बरेली के टॉपर्स ने रचा इतिहास
CBSE ने 13 मई 2025 को 12वीं कक्षा के नतीजे जारी किए और इस बार बरेली के छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। यशस्वी कुमार और सृति वर्मा ने 99.6% अंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया। यशस्वी कुमार जहां अपने स्ट्रीम के टॉपर हैं, वहीं सृति वर्मा ने ह्यूमैनिटीज में सबसे ज्यादा स्कोर किया। दोनों को जोनल टॉपर भी घोषित किया गया, जिससे उनकी मेहनत और पढ़ाई की गंभीरता साफ नजर आती है। माता-पिता, स्कूल और परिवारजन इनके जज्बे पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
विशेष बात यह रही कि दोनों छात्रों ने कोरोना के बाद बदलती पढ़ाई व्यवस्था को अपनाया और सेल्फ-स्टडी से भी खुद को साबित किया। तैयारी के लिए इन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन क्लासेस और मॉक टेस्ट का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया। दोनों का मानना है कि समय का बेहतर प्रबंधन और लगातार रिवीजन ने उन्हें यह मुकाम दिलाया। उनके शिक्षक बताते हैं कि ना सिर्फ पढ़ाई में बल्कि एक्स्ट्रा करिकुलर में भी इनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
देशभर में नतीजों का जायजा
इस साल सीबीएसई 12वीं का ओवरऑल पास प्रतिशत 88.39% रहा, जिसमें पिछले साल के मुकाबले हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली। खास बात ये रही कि CBSE 12वीं परिणाम में लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ दिया। लड़कियों के पास होने का प्रतिशत 91.64% रहा, जबकि लड़कों का 85.70%। ट्रांसजेंडर कैटेगरी में भी इस बार 100% पासिंग रेट दर्ज हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले एक बड़ा सुधार है। आकड़ों के मुताबिक, 1.1 लाख से अधिक छात्र 90% से ऊपर स्कोर करने में सफल रहे और करीब 24,867 छात्रों ने 95% से अधिक नंबर हासिल किए।
16.9 लाख से ज्यादा छात्रों ने फरवरी से अप्रैल के बीच परीक्षा दी थी, जिसमें करीब 14.96 लाख पास हुए। कोरोना के बाद पहली बार बड़े स्तर पर ऑफलाइन परीक्षा आयोजित हुई और इस दौरान छात्रों व अभिभावकों के लिए कई तरह की हेल्पलाइन व सपोर्ट सिस्टम भी बनाए गए थे।
रिजल्ट देखने के लिए डिजिटल सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। छात्र अपना अंकपत्र डिजीलॉकर, UMANG ऐप या सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से देख सकते हैं। जिन छात्रों के पास इंटरनेट नहीं है, वे एसएमएस के जरिए भी परिणाम जान सकते हैं—इसके लिए ‘CBSE12 <रोल नंबर>’ 7738299899 पर भेजना होगा।
नतीजों के साथ ही अब छात्रों के सामने नई चुनौतियां आ गई हैं—कई स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई, कोर्स व कॉलेज के चयन को लेकर उत्साहित हैं। स्कूलों में भी जश्न का माहौल है। काउंसलर्स के मुताबिक अच्छे रिजल्ट से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है और उन्हें अपने करियर व सपनों की ओर बढ़ने का नया हौसला मिला है।
patil sharan
मई 14, 2025 AT 20:00अच्छा, बरेली ने फिर से दिमाख़ बजा दिया।
Nitin Talwar
मई 14, 2025 AT 20:50डिजिटल एग्जाम सिस्टम तो हमेशा से ही सवालख़ोर रहा है 😒। जब लाखों छात्र एक साथ ऑनलाइन लॉगिन करते हैं तो क्रैश होना तय है। हमारे देश में ऐसी बड़ी परीक्षा को बिना बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर के करवाना बेकार की नीति है।
onpriya sriyahan
मई 14, 2025 AT 21:40यशस्वी और सृति की कहानी सुनके मन में जोश आ जाता है! वाकई में मेहनत और ठीक टाइम मैनेज्मेंट से सब कुछ संभव है। अपने सपनों को आगे बढ़ाओ, कोई भी बाधा अडवांस्ड नहीं है। हम सबको इनके जैसे फोकस रखना चाहिए.
