अहमदाबाद प्लेन क्रैश: टेकऑफ के तुरन्त बाद फ्यूल कटऑफ, 32 सेकंड में दोनों इंजन फेल, 260 लोगों की मौत

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: टेकऑफ के तुरन्त बाद फ्यूल कटऑफ, 32 सेकंड में दोनों इंजन फेल, 260 लोगों की मौत

टेकऑफ के तुरंत बाद त्रासदी: अहमदाबाद प्लेन क्रैश कैसे हुआ?

12 जून 2025 को शाम छह बजे का वक्त था। अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन की फ्लाइट 171 ने जैसे ही रनवे छोड़ा, लोगों के सपनों और जिंदगी में ब्लैकआउट सा छा गया। बोइंग 787-8 विमान ने टेकऑफ के ठीक एक सेकंड बाद दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच अचानक 'CUTOFF' पोजिशन में चले गए। शुरुआत में तो किसी को हैरानी नहीं हुई, लेकिन इसके 32 सेकंड बाद दोनों इंजन ठप्प पड़ गए। विमान ढाई सौ फीट की ऊंचाई तक पहुंचा ही था, तभी वह लड़खड़ाकर बगल के हॉस्टल पर जा गिरा।

धरती पर सबकुछ रुक गया। विद्रोह की आग जैसे हॉस्टल परिसर में उतर आई थी। हादसे में फ्लाइट के 241 में से 241 यात्रियों व क्रू में से केवल एक की जान बची, बाकी सभी मौत के आगोश में समा गए। जमीन पर भी तबाही कम नहीं थी—हॉस्टल के 19 लोग, जिनमें अधिकतर मेडिकल स्टूडेंट्स थे, और वहां मौजूद कुछ कर्मचारी भी चपेट में आ गए। इस हादसे में कुल 260 जिंदगियां एक ही झटके में खत्म हो गईं।

एकमात्र जीवित: भाग्य और हिम्मत की अनोखी कहानी

एकमात्र बचे, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक जो मूल रूप से भारतीय थे, सीट 11A के पास इमरजेंसी एक्जिट के करीब बैठे थे। विमान के Crash होते ही जैसे ही धमाका हुआ, उनसे सोचा भी नहीं गया, उन्होंने टूटी हुई खिड़की से खुद को खींचकर बाहर निकाल लिया। मामूली जलन और खरोंचों के साथ उनकी जान बच गई। उन्हें बाद में अस्पताल से छुट्टी मिल गई। यह किसी फिल्मी चमत्कार से कम नहीं था।

इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनकी पहचान DNA टेस्टिंग के जरिए करीब दो हफ्ते बाद हो पाई। हादसे की जगह पर आग ने इतना कहर मचाया था कि डीएनए के सिवाय किसी और तरीके से शवों की पहचान ही नहीं हो सकती थी। अस्पताल में 50 से ज्यादा मेडिकल छात्र भर्ती हुए, जिनमें 10 से 12 छात्र फ्लोर पर जलती आग में फंसे रहे।

एयर इंडिया ने हादसे के तुरंत बाद पुष्टि कर दी और प्रभावित परिवारों के लिए हेल्पलाइन (+91 8062779200) जारी की। अफरा-तफरी के माहौल में अधिकारी, विजिलेंस टीम, फॉरेंसिक विशेषज्ञ और एंबुलेंस मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सैंकड़ों परिवारों की खुशियां पल में उजड़ गईं।

जांच का दौर शुरू हुआ। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने शुरुआती रिपोर्ट में उस यादगार पल को दर्ज किया जब कॉकपिट में एक पायलट ने दूसरे से पूछा—'तुमने फ्यूल क्यों काटा?' जवाब में दूसरा बोला, 'मैंने नहीं किया।' इस बातचीत ने हर किसी की बेचैनी बढ़ा दी। CVR (कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर) में दर्ज यह चर्चा, हादसे की गुत्थी की एक झलक जरूर देती है, लेकिन असली कारण अभी भी उजागर नहीं किए गए हैं। न जांच एजेंसी ने पिछली कलिकट फ्लाइट दुर्घटना की तरह रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है, न ही घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी गई है।

देश भर में सवाल उठ रहे हैं—आखिर, दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच कैसे CUTOFF हो गए? क्या तकनीकी गड़बड़ी थी या मानवीय भूल? CVR रिकॉर्डिंग का केवल एक छोटा हिस्सा ही सामने लाया गया है, जिससे यात्रियों और परिवारों में आक्रोश है। कई विशेषज्ञ अब कॉकपिट में वीडियो रिकॉर्डर लगाने की मांग कर रहे हैं।

AAIB की जांच फिलहाल जारी है और माना जा रहा है कि पूरी सच्चाई सामने आने में कई महीने लग सकते हैं। लेकिन हादसे की दरिंदगी और सवालों की गूंज इतनी तीखी है कि अब सरकारी गोपनीयता भी लोगों को असहज करने लगी है।