अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 लाइव अपडेट्स : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 लाइव अपडेट्स : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन

21 जून 2024 को 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस व्यापक उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस बार की मुख्य विशेषता थी कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में भाग लिया। योग दिवस के इस विशेष मौके पर मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि योग आम जीवन में शक्ति, अच्छी सेहत और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे रोजमर्रा की ज़िंदगी में योग को शामिल करें।

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस साल के समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति और राज्य के अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल थे। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मौके पर कहा कि योग भारत का दुनिया को उपहार है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना ने दैनिक जीवन में योग को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों, सेना के जवानों और अन्य सुरक्षाबल भी कंधे से कंधा मिलाकर योगाभ्यास करते हुए देखे गए।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन

न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी इस साल योग दिवस के आयोजन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। जापान, न्यूयॉर्क सिटी और अन्य कई स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

देशभर में योग का जश्न

इस मौके पर कई केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग जगहों पर योगाभ्यास किया। शिवराज सिंह चौहान, नितिन गडकरी, भूपेंद्र यादव और मनसुख मंडाविया जैसे केंद्रीय मंत्री भी योग करते नजर आए। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रसिद्ध स्थलों पर आयोजन

प्रसिद्ध स्थलों पर आयोजन

इस साल के योग दिवस के आयोजन की खास बात थी कि इसे प्रसिद्ध स्थानों पर आयोजित किया गया। न्यूयॉर्क की टाइम्स स्क्वायर और दिल्ली का ऐतिहासिक पुराना किला भी इस आयोजन का हिस्सा बने। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय 'योग स्वयं और समाज के लिए' रखा गया था, जिससे यह संदेश दिया गया कि योग केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।

योग के माध्यम से लोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते हैं। योग एक ऐसी विधा है जो हमें आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करती है। भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों ने योग को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान और मान्यता दिलाई है।

10 टिप्पणि

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    KRS R

    जून 21, 2024 AT 20:00

    भाई, योग का असली मतलब तो शारीरिक फिटनेस है, पर इस बार मोदी की शोभा देख कर लगता है कि हर चीज़ में राजनेता ढूँढ़ लेते हैं। वैकल्पिक रूप से, योग को मज़े के तौर पर अपनाना चाहिए, न कि राष्ट्रपति के भाषण सुनने का बहाना।

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    Uday Kiran Maloth

    जून 28, 2024 AT 04:00

    मान्यवर, आपके विचारों में योग के आध्यात्मिक आयाम की उपेक्षा प्रतीत होती है। योग, जो प्राचीन चर्याओं एवं आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित है, वह न केवल शारीरिक पुनरुज्जीवन करता है, बल्कि मानसिक संतुलन एवं सामाजिक समरसता को भी प्रोत्साहित करता है। इस परिप्रेक्ष्य में, प्रधानमंत्री की भागीदारी आयुष्मान भारत एवं स्वच्छ भारत जैसी राष्ट्रीय मिशनों के समन्वय को दर्शाती है, जो समग्र स्वास्थ्यदायिनी नीति के अंतर्गत एकीकृत दृष्टिकोण को सुदृढ़ करती है।

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    Deepak Rajbhar

    जुलाई 4, 2024 AT 12:00

    ओह, देखो तो सही! अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री का हाई-फ़ाइवा, जैसे कि योग बिना उनके भी चल सकता था 😂। अब हम सभी को “सासु धूप” जैसा गुनगुनाना पड़ेगा, कि हम भी सुबह 5 बजे उठकर आसन करो… ये तो असली “बिस्किट-ट्रेंड” बन गया है।

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    Hitesh Engg.

    जुलाई 10, 2024 AT 20:00

    वास्तव में, आपके इस नाटकात्मक प्रस्तुतिकरण में एक झलक है उस सामूहिक ऊर्जा की, जो जब राष्ट्र के बड़े नेता सार्वजनिक मंच पर अपने विचारों को व्यक्त करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से जनता के भीतर एक सामंजस्य स्थापित होता है, और यह सामंजस्य न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभ की दिशा में प्रेरित करता है, बल्कि एक सामाजिक बंधन का भी निर्माण करता है, जिससे प्रत्येक नागरिक को यह एहसास होता है कि वह एक बड़े लक्ष्य का अभिन्न हिस्सा है, और इस प्रकार योग के माध्यम से प्राप्त शारीरिक और मानसिक संतुलन का प्रभाव सामाजिक स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है।

