बिहार NEET 2025 काउंसलिंग राउंड 3: पंजीकरण 4‑9 अक्टूबर, राष्ट्रीय प्रक्रिया से अलग

बिहार NEET 2025 काउंसलिंग राउंड 3: पंजीकरण 4‑9 अक्टूबर, राष्ट्रीय प्रक्रिया से अलग

जब BCECE, Bihar Combined Entrance Competitive Examination Board ने NEET 2025 के तहत तीसरे राउंड की काउंसलिंग शुरू की, तो छात्रों ने राहत की सांस ली, पर साथ ही नई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। इस प्रक्रिया में Medical Counselling Committee (MCC) द्वारा संचालित राष्ट्रीय काउंसलिंग के साथ समकालिक लेकिन अलग‑अलग समय‑सीमा होगी। राज्य‑स्तर की इस काउंसलिंग को UGMAC-2025 Round‑3 counsellingबिहार कहा जाता है, जबकि राष्ट्रीय स्तर का राउंड 3 MCC NEET 2025 Round‑3 counselling के तहत चल रहा है। इस खबर को स्रीतामा दत्ता रॉय, Shiksha.com की कंटेंट मैनेजर ने 3 अक्टूबर 2025 को बताया, जिससे पता चलता है कि छात्रों के लिए यह समय कितना महत्वपूर्ण है।

पृष्ठभूमि: क्यों है राउंड‑3 का महत्व?

न्यायिक संस्थाओं ने पिछले दो राउंड में अधिकांश सीटें वितरित कर ली थीं, पर कई एंटी‑डेमांड्ड कॉलेजों में अब भी खाली जगहें बची थीं। इस वजह से MCC ने राउंड 3 का प्रावधान किया, जहाँ उम्मीदवार ‘अपग्रेड’ या ‘नया विकल्प’ चुन सकते थे। बिहार में भी समान परिस्थिति बनी, इसलिए BCECE ने अपना अलग‑अलग समय‑अवधि तय किया, जिससे राज्य के aspirants को राष्ट्रीय प्रक्रिया के दबाव से बचा जा सके।

मुख्य तिथियों का सारांश

  • राष्ट्रीय राउंड‑3 पंजीकरण: 29 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक
  • बिहार राउंड‑3 पंजीकरण: 4 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2025 तक
  • चॉइस फाइलिंग (राष्ट्रीय): 30 सितंबर – 5 अक्टूबर, लॉक‑इन 4:00 PM – 11:55 PM (5 अक्टूबर)
  • सीट अलॉटमेंट (राष्ट्रीय): 6‑7 अक्टूबर, परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित
  • बिहार रैंक कार्ड अपलोड: 11 अक्टूबर 2025, bceceboard.bihar.gov.in पर
  • राष्ट्रीय संस्थान रिपोर्टिंग: 9‑17 अक्टूबर, सत्यापन 18‑19 अक्टूबर
  • पूरे राष्ट्रीय काउंसलिंग का समाप्ति: 5 नवंबर 2025

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: क्या करना है?

बिहार‑स्तर के उम्मीदवारों को BCECE की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग‑इन कर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म भरते समय सुरक्षा जमा और काउंसलिंग शुल्क दोनों का भुगतान अनिवार्य है। भुगतान के बाद, रजिस्ट्रेशन की पुष्टि होने पर एक UGMAC ID जनरेट होता है, जिसे भविष्य में जाँच के लिए सुरक्षित रखना जरूरी है।
ध्यान रखें: फॉर्म सब्मिट करने के बाद उसे पुनः भेजने की जरूरत नहीं, बल्कि काउंसलिंग के दौरान प्रिंट‑आउट ले कर साथ रखना चाहिए।

भर्ती के लिए टिप्स: रणनीति कैसे बनाएं?

स्रीतामा दत्ता रॉय ने बताया कि राउंड‑3 में दो प्रमुख रणनीतियाँ काम आती हैं:

  1. कॉलेज‑प्राथमिकता: अगर उम्मीदवार AIIMS, AMU, BHU या कोई प्रमुख देयल यूनिवर्सिटी चाहते हैं, तो उन्हें पहले उन कॉलेजों को चॉइस लिस्ट में रखकर बेस्ट उपलब्ध सीटों की ओर प्राथमिकता देनी चाहिए।
  2. कोर्स‑प्राथमिकता: कुछ छात्रों के लिए विशेष डेंटल या मेडिकल स्पेशालिटी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में कोर्स को शीर्ष पर रखें और फिर उस कोर्स में मौजूद उपलब्ध कॉलेज चुनें।

हाइब्रिड दृष्टिकोण भी फायदेमंद हो सकता है – पहले कॉलेज और बाद में कोर्स को दोबारा जांचें, ताकि खाली सीटों के आधार पर विकल्प बदले जा सकें।

आरक्षण और दस्तावेज़ीकरण

बिहार में आरक्षण नीति राष्ट्रीय मानकों से थोड़ा अलग है। उन्होंने SC, ST, OBC‑A, OBC‑B, PwD आदि वर्गों के लिए अलग‑अलग कोटा तय किए हैं। उम्मीदवारों को अपनी पहचान प्रमाण (जैसे 12वीं मार्कशीट, जाति प्रमाणपत्र) को स्कैन करके अपलोड करने के साथ‑साथ काउंसलिंग में लाने के लिए तैयार रखना होगा। यदि किसी ने पहले के राउंड में सीट ले ली है और दस्तावेज़ सत्यापित कर ली है, तो वह इस राउंड में भाग नहीं ले पाएगा।

