इज़राइल ने हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को मारा: दक्षिणी बेरूत पर वायु हमलों का दावा
दक्षिणी बेरूत पर इज़राइली वायु हमले
दक्षिणी बेरूत में इज़राइल द्वारा किए गए वायु हमलों ने एक बार फिर मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा को चुनौती दी है। इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराने का दावा किया है। इस हमले की पुष्टि हिज़बुल्लाह ने भी की है। यह हमला शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगरीय क्षेत्र डाहीया में हुआ, जो हिज़बुल्लाह का गढ़ माना जाता है।
बंकर-बस्टर बमों का उपयोग
इज़राइली सेना ने इस हमले को बंकर-बस्टर बमों का उपयोग करके अंजाम दिया। ये बम इतने शक्तिशाली होते हैं कि गहरे भूमिगत बंकरों और मजबूत कंक्रीट संरचनाओं को भी नष्ट कर सकते हैं। जीबीयू-39 और जीबीयू-28 जैसे बम, जो अमेरिकी बनाए हुए होते हैं, जमीन में 30 मीटर तक घुस सकते हैं और फिर विस्फोट कर सकते हैं। इसका परिणाम होता है कि पूरा ढांचा ढह जाता है।
हालांकि, जिनेवा कन्वेंशन इस प्रकार के बमों का उपयोग घनी आबादी वाले क्षेत्रों में करने से प्रतिबंधित करता है क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर और अंधाधुंध हत्याएं हो सकती हैं। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई, और बचाव दल अब तक मलबे के अंदर से लाशें निकाल रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतकों में बच्चों की भी संख्या शामिल है।
हसन नसरल्लाह की मौत
हसन नसरल्लाह की मौत दक्षिणी बेरूत के उनके भूमिगत मुख्यालय में हुई, जो डाहीया में स्थित है। इज़राइली वायु सेना ने इस बंकर को निशाना बनाकर बड़ी सटीकता से हमला किया। इस हमले को 'अभूतपूर्व' करार दिया जा रहा है, जिसमें कवायदपूर्ण सटीकता के साथ भूखण्ड-पैठ कर इन बंकर बस्टर बमों का उपयोग किया गया। नसरल्लाह की मौत ने हिज़बुल्लाह को एक बड़ी क्षति पहुंचाई है और इस घटना ने क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों को भी बदल दिया है।
ईरान का प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इज़राइल के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे 'आपराधिक' करार दिया और विश्वभर के मुस्लिमों से लेबनान और हिज़बुल्लाह का समर्थन करने का आह्वान किया। खामेनेई का कहना है कि इज़राइल को अपने इन कार्यों पर पछताना पड़ेगा और इस क्षेत्र का भविष्य प्रतिरोधी बलों द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जिसमें हिज़बुल्लाह अग्रणी भूमिका निभाएगा।
प्रमुख घटना | तिथि |
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हसन नसरल्लाह की मौत | शुक्रवार |
वायु हमले | दक्षिणी बेरूत |
बंकर-बस्टर बमों का उपयोग | - |
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी आक्रोश फैल गया है। कई देशों ने इज़राइल के इस कदम की आलोचना की है और इसे मध्य पूर्व में शांति प्रकिया के लिए खतरा बताया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन भी मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
हिज़बुल्लाह और इज़राइल के बीच लंबे समय से संघर्ष की स्थिति बनी हुई है और हसन नसरल्लाह की मौत इससे और घातक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
विश्लेषकों का यह भी मानना है कि नसरल्लाह के निधन से हिज़बुल्लाह को एक बड़ी क्षति पहुंची है और इससे ईरानी प्रभाव क्षेत्र में भी कमी आ सकती है। हालांकि, ईरानी राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद मरांडी का कहना है कि इज़राइल अभी भी हिज़बुल्लाह पर पूरी तरह से जीत हासिल नहीं कर सकता है और ये हमले केवल ग्लोबल साउथ में इज़राइल और पश्चिम के खिलाफ गुस्सा बढ़ाएंगे।
क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव
यह घटना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करती है। इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध हैं, और इस हमले ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस हमले का प्रभाव कैसे पड़ता है और इस क्षेत्र में आगे की स्थिति कैसे विकसित होती है।