IND W vs SA W फाइनल: बारिश ने बिगाड़ी नवी मुंबई में विश्व कप की जीत की उम्मीदें

IND W vs SA W फाइनल: बारिश ने बिगाड़ी नवी मुंबई में विश्व कप की जीत की उम्मीदें

बारिश की बूंदों ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में एक ऐतिहासिक पल को रोक दिया। ICC महिला विश्व कप 2025 का फाइनल जिसे भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाना था, उसका शुरुआती समय बारिश के कारण बार-बार टाला गया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम और लॉरा वोल्वार्ड्ट की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीकी महिला क्रिकेट टीम के बीच यह मुकाबला दोनों टीमों के लिए पहली बार विश्व कप का खिताब जीतने का मौका था। लेकिन जब बारिश ने दोपहर 12 बजे से लगातार बारिश शुरू कर दी, तो भारत के लिए घरेलू जीत की उम्मीदें धुंध में खो गईं।

बारिश का तूफान, खेल की उम्मीदें

दिन शुरू हुआ बादलों से, और दोपहर तक आसमान ने एक भी धूप का दरवाजा नहीं खोला। डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी के मैदान पर गीली धूल, बारिश के बाद बने तालाब और नमी की भारी हवा ने खिलाड़ियों के लिए भी चुनौती बन दी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई, ठाणे और आसपास के इलाकों के लिए पीली चेतावनी जारी की थी — और अक्कूवेदर के अनुसार बारिश की संभावना 63% थी। दोपहर 2:30 बजे एक छोटा सा विराम आया, जब धूप ने ग्राउंड स्टाफ को कवर हटाने का संकेत दिया। लेकिन वह विराम अस्थायी था। बारिश फिर से तेज हो गई, और 3:50 बजे तक बरसती रही।

फाइनल के लिए नियम अलग हैं: ग्रुप स्टेज मैचों में सिर्फ एक घंटे का विलंब था, लेकिन फाइनल में दो घंटे का बफर है। टॉस का नया समय 4:32 बजे तय हुआ, और खेल शुरू होने का समय 5:00 बजे। लेकिन आसमान ने अभी भी जवाब नहीं दिया। बारिश जारी रही, और खेल के लिए अंतिम समय सीमा — 20-20 ओवर खेले जाने तक — 9:08 बजे थी। ये वह समय था जब खेल को अधिकारियों को बंद करना पड़ सकता था।

इतिहास और भावनाएं: घर पर पहली बार फाइनल

भारतीय महिला टीम के लिए यह फाइनल केवल एक मैच नहीं था। यह 2005 और 2017 के बाद तीसरी बार था, लेकिन पहली बार जब यह भारत में हुआ। उन्होंने सेमीफाइनल में सात बार विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को हराया — जिसमें जेमिमाह रोड्रिग्स ने 127* और हरमनप्रीत ने 89 बनाए। वह चैम्पियनशिप के इतिहास में सबसे बड़ी सफल चेज थी। दक्षिण अफ्रीका ने चार बार के चैम्पियन इंग्लैंड को हराकर अपना पहला फाइनल बनाया। दोनों टीमें अपना पहला विश्व कप जीतने के लिए तैयार थीं।

मैदान का स्वरूप भी विशेष था। यही लाल मिट्टी का पिच था जिस पर भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 340 रन बनाए थे। बल्लेबाजों के लिए शुरुआत में बाउंस और कैरी अच्छा था, और धीमी गेंदबाजी को बाद में फायदा होने की उम्मीद थी। लेकिन बारिश ने सब कुछ बदल दिया।

दर्शकों की भावनाएं: बारिश के बावजूद भीड़

दर्शकों की भावनाएं: बारिश के बावजूद भीड़

मैदान के बाहर, लाखों भारतीय दर्शक खड़े थे — चाहे बारिश हो रही हो या नहीं। घर के आसपास के इलाकों से आए लोग अपने बच्चों को गोद में लिए, छाते खोले, और अपनी टीम के लिए गाने गुनगुनाते रहे। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "हम यहां इसलिए आए हैं क्योंकि ये हमारी बेटियां हैं। बारिश हो या धूप, ये मैच हमारे दिल में है।" उनकी भावनाएं उस दिन की असली कहानी थीं।

अगर खेल नहीं हो पाया तो क्या होगा?

