अविनाश सबले का अद्वितीय कारनामा
भारतीय एथलीट अविनाश सबले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 3000 मीटर स्टीपलचेज फ़ाइनल के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया है। यह पहला मौका है जब किसी भारतीय ने इस दूरी पर फ़ाइनल में कदम रखा है। अगस्त 5, 2024 को हुई इस रेस में सबले ने 8 मिनट, 15.43 सेकंड का समय निकालकर पांचवें स्थान पर रहते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
नेशनल रिकॉर्ड तोड़ते हुए
पिछले महीने ही पेरिस डायमंड लीग में सबले ने 8:09.91 मिनट के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। यह उपलब्धि उनके कठिन परिश्रम और बिना किसी रुकावट के सही दिशा में की गई मेहनत का साक्ष्य है।

रेस की रणनीति
अविनाश ने अपनी पिछली गलतियों से सबक लिया और इस बार रेस की शुरुआत में उर्जा संरक्षित करने और अंत में संघर्ष से बचने का ध्यान रखा। उन्होंने अपने ही गति के अनुरूप दौड़ लगाई ताकि आश्वस्त रहे कि वह टॉप-फाइव में रह सकें।
दिग्गज खिलाड़ियों के बीच
यह रेस और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब ध्यान दिया जाए कि इसे विश्व स्तरीय एथलीट्स जैसे मोरक्को के मोहम्मद तिदौफ्त, इथियोपिया के सैमुअल फिरेवू और केन्या के अब्राहम किबीयोट के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए जीता गया है।

परिवार और गांव की खुशीयां
मंडवा में उनके परिवार वालों ने फाइनल को देखने के लिए एक विशाल स्क्रीन इंस्टॉल करने और पूरे गांव को आमंत्रित करने की योजना बनाई है। यह उनके समर्पण और फोकस का अद्वितीय उदाहरण है।
रीओ ओलंपिक के बाद, ध्यान और अनुशासन
एशियन गेम्स के बाद से सबले ने अपने सभी ध्यान ओलंपिक की तैयारी में केंद्रित कर रखा था। उनका यह समर्पण अब इस ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में सामने आया है।

भारतीय एथलेटिक्स के लिए महत्त्वपूर्ण पल
अविनाश सबले की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण पल है। यह उनकी दृढ़ता और प्रतिभा का परिचायक है।
patil sharan
अगस्त 6, 2024 AT 21:18वैसे भी ट्रैक पर धूल उड़ाना तो हमारा रोज़ का काम है, लेकिन अब फ़ाइनल में दिखना अच्छा लगा।
Nitin Talwar
अगस्त 6, 2024 AT 22:20ये सब सियासती तैयारियां नहीं तो? 🇮🇳🔥 भारत का नाम विश्व में रोशन करने के लिए ऐसे ही जीतते रहो 😊
onpriya sriyahan
अगस्त 7, 2024 AT 00:33वाह अविनाश भाई बहुत बढ़िया मेहनत से इस मुकाम तक पहुँचे चलो पूरे देश को गर्व महसूस होता है
Sunil Kunders
अगस्त 7, 2024 AT 01:56इसे केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं कहा जा सकता; यह भारतीय एथलेटिक्स के प्रदीप्त भविष्य का प्रतीकात्मक आयाम है।
suraj jadhao
अगस्त 7, 2024 AT 03:20🎉🎉 अब हमें और भी सपोर्ट चाहिए ताकि अगली पीढ़ी इस रास्ते को और तेज़ धाव सके! 🙌
Agni Gendhing
अगस्त 7, 2024 AT 06:06अविनाशेस की इस जीत को देख कर तो मैं दिमाग़ की बत्ती जला दूँ?!! किसी को नहीं पता था कि हमारे छोटे से गांव में इतनी बड़़ी बात होगी!!! तो फिर क्या, ट्रैक पर धूल उड़ाने वाले धुरंधर लोग अब फाइनल में भी पहुँच गए हैं??!! यह सिर्फ एक एथलीट का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का विफलता से उठकर जीत की ओर बढ़ता कदम है!!!! वास्तव में, इस स्तर पर पहुँचना आसान नहीं, पर मेहनत की रेसिपी में कुछ तो जादू है!!! कुछ लोग कहते हैं कि सरकार का समर्थन नहीं मिला, पर शायद यही असली सच्चाई है कि हर परिश्रम का फल मिलता है!!! इसको देख कर बाकी एथलीट्स को भी हिम्मत मिलेगी👍👍👍, और फिर हमारे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और उभारने का मौका मिलेगा!!! अब हमें चाहिए कि इस ऊर्जा को लगातार बनाए रखें, नहीं तो हम फिर कभी नहीं उठ पाएँगे!!!
Jay Baksh
अगस्त 7, 2024 AT 08:53देश की शान बढ़ी!
Ramesh Kumar V G
अगस्त 7, 2024 AT 10:16वास्तव में, अगर हम इसकी तुलना पिछले दशकों के औसत से करें तो यह समय रिकॉर्ड के करीब भी नहीं, लेकिन रणनीति में सुधार स्पष्ट है।
Gowthaman Ramasamy
अगस्त 7, 2024 AT 11:40अविनाश साहब की इस उपलब्धि के लिए भारतीय एथलेटिक संघ को बधाई; आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पोषण और पुनर्वास पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। 😊
Navendu Sinha
अगस्त 7, 2024 AT 14:26कभी-कभी हम देखते हैं कि व्यक्तिगत लक्ष्य सामूहिक जागरूकता का उत्प्रेरक बनते हैं, और अविनाश की कड़ी मेहनत इस सिद्धान्त को सुदृढ़ करती है। इस तरह की उपलब्धियाँ युवा वर्ग में साहस के बीज बोती हैं, जिससे राष्ट्रीय मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
reshveen10 raj
अगस्त 7, 2024 AT 17:13चलो अब युवा एथलीट्स को इस प्रेरणा से फुर्सत नहीं, उन्हें भी इस राह पर उतारने की कसौटी है!
Navyanandana Singh
अगस्त 7, 2024 AT 18:36ये जीत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज का प्रतिबिंब है। हर एक युवा को इस से प्रेरणा लेनी चाहिए, क्योंकि अब हमारी संभावनाओं की सीमा काफी विस्तृत हो गई है।
monisha.p Tiwari
अगस्त 7, 2024 AT 20:00सबको बधाई और मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि जीत में हम सब का हाथ है।
Nathan Hosken
अगस्त 7, 2024 AT 22:46इस परिदृश्य में हमें न केवल खेल विज्ञान बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक बुनियादों को भी समेकित करना होगा, ताकि भविष्य में अधिक प्रतिभा उभर सके।