Sunil Kunders
मई 14, 2025 AT 22:46बरेली के इस दो छात्र का परिणाम राष्ट्रीय शैक्षणिक मंच पर एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन दर्शाता है।
उनके 99.6% अंक न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि हैं, बल्कि स्थानीय शैक्षणिक प्रणाली की क्षमता का प्रमाण हैं।
यह दर्शाता है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की शैक्षिक असमानता को समाप्त करने के लिए समुचित रणनीतियाँ कार्यरत हैं।
इन परिणामों से पता चलता है कि डिजिटल लर्निंग के सही उपयोग से पारंपरिक शिक्षण विधियों को पूरक किया जा सकता है।
कोरोना के बाद के प्रतिबंधों के दौरान स्वयं-शिक्षा को अपनाने वाले छात्रों ने अपनी आत्मनिर्भरता को परिपक्व किया।
साथ ही, विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मॉक टेस्ट ने वास्तविक परीक्षा के तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
इस प्रकार, बरेली के टॉपर्स ने सिद्ध किया कि लक्ष्य पर केन्द्रित रहने से बाधाएँ स्वाभाविक रूप से फीकी पड़ जाती हैं।
उनका उदाहरण अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरक मॉडल बन सकता है, जिससे उन्हें भी उच्च लक्ष्य निर्धारित करने का साहस मिलेगा।
स्कूल प्रशासन ने भी इस सफलता को उत्सव के रूप में मनाया, जिससे विद्यार्थी‑अभिभावक‑शिक्षक साझेदारी को नई ऊर्जा मिली।
विशिष्ट रूप से, इस सफलता ने यह संकेत दिया कि मौजूदा शैक्षणिक नीतियों में एक पुनरावलोकन की आवश्यकता है।
यदि हम इन उत्कृष्ट परिणामों को निरंतर बनाकर रख सकें, तो राष्ट्रीय स्तर पर हमारे छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी।
इसके अलावा, यह सफलता यह भी दर्शाती है कि महिला छात्रों ने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है, जो लिंग समानता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
भविष्य में, ऐसी उपलब्धियों को स्थायी बनाने के लिए सरकार को डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश करना चाहिए।
अंततः, बरेली के ये दो छात्र हमें यह याद दिलाते हैं कि व्यक्तिगत प्रेरणा और सामूहिक समर्थन मिलकर असाधारण परिणाम ला सकते हैं।
इस भावना को सभी शैक्षणिक संस्थानों में अपनाना चाहिए, तभी हम सम्पूर्ण राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक उत्कृष्टता हासिल कर पाएंगे।
suraj jadhao
मई 14, 2025 AT 23:53बधाई हो यशस्वी और सृति को! 🎉🎓 आपका संघर्ष हम सबको प्रेरित करता है, और बरेली का नाम रोशन किया। साथ मिलकर आगे भी ऐसे ही सफलता की कहानी लिखते रहें 😊.
Agni Gendhing
मई 15, 2025 AT 01:00ओह्!!!! क्या बात है!! डिजिटल एग्जाम सिस्टम को तो दिमाग़ के दाने का दवा माना गया है!!! बिलकुल भी भरोसेमंद नहीं!!! सरकार की इस योजना में तो क़ीमत के साथ साथ हवा भी मिलती है!!! 🙄
Jay Baksh
मई 15, 2025 AT 02:06ये राष्ट्रीय गर्व का पल है! हमारे देश के बौद्धिक शक्ति ने फिर एक बार दिखा दिया कि हम में क्या है। चाहे कोई भी चुनौती हो, हम हमेशा ऊपर उठेंगे। जय हिन्द!!!
Ramesh Kumar V G
मई 15, 2025 AT 03:13वास्तव में, 2025 के सीबीएसई परिणामों में कुल पास प्रतिशत 88.39% रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में हल्की बढ़ोतरी है। लड़कियों के पास होने की दर 91.64% तक पहुंची, जबकि लड़कों की 85.70% रही। यह संकेत देता है कि लिंग अंतर कम हो रहा है। इसके साथ ही, ट्रांसजेंडर वर्ग में 100% पासिंग दर दर्ज हुई, जो सामाजिक प्रगति का सकारात्मक संकेत है।
Gowthaman Ramasamy
मई 15, 2025 AT 04:20धन्यवाद सर, आपके विस्तृत डेटा के लिए। यदि कोई छात्र अपने परिणाम का विवरण अधिक गहराई से देखना चाहता है, तो वे आधिकारिक सीबीएसई पोर्टल या UMANG ऐप का उपयोग कर सकते हैं। किसी भी तकनीकी समस्या के लिए, एसएमएस सेवा भी उपलब्ध है। आशा है यह जानकारी उपयोगी रहेगी। 😊