टूर्नामेंट नियम के अनुसार, अगर दोनों टीमों में से कोई भी 20 ओवर नहीं खेल पाता, तो मैच को अधिकारियों के द्वारा अनिश्चितकालीन रूप से टाल दिया जाता है। इसके लिए एक रिजर्व दिन — मंगलवार, 3 नवंबर 2025 — तय किया गया था। अगर उस दिन भी मैच पूरा नहीं हो पाया, तो दोनों टीमें खिताब साझा करेंगी। इसका मतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों विश्व चैम्पियन घोषित हो जाएंगे।

यह स्थिति अब तक कभी नहीं हुई थी। 1997 में भी फाइनल में बारिश हुई थी, लेकिन उस बार ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीत लिया था। इस बार, अगर बारिश ने फाइनल नहीं दिया, तो यह विश्व कप के इतिहास में एक अनोखा पल बन जाएगा।

अगला कदम: रिजर्व दिन की तैयारी

अगला कदम: रिजर्व दिन की तैयारी

अधिकारी अब रिजर्व दिन के लिए तैयारी में जुट गए हैं। मैदान के ड्रेनेज सिस्टम को फिर से चेक किया जा रहा है, और टीमों के लिए अलग-अलग तैयारी के अलग-अलग शेड्यूल बनाए जा रहे हैं। भारतीय टीम के कोच ने कहा, "हम यह नहीं जानते कि क्या होगा, लेकिन हम तैयार हैं। चाहे कल हो या बाद में, हम खेलेंगे।"

बारिश के बावजूद, दर्शकों के बीच उत्साह नहीं टूटा। सोशल मीडिया पर #SaveTheFinal और #SharedChampions ट्रेंड हो रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि अगर दोनों टीमें खिताब साझा करें, तो यह महिला क्रिकेट के लिए एक नया इतिहास बनेगा — जहां जीत नहीं, बल्कि सम्मान बराबर है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अगर फाइनल रिजर्व दिन पर भी नहीं खेला जा सका, तो क्या होगा?

अगर रिजर्व दिन, 3 नवंबर 2025, पर भी खेल पूरा नहीं हो पाता है, तो दोनों टीमें — भारत और दक्षिण अफ्रीका — विश्व कप का खिताब साझा करेंगी। यह पहली बार होगा जब महिला विश्व कप का खिताब दो टीमों के बीच बंटा जाएगा। इसका निर्णय ICC ने टूर्नामेंट नियमों में पहले से ही रखा है।

भारतीय टीम के लिए यह फाइनल क्यों इतना खास है?

यह भारतीय महिला टीम का तीसरा विश्व कप फाइनल है, लेकिन पहला जो भारत में खेला जा रहा है। 2005 और 2017 में वे फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन जीत नहीं पाईं। इस बार घर पर खेलने का मौका था, और टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतिहास की सबसे बड़ी चेज करके फाइनल में जगह बनाई। घरेलू दर्शकों का समर्थन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण था।

दक्षिण अफ्रीका के लिए यह फाइनल क्यों ऐतिहासिक है?

दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम कभी भी महिला विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंची थी। उन्होंने चार बार के चैम्पियन इंग्लैंड को हराकर इतिहास रच दिया। इस टीम के खिलाड़ी अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजर नहीं आए थे। यह फाइनल उनके लिए एक अप्रत्याशित और अद्भुत उपलब्धि है।

मैच के लिए अंतिम समय सीमा क्या थी?

मैच के लिए अंतिम समय सीमा 9:08 बजे इस्ट इंडियन टाइम (IST) थी। इसका मतलब है कि दोनों टीमों को इस समय तक कम से कम 20 ओवर खेलना था। अगर यह नहीं हो पाया, तो मैच रिजर्व दिन पर स्थानांतरित हो जाता। यह नियम फाइनल के लिए अलग है — ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक घंटे का विलंब था।

बारिश के बावजूद दर्शक क्यों अभी भी मैदान के बाहर थे?

दर्शक यह जानते थे कि यह भारतीय महिला टीम का पहला घरेलू फाइनल है। उन्होंने इसे बस एक मैच नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक घटना माना। बारिश के बावजूद भी लोग छाते लेकर आए, गाने गाए, और टीम के लिए जीत की उम्मीद बनाए रखी। यह भावना किसी भी खेल की तुलना में अधिक गहरी थी।

क्या बारिश के कारण खिताब साझा करने का फैसला न्यायसंगत है?

हां, क्योंकि दोनों टीमें बराबर प्रयास कर रही थीं, और बारिश एक बाहरी घटक थी जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं था। इस तरह के फैसले को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पहले भी अपनाया है — जैसे 2002 के टी20 विश्व कप फाइनल में। यह न्यायसंगत और सम्मानजनक है, खासकर जब दोनों टीमें इतिहास रच रही हों।