार मिलता है।
स्वाति जी के ऊपर लगे हमले के तथ्यों को सतह से नहीं निकाला जाना चाहिए।
उन्हें सुरक्षा के लिए उचित उपायों की जरूरत है, क्योंकि उनका कार्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण है।
राजनीति के इस दौर में, जब विरोधी दल भी आरोपों का उपयोग करके आलोचना करते हैं, तो सत्य को पहचानना कठिन हो जाता है।
परंतु, इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी सत्ता में रहने वाला व्यक्ति बिना जवाबदेही के नहीं रह सकता।
इसलिए, सभी पक्षों को मिलकर एक पारदर्शी जाँच प्रक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए।
दिल्ली पुलिस को इस मामले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहिए और सभी साक्ष्यों को इकट्ठा करना चाहिए।
यदि बिभव कुमार को सच में दोषी पाया जाता है, तो कड़ी सजा के साथ उनका निपटारा होना चाहिए।
वहीं, यदि अभियोजन में अनुत्तीर्ण कारण पाए जाते हैं, तो आरोपों को वापस लेना चाहिए।
इस तरह का संतुलित दृष्टिकोण लोकतंत्र की शान को बनाए रखेगा।
अतिरिक्त रूप से, राजनेताओं को भी जनता के भरोसे को कायम रखने के लिए खुले तौर पर बातें करनी चाहिए।
राघव चड्ढा का आवास दौरा भी अगर एक सकारात्मक संदेश देने के लिए था, तो इसे व्याख्या में लाया जा सकता है।
अंत में, सामाजिक स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोहराई न जाएँ।
यही वह मार्ग है जिससे हम एक सशक्त और समावेशी भारत बनाते रहेंगे।