CBDT का AI‑संचालित टैक्स एवेझन अभियान: 6.5 बिलियन लेन‑देन पर बारीकी से नजर

CBDT का AI‑संचालित टैक्स एवेझन अभियान: 6.5 बिलियन लेन‑देन पर बारीकी से नजर

AI‑संचालित जांच की नई पहल

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को टैक्स एवेझन के खिलाफ अपने हथियारों में जोड़ दिया है। CBDT के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि 6.5 बिलियन से अधिक घरेलू डिजिटल लेन‑देन और अंतरराष्ट्रीय डेटा‑शेयरिंग एग्रीमेंट से मिले आंकड़ों को AI‑आधारित एनालिटिक्स में फीड किया जा रहा है। इससे आयकर विभाग को उन बिंदुओं पर सटीक संकेत मिलते हैं, जहाँ करदाता अपनी आय या लाभ को छुपा रहे होते हैं।

इस तकनीक की मदद से विभाग अब केवल बड़े‑पैमाने पर स्कैन नहीं, बल्कि व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स की प्रोफ़ाइल में छिपी विसंगतियों को भी जल्दी पहचाना जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी के बैंक स्टेटमेंट में कोई बड़ी रकम आती है पर आयकर रिटर्न में वही नहीं दिखती, तो AI अल्गोरिद्म तुरंत चेतावनी देता है। इस प्रकार की बारीकी से जाँच पहले की तुलना में सौगुना तेज और सटीक हो गई है।

यह पहल नई आयकर विधि के आने से पहले की जा रही है, जो इस संसद सत्र में पास होने की उम्मीद है और 1 अप्रैल 2026 से लागू होगी। नई विधि में भी डिजिटल डेटा का उपयोग अनिवार्य किया गया है, इसलिए CBDT का यह कदम समय के साथ और भी प्रभावी हो सकता है।

क्रिप्टो और अन्य धोखेबाजियों पर कठोर कार्रवाई

क्रिप्टो और अन्य धोखेबाजियों पर कठोर कार्रवाई

वर्तमान दौर में सबसे बड़ी चुनौती क्रिप्टो‑करेंसी से जुड़ी टैक्स चोरी है। विभाग ने पैन‑लिंक्ड क्रिप्टो लेन‑देन को टैक्‍स रिटर्न से मिलाकर उन टैक्सपेयरों की पहचान की है जिन्होंने अपने क्रिप्टो‑आय को छुपाया है। यह प्रक्रिया एक्सचेंज और वॉलेट प्रोवाइडर्स के डेटा को AI‑टूल्स के ज़रिये स्कैन करके की जाती है। जब कोई बड़े वॉल्यूम की शंकास्पद लेन‑देन करता है, तो सिस्टम तुरंत फ़्लैग कर देता है।

इसी तरह, 150 शहरों में चलाए गए बड़े‑पैमाने के वैरिफ़िकेशन ऑपरेशन ने 1,045 क्रोड़ रुपये की झूठी कटौतियों को उजागर किया। इन कटौतियों में हाउस रेंट एलाउंस, राजनीतिक दान, शिक्षा लोन, मेडिकल इंश्योरेंस और चैरिटी डोनेशन जैसे सेक्शन शामिल थे। विभाग ने पाए कि कई रिटर्न तैयार करने वाले एजेंट और मध्यस्थ संगठित रूप से नकली दस्तावेज़ बनाकर इन लाभों को क्लेम कर रहे थे।

इन रुकावटों को तोड़ते हुए, विभाग ने अप्रैल 2022 से टैक्सपेयरों को उनके वित्तीय लेन‑देन का विवरण खुद की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए प्रेरित किया। इस पहल से अब तक 11 मिलियन रिटर्न अपडेट हुए हैं और अतिरिक्त 11,000 क्रोड़ रुपये की टैक्स कलेक्शन हुई है। एप्रिल 2023 से जून 2025 तक एक विशेष अनुपालन अभियान में टैक्सपेयरों ने 963 क्रोड़ रुपये की गलत कटौतियों को वापस लिया और 409.5 क्रोड़ रुपये अतिरिक्त टैक्स भुगतान किया। साथ ही 30,161 व्यक्तियों ने 29,208 क्रोड़ रुपये के विदेशी एसेट्स और 1,089 क्रोड़ रुपये के ओवरसीज़ इनकम की घोषणा की।

चेयरमैन अग्रवाल ने कहा कि इन डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल केवल उन टैक्सपेयरों के खिलाफ किया जाएगा जो सहयोग नहीं करते, यानी केवल सर्च‑एंड‑सीज़र ऑपरेशन में। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने कड़े आंतरिक कंट्रोल और एक्सेस रेस्ट्रिक्शन लागू किए हैं, ताकि वैध नागरिकों की प्राइवेसी सुरक्षित रहे।

आगे चलकर AI को और गहराई से इंटीग्रेट किया जाएगा। अधिक क्वालिटी डेटा मिलने से सिस्टम को मशीन लर्निंग मॉडल्स में ट्रेन किया जाएगा, जिससे भविष्य में धूमिल धोखेबाज़ी के पैटर्न भी आसानी से पकड़े जा सकेंगे। इस अत्याधुनिक तकनीक के साथ आयकर विभाग टैक्स एवेझन के खिलाफ एक नई लकीर खींच रहा है, जबकि आम जनता के निजी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सख्त नियम बने रहेंगे।