डोनाल्ड ट्रंप पर हमला: सीक्रेट सर्विस की 'सबसे बड़ी असफलता': प्रमुख का खुलासा

डोनाल्ड ट्रंप पर हमला: सीक्रेट सर्विस की 'सबसे बड़ी असफलता': प्रमुख का खुलासा

डोनाल्ड ट्रंप पर हमला: सीक्रेट सर्विस की 'सबसे बड़ी असफलता': प्रमुख का खुलासा

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सीक्रेट सर्विस की निदेशक किम्बर्ली चीटल ने कांग्रेस के समक्ष स्वीकार किया कि इस हमले को एजेंसी की दशकों की सबसे बड़ी असफलता के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना 13 जुलाई को पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की एक चुनावी रैली के दौरान हुई थी, जब एक हमलावर ने ट्रंप के कान में गोली मार दी थी। हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।

हमले के बाद की प्रतिक्रियाएँ

कांग्रेस, खासकर सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों और विधायकों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका मानना है कि सुरक्षा चूक की वजह से हमलावर ट्रंप के पास तक पहुंच सका। घटनास्थल पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की असफलता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस घटना के बाद, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की ओवरसाइट कमिटी और हाउस जुडिशियरी कमिटी ने मामले की जांच के लिए सुनवाई शुरू कर दी है। एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे भी हाउस जुडिशियरी कमिटी के समक्ष गवाही देने वाले हैं। इसके अलावा, एक द्विदलीय कार्यबल का गठन भी किया जाएगा जो हाउस जांचों का समन्वय करेगा।

किम्बर्ली चीटल का बयान

सीक्रेट सर्विस की निदेशक किम्बर्ली चीटल ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के बावजूद इस घटना को टाला नहीं जा सका। उन्होंने इस सुरक्षा चूक की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि एजेंसी इसमें विफल रही। उनका कहना है कि एजेंसी का मिशन राजनीतिक नहीं है बल्कि जीवन और मृत्यु का मामला है।

हमलावर का पता

हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए 20 वर्षीय थॉमस क्रुक्स के उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, इस घटना ने अमेरिका में बढ़ती राजनीतिक तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

सीक्रेट सर्विस की इस बड़ी असफलता के बाद, चीटल से इस्तीफे की मांग भी तेज हो गई है। शीर्ष रिपब्लिकन नेताओं में से एक, हाउस के स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेट माइनॉरिटी लीडर मिच मैककोनेल ने भी चीटल से इस्तीफा देने की मांग की है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  • क्या हमलावर ने सिर्फ ट्रंप को ही निशाना बनाया था? हां, हमलावर का मुख्य निशाना डोनाल्ड ट्रंप ही थे।
  • घटना के समय कितने लोग वहाँ मौजूद थे? घटना के समय पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की चुनावी रैली में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
  • सुरक्षा की क्या चूक रही? सुरक्षा से जुड़े अधिकारी इस पर अभी भी विचार कर रहे हैं कि कहां पर कमी रह गई थी।
  • आगे की कार्रवाइयों में क्या-क्या शामिल होगा? इस घटना के बाद सुरक्षा की चूक की जांच जारी है और संभावित सुरक्षा सुधार किए जाएंगे।

अमेरिका में इस हमले ने न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों बल्कि राजनीतिक दलों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वे कैसे अपने नेताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कार्यवाही की आवश्यकता को रेखांकित किया है।