पेरिस ओलंपिक 2024: भारत vs न्यूज़ीलैंड पुरुष हॉकी हाइलाइट्स और लाइव अपडेट्स

पेरिस ओलंपिक 2024: भारत vs न्यूज़ीलैंड पुरुष हॉकी हाइलाइट्स और लाइव अपडेट्स

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुआ पुरुष हॉकी मैच एक बेहद रोमांचक मुकाबला रहा। यह मैच 27 जुलाई 2024 को फ्रांस के इव्स-डू-मेनोइर स्टेडियम में खेला गया। भारतीय टीम ने इस मैच में अपनी असाधारण क्षमता और तैयारी का नमूना प्रस्तुत किया। यह मुकाबला भारत के लिए सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि टोक्यो ओलंपिक में जीते गए कांस्य पदक से एक कदम आगे बढ़ने का मौका भी था।

भारतीय टीम की कप्तानी हरमनप्रीत सिंह ने की, जो अपने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरे थे। मैच की शुरुआत महत्वपूर्ण फ्री हिट के साथ हुई, और दोनों टीमों ने मैदान पर अपने-अपने राष्ट्रगान सुने। भारतीय टीम की प्रारंभिक लाइनअप में अमित रोहिदास, सुकजीत सिंह, और मंदीप सिंह जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल थे।

पहले हाफ के दौरान भारत ने आक्रामक खेल की रणनीति अपनाई और अपने बेहतरीन पासिंग और ड्रिब्लिंग कौशल का प्रदर्शन किया। मैच के प्रारंभिक मिनटों में ही मंदीप सिंह ने तेजी से न्यूज़ीलैंड के डिफेंस को चीरते हुए पहला गोल किया। इसके बाद विवेक सागर प्रसाद ने भी एक शानदार गोल कर भारत की बढ़त को दोगुना कर दिया।

न्यूज़ीलैंड की टीम ने भी किसी तरह का कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने अनुभवी खिलाड़ी सैम लेन और सायमन चाइल्ड की बदौलत मैच में वापसी की कोशिश की। दोनों खिलाड़ियों ने एक-एक गोल कर स्कोर 2-2 कर दिया, जिससे मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया।

हालांकि, मैच का निर्णायक मोड़ तब आया जब आखिरी क्षणों में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। हरमनप्रीत सिंह ने इस सुनहरे मौके को भुनाते हुए 59वें मिनट में निर्णायक पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील कर दिया। इस गोल की बदौलत भारत ने मैच 3-2 से जीत लिया, जिससे दर्शकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

इस मैच की लाइव टेलीकास्ट स्पोर्ट्स18 और स्पोर्ट्स18 HD चैनल पर किया गया, वहीं जियोसिनेमा पर इसे लाइव स्ट्रीम भी किया गया। भारतीय टीम ने एफआईएच प्रो लीग और बेंगलुरू तथा यूरोप में तैयारी शिविर में भाग लेकर इस ओलंपिक मैच के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार किया था।

इस जीत के साथ भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदक के सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। भारतीय हॉकी टीम की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों का मनोबल बढ़ाया है।

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय टीम ने इस जीत से यह साबित कर दिया है कि वे विश्व के बेहतरीन टीमों में से एक हैं। नेक्स्ट मैच में भारतीय टीम और भी मजबूत होकर लौटेगी, इसका विश्वास पूरे देश को है।

भारतीय टीम की तैयारियां और रणनीति

भारत ने इस ओलंपिक के लिए बेहद संगठित तैयारी की थी। बेंगलुरू और यूरोप में आयोजित तैयारी शिविरों के दौरान खिलाड़ियों ने अपनी तकनीक, पासिंग और फिटनेस पर खूब मेहनत की। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी टीम को महान ट्रेनिंग और नेतृत्व प्रदान किया, जिससे खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बने रहें। एफआईएच प्रो लीग में भाग लेकर खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल का अनुभव प्राप्त किया।

भारतीय टीम की रणनीति आक्रामक खेल और सटीक पासिंग पर आधारित थी। कोच और कप्तान ने प्रत्येक खिलाड़ी को उनकी भूमिका स्पष्ट रूप से समझाई, जिससे मैदान पर कोई भ्रम नहीं हुआ। मैच के दौरान खिलाड़ियों के बीच तालमेल अद्भुत था, जिसने न्यूज़ीलैंड के डिफेंस को असुहास का शिकार बनाया।

मुख्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन

कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी नेतृत्व क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मंदीप सिंह, विवेक सागर प्रसाद और अमित रोहिदास ने अपनी बेहतरीन स्किल्स और रणनीतिक सोच से शानदार गोल किए। सुकजीत सिंह ने डिफेंस में अपनी मज़बूती दिखाई और न्यूज़ीलैंड के फॉरवर्ड प्लेयर्स को कई मौके नहीं दिए।

न्यूज़ीलैंड के सैम लेन और सायमन चाइल्ड ने भी खूब जोर लगाया और भारतीय डिफेंस को चुनौती दी। लेकिन भारतीय टीम के गोलकीपर के शानदार प्रदर्शन के सामने उनके कई प्रयास असफल रहे।

मैच के अंतिम क्षणों का रोमांच

मैच के अंतिम क्षणों का रोमांच

मैच का अंत बेहद रोमांचक और नाटकीय था। 59वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक ने पूरे खेल का परिणाम बदल दिया। हरमनप्रीत सिंह ने अपने विशेष कौशल और आत्मविश्वास के साथ इस कठिन मूमेंट को अपने पक्ष में किया। गेेंद को एक सटीक शॉट के साथ गोल में बदलकर उन्होंने पूरे टीम और देश के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण बनाया।

इस रोमांचकारी जीत के बाद भारतीय टीम की भव्य वापसी निश्चित रूप से उम्मीदों और प्रेरणाओं का नया अध्याय खोलेगी। भारतीय हॉकी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब टीम संकल्प और साहस के साथ खेलती है, तब कोई भी चुनौती उनकी जीत की राह में बाधा नहीं बन सकती।