ईद उल अजहा 2024: बरेली में बकरीद की नमाज टाइमिंग्स और अन्य जानकारियां

ईद उल अजहा 2024: बरेली में बकरीद की नमाज टाइमिंग्स और अन्य जानकारियां

बरेली में ईद उल अजहा 2024 का जश्न: नमाज टाइमिंग्स और महत्वपूर्ण जानकारियां

ईद उल अजहा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार कुरबानी और त्याग का प्रतीक है। बरेली में इस वर्ष का बकरीद का जश्न और भी धूमधाम से मनाया जाएगा, और इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस साल, प्रमुख नमाज बरेली के विभिन्न स्थलों पर निर्धारित की गई है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस महत्वपूर्ण पर्व में भाग ले सकें।

इस वर्ष बरेली में बकरीद का मुख्य नमाज सुबह 10 बजे ईदगाह बक्करगंज में आयोजित होगा। यह नमाज खासी संख्या में लोगों को आकर्षित करेगी, जो बड़ी ही उत्साह और धार्मिक भक्ति के साथ ईदगाह में जमा होंगे। इसके अलावा, इसी दिन सुबह 5:40 बजे दरगाह वाली मियां बाजार संडल खान में भी नमाज का आयोजन किया जाएगा। यह स्थान भी साल दर साल बड़ी संख्या में नमाजियों को आकर्षित करता है। स्थानीय लोगों के अलावा, आसपास के क्षेत्रों से भी लोग यहां इकट्ठा होते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण नमाज स्थल और टाइमिंग्स

शाही जामा मस्जिद, जोकि किला क्षेत्र में स्थित है, में सुबह 9 बजे नमाज का आयोजन होगा। यह मस्जिद भी अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण लोगों को खींचती है। यहां की नमाज में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं, और सभी ने मिलकर इस महत्वपूर्ण पर्व को धूमधाम से मनाने का प्रबंध किया है। विभिन्न समुदायों के लोग इस मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।

इसके अलावा, दरगाह आला हज़रत स्थित रज़ा मस्जिद में सुबह 10:30 बजे नमाज आयोजित की जाएगी। यह दरगाह बरेली के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, और यहां बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था को प्रकट करने आते हैं। दरगाह आला हज़रत के मीडिया इंचार्ज नासिर कुरैशी ने इन सभी स्थानों की नमाज टाइमिंग्स की पुष्टि की है, और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे समय पर पहुंचकर नमाज अदा करें और इस महत्वपूर्ण पर्व को सही तरीके से मनाएं।

ईद उल अजहा का महत्व और उत्सव

ईद उल अजहा का महत्व और उत्सव

ईद उल अजहा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम कैलेंडर के अनुसार धू अल-हिज्जा महीने के 10वें दिन मनाया जाता है। इस पर्व का बड़ा महत्व है क्योंकि यह पैगंबर इब्राहिम की कुरबानी की याद में मनाया जाता है। उनकी इस महान कुरबानी को याद करते हुए, मुस्लिम समुदाय के लोग जानवरों की कुरबानी करते हैं और उसे तीन हिस्सों में बांटते हैं - एक हिस्सा खुद के लिए, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और तीसरा गरीब और जरूरतमंदों के लिए।

इस दिन नमाज के बाद, लोग कुरबानी करते हैं और एक दूसरे को बकरीद मुबारक कहते हैं। बरेली में भी, इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बाजारों में रौनक होती है, लोग नए कपड़े पहनते हैं और विशेष खाद्य पदार्थ तैयार करते हैं। घरों में मीठी सेवइयां, बिरयानी, कबाब और अन्य स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। यह पर्व सिर्फ धर्म के महत्व का ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक संपर्क का भी प्रतीक है।

समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश

मु�ान्य लोग इस दौरान एक दूसरे को गले मिलते हैं, खुशियां बांटते हैं और समाज में प्रेम और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देते हैं। बरेली की गलियों में भी ईद के दिन यह नजारा देखने को मिलता है, जब लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाकर उन्हें बकरीद की मुबारकबाद देते हैं।

ईद उल अजहा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज में समरसता, एकता और भाईचारा बढ़ाने का भी अवसर है। इस दिन लोग अपने मतभेदों को भूलाकर एक दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। विशेष रूप से बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने लायक होती है, जब उन्हें नए कपड़े, खिलौने और तरह-तरह के व्यंजन मिलते हैं।

इस साल की बकरीद के मद्देनजर, प्रशासनिक तैयारियां भी जोरों पर हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने वयवस्थाएँ की हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। विभिन्न मस्जिदों और दरगाहों के आस-पास पुलिस बल की तैनाती की जाएगी और नगर निगम द्वारा सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

बरेली के प्रमुख ईदgah स्थल

बरेली के प्रमुख ईदgah स्थल

ईद उल अजहा के मौके पर पूरे बरेली शहर में अलग-अलग जगहों पर नमाज अदा की जाती है। इनमें ईदगाह बक्करगंज, शाही जामा मस्जिद, दरगाह वाली मियां, और दरगाह आला हज़रत महत्वपूर्ण स्थल हैं। हर साल, लोग यहां जमा होकर नमाज अदा करते हैं और इस दिन की विशेष महत्ता को मनाते हैं।

इन प्रमुख स्थलों पर नमाज अदा करने के अलावा, लोग अपने-अपने मोहल्ले की मस्जिदों में भी नमाज अदा करते हैं। इससे पूरी शहर में धार्मिक वातावरण महसूस किया जा सकता है। बाजारों में भी खूब रौनक रहती है, लोग खाना-पीना और नए कपड़े खरीदने में व्यस्त रहते हैं।

आशा है कि इस साल की ईद उल अजहा भी बरेली में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देगी और सभी लोग मिलकर इसे धूमधाम से मनाएंगे।