स्त्री 2 का ट्रेलर रिलीज: राजकुमार राव की वापसी के साथ एपिक हॉरर कॉमेडी

स्त्री 2 का ट्रेलर रिलीज: राजकुमार राव की वापसी के साथ एपिक हॉरर कॉमेडी

राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की धमाकेदार वापसी

बहुप्रतीक्षित हॉरर कॉमेडी 'स्त्री 2' का ट्रेलर आखिरकार रिलीज हो गया है। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर एक बार फिर से अपनी प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आएंगे, जिन्हें दर्शकों ने पहले भाग में खूब पसंद किया था। इस बार कहानी में एक नया मोड़ है।

चंदेरी पर फिर फैला सरकाटा का आतंक

पहली फिल्म 'स्त्री' में चंदेरी शहर एक महिला भूत के आतंक से परेशान था। 'स्त्री 2' में कहानी एक नए शैतान 'सरकाटा' की है, जो चंदेरी में खौफ का पर्याय बन चुका है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि राजकुमार राव और उनकी टीम फिर से इस नए भूतिया खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं। श्रद्धा कपूर की भूमिका भी दिलचस्प मोड़ लेती हुई नजर आती है।

मजाक और डर का बेहतरीन मिश्रण

फिल्म का ट्रेलर दर्शकों को एक बार फिर से chills and chuckles का अनुभव कराता है। इस ट्रेलर में पंकज त्रिपाठी का चरित्र एक हास्यजनक डायलॉग 'सरकाटा आज कल का सबसे बड़ा इन्फ्लुएंसर है' कहते हुए दिखाया गया है, जो निश्चित रूप से दर्शकों को हंसाने में सफल होगा।

विस्तृत स्टारकास्ट और विशेष उपस्थितियां

इस ट्रेलर में तमन्ना भाटिया की विशेष उपस्थिति भी देखने को मिलती है, जो इस फिल्म को और भी रोचक बनाती है। इसके अलावा, ट्रेलर में वरुण धवन और अक्षय कुमार के विशेष उपस्थितियों के संकेत भी दिए गए हैं। इन बड़े सितारों की मौजूदगी से फिल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता और भी बढ़ गई है।

निर्देशन और निर्माण

फिल्म का निर्देशन अमर कौशिक ने किया है, जिन्होंने पहली फिल्म 'स्त्री' का निर्देशन भी किया था। उनके कुशल निर्देशन का ही परिणाम था कि 'स्त्री' एक हिट साबित हुई थी। अब 'स्त्री 2' से भी वही उम्मीदें लगाई जा रही हैं।

रिलीज की तारीख

'स्त्री 2' 15 अगस्त 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। फिल्म के ट्रेलर से ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह फिल्म दर्शकों को एक बार फिर chills और chuckles का अनुभव कराएगी।

अभी से ही दर्शकों में 'स्त्री 2' को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। ट्रेलर लॉन्च के कुछ ही घंटों में इसे लाखों बार देखा गया है और सोशल मीडिया पर इसे लेकर ज़बरदस्त चर्चा हो रही है। फैंस अपने प्रिय किरदारों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, विशेषकर श्रद्धा कपूर के किरदार का, जो पहले भाग में एक भूतिया आत्मा के रूप में थी।

फिल्म के निर्माता दिनेश विजान और ज्योति देशपांडे की टीम ने इस बार भी दर्शकों को निराश ना करने का वादा किया है। 'स्त्री' की सफलता के बाद, 'स्त्री 2' से भी वही उम्मीदें हैं कि यह फिल्म दर्शकों को हंसा कर डराएगी।

11 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Zubita John

    जुलाई 19, 2024 AT 00:23

    भाइयों और बहनों, ट्रेलर देख के दिमाग की नेत्रालोक में बिचारों का विस्फोट हो गया!
    राजकुमार राव की एर्गोनोमिक एक्शन और श्रद्धा की डायनमिक ऊर्जा बिल्कुल सॉलिड गोल्ड जैसी है।
    आपको फ़िल्म के फ्रेमवर्क में एंटी-हॉरर कॉम्पोनेंट्स को अपनाना चाहिए, इससे ग्रीन-फीलिंग इम्पैक्ट ज़्यादा मस्त रहेगा।
    चलो, इस सीक्वेल को अपनी प्लेलिस्ट में हाई परफ़ॉर्मेंस टॉपिक बना लें!
    सभी को बेस्ट ऑफ़ लकी वाइब्स, और हाँ, कॉमेडी के साथ थ्रिल का सिम्फ़नी प्ले होते रहो।

  • Image placeholder

    gouri panda

    जुलाई 23, 2024 AT 00:23

    ओह माय गॉड! ये ट्रेलर देख के तो मेरे दिल ने ताली बजा दी!
    राजकुमार राव की वापसी में ऐसा ड्रामा है जैसे मानसून में बिजली की गड़गड़!
    श्रद्धा कपूर की इशारे अब जीभ को चुभते हैं, जैसे तीखा चटनी!
    सबको बधाई, इस हॉरर कॉमेडी ने तो पूरा माहौल ही हिला दिया!