राष्ट्रीय प्रक्रिया के साथ तुलना

जबकि BCECE ने पंजीकरण को 9 अक्टूबर तक बढ़ा दिया, MCC ने 5 अक्टूबर को बंद कर दिया। यह अंतर कई कारणों से है: राष्ट्रीय स्तर पर अधिक इच्छुक उम्मीदवार, सीमित ऑनलाइन सर्वर क्षमता, और विभिन्न राज्य‑स्तर की काउंसलिंग तिथियों को समायोजित करने की जरूरत। परिणामस्वरूप, राज्य‑स्तर के aspirants को थोड़ा अतिरिक्त समय मिला, जिससे वे अपने दस्तावेज़ सही‑सही अपलोड कर सके।

आगे क्या है? अगले चरणों का परिदृश्य

राइड‑फ़ाइलिंग के बाद, दोनों प्रक्रियाएँ अलग‑अलग सीट अलॉटमेंट की ओर बढ़ेंगी। राष्ट्रीय स्तर पर 8 अक्टूबर को परिणाम आया, जबकि बिहार में 11 अक्टूबर को रैंक कार्ड उपलब्ध होंगे। तब उम्मीदवारों को अपने रैंक कार्ड की मदद से कॉलेज‑जॉब फेयर में उपस्थित होना पड़ेगा, जहाँ वे अद्यतित सीट लिस्ट देखेंगे और अंतिम प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेंगे। अगर कोई उम्मीदवार टॉप‑रिकॉर्ड वाले कॉलेज में नहीं पहुँच पाता, तो उसे पैरालल राउंड‑4 (यदि कोई खाली सीट बची) में भाग लेने का मौका मिल सकता है, जो वर्ष‑अंत तक जारी रह सकता है।

बिहार काउंसलिंग क्यों खास है?

बिहार में मेडिकल शिक्षा की माँग निरंतर बढ़ रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। BCECE की अलग‑अलग समय-सारिणी से छात्रों को राष्ट्रीय दबाव से बच कर अपने राज्य के विशेष अवसरों का पूरा लाभ मिल सकता है। साथ ही, राज्य‑स्तर की आरक्षण नीति सामाजिक समानता को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जो स्थानीय उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धी लाभ देती है।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

बिहार के राउंड‑3 में पंजीकरण कैसे पूरा किया जाए?

उम्मीदवार को BCECE की आधिकारिक पोर्टल पर लॉग‑इन कर अपना व्यक्तिगत विवरण, शैक्षणिक दस्तावेज़ और भुगतान रसीद अपलोड करनी होगी। पंजीकरण 4‑9 अक्टूबर के बीच बंद हो जाता है, इसलिए समय पर पूरा करना आवश्यक है।

राष्ट्रीय MCC काउंसलिंग से बिहार काउंसलिंग में क्या अंतर है?

MCC की पंजीकरण अवधि 29 सितंबर‑5 अक्टूबर है, जबकि BCECE ने 4‑9 अक्टूबर तक विस्तार किया है। साथ ही, राष्ट्रीय प्रक्रिया में सभी राज्यों के उम्मीदवार शामिल होते हैं, जबकि बिहार की काउंसलिंग केवल राज्य‑आधारित सीटों, राज्य‑आरक्षण और स्थानीय दस्तावेज़ीकरण को ध्यान में रखती है।

UGMAC‑2025 राउंड‑3 में कौन‑सी प्रमुख कॉलेजें उपलब्ध हैं?

MCC द्वारा जारी सीट मैट्रिक्स में AIIMS पैटना, Jawaharlal Nehru University, BHU (Varanasi), Patna Medical College और कई डी‑डील्ड यूनिवर्सिटीज़ की खाली सीटें दर्शायी गई हैं। बिहार में विशेष तौर पर Patna Medical College और Magadh Medical College में अतिरिक्त सीटें मौजूद हैं, जो इस राउंड‑3 में विशेष रूप से आकर्षक हैं।

यदि मैं अपने चुने हुए कॉलेज में नहीं मिलूं तो आगे क्या कर सकता हूँ?

यदि राउंड‑3 में सीट नहीं मिलती, तो उम्मीदवार अगले राउंड‑4 (यदि उपलब्ध हो) या फिर सामरिक पुनः‑आवेदन की तैयारी कर सकते हैं। साथ ही, राज्य‑स्तर के कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों में डीडी‑के माध्यम से प्रवेश का विकल्प रहता है, पर इसके लिये अलग आवेदन प्रक्रिया होती है।

काउंसलिंग के दौरान किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी?

12वीं मार्कशीट, NEET 2025 के एडमिट कार्ड/प्रवेश प्रमाण पत्र, जाति/आधार/पैडिडी प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), चार्टर्ड कैंपस फोटो, काउंसलिंग शुल्क का रसीद, तथा BCECE द्वारा भेजा गया रैंक कार्ड (ऑनलाइन डाउनलोड) सभी आवश्यक होते हैं। इनको डिजिटल और प्रिंट दोनों रूप में तैयार रखना सलाहनीय है।