सहारा रेगिस्तान में अप्रत्याशित बाढ़: मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी बारिश

सहारा रेगिस्तान में अप्रत्याशित बाढ़: मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी बारिश

सहारा रेगिस्तान में अप्रत्याशित बारिश का चमत्कार

जब हम सहारा रेगिस्तान की बात करते हैं, तो हमारे मन में तपती धूप, जलती रेत और पानी की कमी का चित्र उभरता है। लेकिन सितंबर 2024 में, दक्षिणी-पूर्वी मॉरक्को के सहारा रेगिस्तान में कुछ ऐसा घटित हुआ जो अप्रत्याशित था। भारी और लगातार वर्षा के कारण इस क्षेत्र में बाढ़ आ गई, और यह वर्षा 50 साल की सबसे अधिक थी। यह खबरे बुरी तो थी, क्योंकि इससे जानमाल का नुकसान हुआ परंतु सकारात्मक बदलाव भी लेकर आई मधुर जलधाराएं। इनकी वजह से क्षेत्रीय हवाले से खाली पड़ी जमीन पर फिर से हरियाली आ सकती है।

जीवनदायिनी बारिश और उसका प्रभाव

सहारा के तप्त रेत के बीच पानी के प्राकृतिक तालाबों ने नदियों का रूप लिया जो अपनी जिंदगी की कहानी बयां करते थे। यह भारी वर्षा उन क्षेत्रों में हुई है, जहां आमतौर पर बहुत कम बारिश होती है और वार्षिक औसत बारिश के आंकड़े को पार कर गई। टगूनाइट जैसे गाँव को 24 घंटे में 3.9 इंच बारिश मिली जो कि वहाँ के सालाना औसत से भी कई गुना अधिक है। इस वर्षा के कारण झील इरिकी में जिंदगी लौट आई है, जो कि पिछले 50 वर्षों से सूखी थी।

पर्यावरण में बदलाव की आशंका

मॉरक्को की मौसम विज्ञान निदेशालय के हौसीन यौबेब ने बताया कि इस प्रकार की न्यूमौत बारिश अब इस क्षेत्र के पर्यावरण में बदलाव लाने की संभावना बन सकती है। इससे हवा में नमी बढ़ेगी, लेकिन साथ ही और मॉडर्न दर्ज की जा सकती है, जो आगे चलकर कई और मौसमीय बदलाव का कारण बन सकती है। इस अनोखी प्राकृतिक घटना से क्षेत्र में दशकों से चली आ रही सूखे की स्थिति में कुछ राहत मिलेगी।

किसानों और स्थानीय जनता के लिए चुनौती

पिछले छह वर्षों के सूखे ने मॉरक्को के किसानों और स्थानीय जनता को बहुत प्रभावित किया था। इस अभूतपूर्व बारिश के कारण अनेक जल स्रोत फिर से जीवित हो सकते हैं, जिसका लाभ निचले क्षेत्रों में बसी जनता को मिलेगा। लेकिन इस बारिश से फसलें भी प्रभावित हुई हैं। बाढ़ के कारण 20 से अधिक लोगों की जान चली गई और कृषि उपज अशांत हो गए।

अर्थव्यवस्था और पुनर्निर्माण की दिशा

मॉरक्कन सरकार ने आपातकालीन सहायता फंड विकसित किए हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को मदद मिल सके व पिछले साल के भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति भी सुधारी जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय बारिश की सीमा में बढ़ोतरी का असर मुख्यत: सहारा क्षेत्रों में रहे माली और मॉरिटानिया पर पड़ता था। हालांकि, इस वर्ष मॉरक्को के सहारा में भी यह असामान्य बारिश देखी गई।

आगे की संभावनाएँ और चुनौतियाँ

ग्राम प्रधान और स्थानीय लोग अब बेहतर जल प्रबंधन और फसल योजना पर विचार कर रहे हैं ताकि भविष्य में इसी तरह की कोई प्राकृतिक विपदा से निपटा जा सके। इस बाढ़ ने सहारा रेगिस्तान के भूगोल और सामाजिक जीवन दोनों पर बड़ी छाप छोड़ी है, जो भावी पीढ़ियों को ये सीख देगी की समय के साथ स्वभाविक बदलावों को स्वीकार करना चाहिए।