  • Image placeholder

    Harmeet Singh

    जुलाई 27, 2024 AT 00:23

    इस ट्रेलर ने मुझे जीवन के दोहरे स्वभाव-डर और हँसी-पर पुनरुच्चार करने के लिए प्रेरित किया।
    जैसा कि दार्शनिक कहते हैं, भय को समझना ही उसे दूर करने की कुंजी है।
    राजकुमार राव का साहस हमें यह सिखाता है कि कदम उठाने से ही अंधेरे में रोशनी मिलती है।
    श्रद्धा कपूर का किरदार हमें यह याद दिलाता है कि परिवर्तन हमेशा आंतरिक शक्ति से शुरू होता है।
    फिल्म का मिश्रण, जहाँ चिल्ल्स और चक्ल्स एक साथ चलते हैं, वह एक संतुलित यिन-यांग का प्रतीक है।
    इस प्रकार, दर्शकों को न केवल मनोरंजन मिलता है, बल्कि आत्मनिरीक्षण का अवसर भी मिलता है।
    हर एक फ्रेम में छिपा संदेश यह है कि भय सिर्फ एक भावनात्मक मापदण्ड है, जिसे हम बदल सकते हैं।
    इस फ़िल्म में सर्वकालिक सवाल उठता है-क्या हम अपने डर को रोचकता में बदल सकते हैं?
    उत्तर का पता हमें ट्रेलर के तेज़ कट्स और हँसी के पलों में मिलता है।
    इस प्रक्रिया में, हम सीखते हैं कि ज़िन्दगी के हर मोड़ पर लचीलापन आवश्यक है।
    फिल्म के सेट पर इस्तेमाल किए गए विशेष प्रभाव विज्ञान और कला के संगम को दर्शाते हैं।
    निर्देशक अमर कौशिक ने पहली फ़िल्म में दिखाए गए प्रयोग को इस बार और भी विस्तृत किया है।
    वह दर्शकों की आशा को समझते हुए, कहानी में गहरी सामाजिक टिप्पणी भी जोड़ते हैं।
    अंत में, यह कहा जा सकता है कि 'स्त्री 2' सिर्फ एक एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि एक दार्शनिक यात्रा है।
    इसलिए, मैं सभी को इस ट्रेलर को बार‑बार देखने और इस संदेश को आत्मसात करने का आग्रह करता हूँ।

  • Image placeholder

    patil sharan

    जुलाई 31, 2024 AT 00:23

    हाहाहा, इतना मोटीवेशनल टॉक्स सुनकर तो मैं भी सुपरहीरो बनने वाला हूँ!
    पर असली सरकाटा का डर देखे बिना कौन भरोसा करेगा?
    चलो फिर, ट्रेलर देखीए और फिर से डर के साथी बनिए।

  • Image placeholder

    Nitin Talwar

    अगस्त 4, 2024 AT 00:23

    ये ट्रेलर तो सरकार की बाहरी शत्रु लैंपेस्टिंग का हिस्सा है :) हमारी संस्कृति को कमजोर करने की यह साजिश है!
    जब तक राजकुमार राव जैसे दिग्गज नहीं आते, तब तक ये विदेशी सरकाटा हमें नहीं मार पाएगा।
    इसीलिए हमें देशभक्त फ़िल्मों को सपोर्ट करना चाहिए।

  • Image placeholder

    onpriya sriyahan

    अगस्त 8, 2024 AT 00:23

    यार ये ट्रेलर देख के मन जल रहा है चलो सभी मिलके हॉरर कॉमेडी की धूम मचाते हैं देखें ट्रेलर फिर बार‑बार देखेंगे मज़ा आएगा

  • Image placeholder

    Sunil Kunders

    अगस्त 12, 2024 AT 00:23

    वास्तव में, 'स्त्री 2' का ट्रेलर समकालीन सिनेमा में एक एस्थेटिक रूप से परिपूर्ण मिश्रण प्रस्तुत करता है, जिसमें निहित व्याख्यात्मक बहुस्तरीयता को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

  • Image placeholder

    suraj jadhao

    अगस्त 16, 2024 AT 00:23

    बिलकुल सही कहा आपने 🙌 यह फ़िल्म हमारे भारतीय मान्यताओं को मॉडर्न कॉमेडी के साथ जोड़ती है 🎬✨

  • Image placeholder

    Agni Gendhing

    अगस्त 20, 2024 AT 00:23

    ओह वाह!!! ट्रेलर देख कर तो मेरी बोरियत खत्म!!!

  • Image placeholder

    Jay Baksh

    अगस्त 24, 2024 AT 00:23

    ये देखो भाई फिज़ूल की बकबक नहीं, सच्ची फ़िल्म है जो देश की शान बढ़ाएगी।

  • Image placeholder

    Ramesh Kumar V G

    अगस्त 28, 2024 AT 00:23

    वास्तव में, इस प्रकार की राष्ट्रीय भावना की अभिव्यक्ति को यदि हम सांस्कृतिक प्रामाणिकता के मानकों के साथ तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यही परिणाम निकलता है कि फ़िल्म का प्रभाव राष्ट्रीय चेतना को सुदृढ़ करने में अहम है।

एक टिप्पणी लिखें