भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक तेजी, दो दिन में निवेशकों की संपत्ति में 18.42 लाख करोड़ रु. का इजाफा

भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक तेजी, दो दिन में निवेशकों की संपत्ति में 18.42 लाख करोड़ रु. का इजाफा

शेयर बाजार में तेज उछाल: निवेशकों को मिला जबरदस्त रिटर्न

अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं या रुचि रखते हैं तो हाल ही के दो कारोबारी दिनों ने शायद आपको हैरान किया होगा। शेयर बाजार यानी सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ही इंडेक्स एक नई छलांग लगा चुके हैं। बीएसई सेंसेक्स 852 अंक की उछाल के साथ 79,405 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचा, वहीं एनएसई निफ्टी ने 274 अंक की तेज बढ़त के साथ 24,125 का आंकड़ा छू लिया। यह लगातार पांचवां दिन था जब बाजार चढ़ा। सबसे खास बात- सिर्फ दो दिन में निवेशकों की जेब में कुल 18.42 लाख करोड़ रु. की संपत्ति जुड़ गई!

ऐसा क्यों हुआ, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा था। हकीकत ये है कि इस तेजी के पीछे कई अहम वजहें थीं, जिनमें सबसे बड़ा रोल बैंकिंग सेक्टर की धांसू कमाई का रहा। अब बात भी करेंगे उन कंपनियों की जिन्होंने भारी प्रॉफिट दर्ज किया और बाजार को चढ़ा दिया।

बैंकिंग, आईटी, ऑटो: किसने बाजार को रफ्तार दी?

बैंकिंग, आईटी, ऑटो: किसने बाजार को रफ्तार दी?

सबसे आगे रहे दो बड़े बैंक- एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक। इन दोनों के नतीजों ने न सिर्फ निवेशकों का भरोसा बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सेक्टर का ग्राफ ही बदल डाला। एचडीएफसी बैंक का शुद्ध मुनाफा 6.7% बढ़कर 17,616 करोड़ रु. पहुंचा, जो अनुमान से कहीं बेहतर रहा। ICICI बैंक ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह से निफ्टी बैंक इंडेक्स ने रिकॉर्ड 55,422 का नया लेवल छू लिया।

सिर्फ बैंक ही नहीं, आईटी और ऑटो सेक्टर की कंपनियों ने भी बाजार को ऊँचाई दी। वहीं, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स आमतौर पर हमेशा से जोखिम भरे माने जाते हैं, लेकिन इस बार बेंचमार्क से भी बेहतर प्रदर्शन कर गए। कल्याणकारी खबर उन निवेशकों के लिए भी आई, जिन्होंने कलपतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल में दांव लगाया था- इसके शेयरों ने 13.5% की जबर्दस्त छलांग लगाई।

अगर सेक्टरवार देखें तो:

  • बैंकिंग और फाइनेंस: सबसे बड़ा योगदान, लीडरशिप HDFC बैंक व ICICI बैंक के पास रही।
  • आईटी और ऑटो: सीधा-सीधा खरीददारों का आकर्षण।
  • मिड/स्मॉल कैप: उम्मीद से बढ़कर मुनाफा।

सरकार की नीति, विदेशी बाजारों की मिलीजुली प्रतिक्रिया और भारत-अमेरिका ट्रेड डील में सकारात्मकता- सबने मिलकर सेंटीमेंट को बूस्ट किया। डॉलर इंडेक्स 100 के नीचे आ चुका है, रुपया थोड़ा सम्हला है और निवेशक फिर से मार्केट में पैसे लगाने लगे हैं।

कुछ अन्य कंपनियाँ भी चर्चा में रहीं- यस बैंक ने शुद्ध मुनाफे में 63% जबर्दस्त उछाल दिखाई, उसने अपनी प्रावधान राशि भी 32.5% घटा ली। सुजलॉन एनर्जी में 5% तक तेजी आई, क्योंकि सरकार ने विंड टरबाइन कंपोनेंट्स की घरेलू खरीद को बढ़ावा देने का प्लान बनाया है।

मूल्यांकन यानी वैल्यूएशन की बात करें तो यहीं एक बड़ी बहस है। निफ्टी अभी एक साल आगे की कमाई के 20 गुना से भी ज्यादा के भाव पर ट्रेड कर रहा है, जबकि कोरिया और चीन जैसे बाजार इसके आस-पास भी नहीं ठहरते। विशेषज्ञ खुलकर कह रहे हैं- मौजूदा तेजी में खतरा यह है कि यह ज्यादा तरलता यानी लिक्विडिटी से चल रही है, फंडामेंटल आधार उतना मजबूत नहीं दिख रहा। इसके साथ ही, नए GDP ग्रोथ अनुमान आते ही 6% के आसपास रिवाइज हो चुके हैं, जिससे आगे बढ़त की रफ्तार थम सकती है।

एक चीज तो साफ है- शेयर बाजार का यह जलवा निवेशकों के लिए उल्लास की वजह तो बना है, लेकिन ज्यादा जोखिम के साथ। ऐसे में ज्यादा मुनाफे की चाहत रखने वालों को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ऊंचे वैल्यूएशन वाल्यूएशन पर जो जोखिम है, वो जब चाहे रंग दिखा सकता है।