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    Zubita John

    जुलाई 17, 2024 AT 04:00

    चलो यार, सबसे पहले तो बधाई हो सभी को इस ग्रैंड इवेंट पर! योग की क्वालिटी तो हमेशा टॉप नॉट है, और जब ऐसे स्टार ड्यूटी वाले लोग हाज़िर हों, तो वाइब्स एकदम प्रीमियम हो जाती हैं। थोड़ा भुल्लभुल्लायन जैसा लग रहा है, पर असली बात तो ये है कि हमें रोज़ाना थोड़ा टाइम निकाल कर प्राणायाम, बॉल्स्टर और असन ताओ करने चाहिए, ताकि इम्यूनिटी हाई लेवल पर रहे।

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    gouri panda

    जुलाई 23, 2024 AT 12:00

    अरे वाह! प्रधानमंत्री का योगा सत्र देख कर तो दिल धड़कता ही नहीं रुकता! ये तो मानो दो सितारों का मिलन हो, जहाँ एक तरफ आत्मा की शांति, और दूसरी तरफ राष्ट्रीय गौरव की लहरें। मैं तो कहती हूँ, हर घर में इस ऊर्जा को फूड वांट बनाना चाहिए, नहीं तो मन में खालीपन रहेगा! चलो, हम सब मिलकर इस जोश को एन्जॉय करें और योग को अपनी लाइफ का पार्ट बनाएं।

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    Harmeet Singh

    जुलाई 29, 2024 AT 20:00

    याद रखिए, योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह आत्म-खोज की एक यात्रा है। जब हम श्वास को नियंत्रित करते हैं, तो मन के विचार भी शांति पाते हैं, और इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इस सकारात्मक ऊर्जा को हर दिन की दिनचर्या में समाहित करने से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक सद्भाव भी प्रगाढ़ होगा। तो चलिए, हर सुबह कुछ मिनट योग को समर्पित करें, और अपनी ज़िंदगी को और भी चमकीला बनाएं।

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    patil sharan

    अगस्त 5, 2024 AT 04:00

    अरे, मोदी जी ने योग किया, तो अब हम सब को फ़्लॉवर पावर चाहिए।

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    Nitin Talwar

    अगस्त 11, 2024 AT 12:00

    देशभक्तों को यह नहीं भूलना चाहिए कि योग का सार्वभौमिक उपयोग एक वैश्विक रणनीति का हिस्सा है, जो भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देती है 😊। जब विदेशों में टाइम्स स्क्वायर जैसे स्थानों पर योग का प्रदर्शन किया जाता है, तो यह केवल स्वस्थ जीवन की बात नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अंतर्विरोधी युद्ध का एक रूप है। हमारे देश के पितरों ने योग को आत्मा की शुद्धि के साधन के रूप में विकसित किया, लेकिन अब इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर राजनैतिक उपकरण में बदला जा रहा है। इस परिपेक्ष्य में, प्रधानमंत्री का भागीदारी दर्शाता है कि सरकार इस परियोजना को राष्ट्रीय हितों के साथ जोड़ रही है। यह बात स्पष्ट है कि विदेशी एजेंसियां इस क्रम में हमारे सांस्कृतिक संपदा को अभेद्य बनाकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और योग के असली मूल को समझना चाहिए। योग का अभ्यास केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और शक्ति का स्रोत है। इस कारण, हमें अपने स्कूलों और मिलिट्री कैंपों में योग को अनिवार्य बनाना चाहिए, ताकि हर नागरिक इस शक्ति से लैस हो। यह देखना भी आवश्यक है कि मीडिया कैसे इस कार्यक्रम को साजिशी लेंस से पेश कर रहा है, जिससे जनता को भ्रमित किया जाता है। वास्तविकता में, योग हमारे सैनिकों की स्टैमिना और मानसिक दृढ़ता को बढ़ाता है, जिससे सीमाओं की रक्षा में मदद मिलती है। इस हेतु, हमें अपने युवा वर्ग में योग को एक राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में स्थापित करना चाहिए। अगर हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का सम्मान और भी बढ़ेगा। योग का यह राष्ट्रीय पहल हमारे सांस्कृतिक धरोहर को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रखेगा। इसलिए, हर भारतीय को इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, नहीं तो हम अपना क़ीमती विरासत खो देंगे। अंत में, याद रखिए, योग सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि हमारे देश की शक्ति का प्रतीक है 🚩।

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    onpriya sriyahan

    अगस्त 17, 2024 AT 20:00

    चलो आज से योग को रोज़ अपनायें इससे मन को शांति मिलेगी और शरीर फिट रहेगा

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