जब Muthoot Finance Limited और Manappuram Finance Limited के शेयर 10 अक्टूबर 2025 को झुके, तो इसका प्रमुख कारण था स्वर्ण कीमत का $4,000 प्रति औंस से नीचे जाना। इस गिरावट को Reserve Bank of India (RBI) द्वारा जारी नई 75 % लोन‑टू‑वैल्यू (LTV) सीमा के साथ और तेज़ी मिली, जो सभी स्वर्ण‑बैक्ड लोन पर लागू होगी। एंजेल वन (Angel One) के डेटा के अनुसार, Muthoot के शेयर ₹3,157.80 पर बंद हुए, जबकि Manappuram के शेयर ₹284.90 पर नीचे आए।
स्वर्ण कीमतों में गिरावट और उसका कारण
ग्लोबल कमोडिटी बाजार में जुलाई‑अगस्त में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती की आशा और भू‑राजनीतिक तनावों के कारण स्वर्ण कीमतें अभूतपूर्व स्तरों पर पहुँची थीं। लेकिन 10 अक्टूबर को, डॉलर के एवरेज में मजबूती और नज़र आने वाले आर्थिक संकेतकों ने स्वर्ण को $4,000/औंस की सीमा से नीचे ला दिया। भारतीय बाजार में 24‑कैरेट स्वर्ण ₹12,229 प्रति ग्राम पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से ₹186 कम था। 22‑कैरेट और 18‑कैरेट की कीमतें क्रमशः ₹11,210 और ₹9,172 पर पहुंची, जिससे सभी स्तरों पर निवेशकों का मनोबल गिरा।
Muthoot Finance और Manappuram के शेयर में गिरावट
स्वर्ण कीमतों के नीचे जाने के साथ-साथ, दोनों NBFCs के शेयर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। एंजेल वन के अनुसार, Muthoot Finance ने दिन के दौरान उच्चतम ₹3,240.00 से नीचे होकर ₹3,150.50 पर पहुँच कर, अंत में ₹3,157.80 पर बंद किया। वहीँ Manappuram Finance ने उच्चतम ₹295.00 से गिरकर ₹282.80 पर बंद किया, और अंतिम कीमत ₹284.70 रही। Equitymaster ने बताया कि Muthoot Finance के शेयर पिछले दो दिनों में कुल 14 % गिरे, जबकि साल‑भर के स्तर पर 9 % की गिरावट दर्ज हुई।
RBI की नई स्वर्ण‑ऋण नीति का प्रभाव
RBI की नई नीति ने सभी स्वर्ण‑बैक्ड लोन पर 75 % का समान LTV कैप लागू किया, जिससे न केवल ऋण की पात्रता पर असर पड़ेगा, बल्कि मौजूदा लोन पोर्टफोलियो के मूल्यांकन को भी पुनः देखना पड़ेगा। इस कदम को अनेक एनालिस्ट्स ने “जोखिम प्रबंधन के लिए आवश्यक” कहा, पर साथ‑साथ कंपनियों के लिए ‘शॉर्ट‑टर्म’ दबाव भी पैदा किया। Muthoot Finance के सीईओ ने कहा कि कंपनी इस परिवर्तन को लेकर “अधिकतम पारदर्शिता” बनाए रखेगी और “ग्राहक‑केन्द्रित समाधान” प्रदान करेगी।
विश्लेषकों की राय और भविष्य की संभावनाएँ
वित्तीय विशेषज्ञों ने कहा कि स्वर्ण कीमतों की अस्थिरता NBFCs के लोन‑बुक को अस्थिर कर सकती है, परंतु दीर्घकालिक दृष्टि से यदि आर्थिक स्थिति स्थिर रहे तो दोनों कंपनियों के बुनियादी प्रचलन में कोई बड़ी कमी नहीं दिखेगी। The New Indian Express के एक विश्लेषक ने बताया, “Muthoot और Manappuram का राजस्व संरचना बहुत हद तक स्वर्ण‑लोन पर निर्भर है, इसलिए स्वर्ण की कीमतों में स्थिरता इनके शेयरों को फिर से ऊँचा कर सकती है।”
Economic Times के अनुसार, Muthoot Finance ने तिमाही‑वार 14.72 % की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है, और वार्षिक राजस्व में 34.04 % की बढ़त दिखा रहा है।
आगे के कदम और बाजार की संभावनाएँ
RBI की नीति के बाद, Muthoot Finance ने 14 अक्टूबर को US$150 मिलियन की 6.375 % वरिष्ठ सुरक्षित नोट्स जारी करने की योजना बताई है, जो NSE IFSC पर लिस्ट होगी। इसके अलावा, कंपनी का बोर्ड 15 अक्टूबर को बोनस शेयर जारी करने पर विचार करेगा। NDTV Profit की रिपोर्ट के अनुसार, Muthoot ने कहा है कि उसने किसी भी प्रकार के निवेशकों के फंड नहीं लिये हैं और Srei Companies के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।
- मुख्य तथ्य:
- स्वर्ण कीमत $4,000/औंस से नीचे गिरा (10 अक्टूबर 2025)
- Muthoot Finance के शेयर 2.82 % गिरकर ₹3,157.80 पर बंद हुए
- Manappuram Finance के शेयर 3.18 % गिरकर ₹284.90 पर बंद हुए
- RBI ने 75 % LTV कैप लागू किया
- Muthoot की वार्षिक राजस्व वृद्धि 34.04 % रही
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्वर्ण कीमत में गिरावट से Muthoot Finance के ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
जब स्वर्ण की कीमत नीचे आती है, तो उधारकर्ता के लिए सतह पर जमा स्वर्ण की मूल्यांकन घटती है, जिससे कुछ लोन के लिए अतिरिक्त मार्जिन या पुनः मूल्यांकन की जरूरत पड़ सकती है। कंपनी ने बताया है कि वह उचित मार्जिन प्रावधान के साथ लोन जारी रखेगी।
RBI की नई 75 % LTV सीमा का भारत के कुल स्वर्ण‑बैक्ड लोन मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह सीमा अधिकांश NBFCs के लोन‑पीढ़ी को सीमित करेगी, जिससे नई लोन की मात्रा में घटाव आ सकता है। परन्तु यह जोखिम‑प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से है, जिससे देनदारियों की डिफ़ॉल्ट दर में कमी की उम्मीद है।
Manappuram Finance की शेयर कीमत में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
Manappuram का राजस्व भी बड़े पैमाने पर स्वर्ण‑लोन पर निर्भर है। स्वर्ण कीमत के गिरने से उनके कॉलैटरल की वैल्यू कम हुई और निवेशकों में बेचैनियां उत्पन्न हुईं, जिससे शेयर में बेचांटारी बढ़ी।
Muthoot Finance ने बोनस शेयर की घोषणा क्यों की?
बोनस शेयर जारी करने से मौजूदा शेयरधारकों के प्रति कंपनी की लाभांश प्रदान करने की नीति दिखती है और यह बाजार में शेयर की तरलता बढ़ाने का एक तरीका भी हो सकता है। बोर्ड ने इसे 15 अक्टूबर को प्रस्तावित किया है।
भविष्य में स्वर्ण कीमतों में स्थिरता कब अपेक्षित है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि वैश्विक बैंकों की दर‑नीति स्पष्ट हो और भू‑राजनीतिक तनाव कम हो, तो स्वर्ण कीमतों में स्थिरता लौट सकती है। बाजार के अनुसार, अगले दो‑तीन महीनों में कीमतें फिर से $4,500 के आसपास स्थिर हो सकती हैं।
SIDDHARTH CHELLADURAI
अक्तूबर 13, 2025 AT 22:51बिलकुल सही कहा, RBI की नई 75% LTV सीमा से NBFCs को थोड़ी टेंशन तो होगी, लेकिन इसे एक मौका भी समझो 🙌
अगर आप गोल्ड‑लोन में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो मार्केट की अस्थिरता को ध्यान में रख कर थोड़ा सावधान रहो।