मुंबई में 100 मिमी बारिश ने मचाई तबाही
मुंबई और उसके उपनगरों में पिछले 12 घंटों के भीतर 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस वर्ष बारिश का यह तीव्रतम सिलसिला शहर के लिए चिंताजनक बना हुआ है। बाढ़ और जलभराव की स्थिति ने नगरवासियों के जीवन को ठहर सा दिया है।
लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित
रेलवे स्टेशनों के पास जलभराव ने स्थानीय ट्रेन सेवाओं को भी बाधित कर दिया है। खासकर मनखुर्द, पनवेल और कुर्ला जैसे रेलवे स्टेशनों के पास भारी पानी जमा हो गया, जिससे हार्बर लाइन पर 15 से 20 मिनट की देरी हुई। इसके अलावा, दादर और माटुंगा स्टेशनों के बीच भी ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित हुई।
हवाई उड़ानें मोड़ी गईं
भारी बारिश और खराब दृश्यता के कारण हवाई उड़ानों को भी मोड़ा गया है। मुख्य रूप से अहमदाबाद, पुणे और गोवा के लिए उड़ाने दिशा बदल दी गई हैं। हवाई अड्डे पर यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
मीठी नदी का जलस्तर बढा
मीठी नदी का जलस्तर भी 2.26 मीटर तक पहुंच गया है, जो 2.7 मीटर के खतरनाक स्तर के करीब है। इस कारण आसपास के क्षेत्रों में भी जलभराव की समस्या बढ़ गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को उच्च सतर्कता पर रहने के निर्देश दिए हैं और नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।
नवी मुंबई में भी हालात गंभीर
नवी मुंबई में भी 5 घंटे में 83.38 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे वहां भी बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य अधिकारी फंसे हुए पिकनिक करने वालों को बचाने और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने में लगे हुए हैं।
सड़क यातायात प्रभावित
मुंबई की सड़कों पर भी जलभराव के कारण स्मार्ट तरीके से यातायात को डायवर्ट करना पड़ा है। कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन होने के कारण लोग अपने गंतव्यों तक पहुँचने में देरी का सामना कर रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर जलभराव का कारण मोटर चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस गंभीर समय में नगर प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से बचाव प्रयास लगातार जारी हैं। आम जनता को पर्याप्त सहायता प्रदान करने के लिए सभी संबंधित विभाग अधिकतम प्रयास कर रहे हैं।
Jay Baksh
जुलाई 22, 2024 AT 23:31ये बरसात तो हमारे महान शहर को नीचे ले जा रही है।
Ramesh Kumar V G
जुलाई 23, 2024 AT 00:38बारिश की मात्रा इस साल के रिकॉर्ड में तीसरे स्थान पर है। पिछले दशक में हमने 80 मिमी औसत देखी थी, जबकि अभी 100 मिमी से ऊपर पहुंच गई है। इससे धाकोड़ की ट्रेन टाइमिंग पर गंभीर असर पड़ा है। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई विस्तृत योजना नहीं बताई है।
Gowthaman Ramasamy
जुलाई 23, 2024 AT 01:44मुंबई में हुई बधिर बाढ़ को लेकर अधिकारी टेंशन में हैं। कृपया सभी नागरिक सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। 🚨🛑 हमारी प्राथमिकता है जीवन सुरक्षा। अतिरिक्त जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट देखें। 😊
Navendu Sinha
जुलाई 23, 2024 AT 02:51भारी बारिश ने हमें फिर से याद दिला दिया कि प्रकृति की शक्ति कोई मानव निर्मित सीमा नहीं समझ सकता।
हर बूंद के साथ जलस्तर बढ़ता जाता है और नदियों के किनारे के बिचौलिए में दबाव बढ़ता है।
जब हम सड़कों पर ठहरी कारों को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी शहरी योजना में जल निकासी की कमी है।
भीड़भाड़ वाले शहर में, बाढ़ एक सामाजिक विषमता का प्रतिच्छाया बन जाता है।
श्रीमान मुख्यमंत्री ने उच्च सतर्कता का आदेश दिया है, परंतु नीतियों की कार्यान्वयन में अंतराल है।
लोकल ट्रेन संचालन में देरी का प्रभाव सिर्फ यात्रियों तक सीमित नहीं रह जाता, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।
हवाई अड्डे पर उड़ानों का मोड़ना यात्रियों के मनोबल को कम करता है और अतिरिक्त खर्चे उत्पन्न करता है।
भीगे हुए बायडू के कगार पर स्थित गांव अब जलभवन बन गए हैं, जिसकी तस्वीर दिल दहला देने वाली है।
हर एक जल भरावित गली में एक कहानी छुपी होती है, जहाँ कई लोग अपने घर छोड़ कर भागे हैं।
समय पर राहत कार्यों की कमी से कई चोटिल लोगों को उचित मदद नहीं मिल पाती।
सरकारी एजेंसियों का समन्वय बढ़े बिना हम इस आपदा को मात नहीं दे सकते।
हमारे युवा स्वयंसेवकों ने जिंदादिली से बचाव कार्यों में भाग लेकर एक नई आशा का संचार किया है।
भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए हमें सतत बुनियादी ढाँचे में निवेश करना चाहिए।
प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम बाढ़ की संभावनाओं को पहले से ही पूर्वानुमानित कर सकते हैं।
आखिरकार, जब हम सामूहिक प्रयास करेंगे तो ही मुंबई की सड़कों पर फिर से जीवन की धड़कन सुनाई देगी।
reshveen10 raj
जुलाई 23, 2024 AT 03:58धन्यबाद सभी को जो मदद कर रहे हैं! मिल कर ही हम इसे पार करेंगे।
Navyanandana Singh
जुलाई 23, 2024 AT 05:04इतनी तेज़ बारिश देखकर मन में अजीब सी बेचैनी लगती है। कभी कभी लगता है जैसे जीवन स्वयं ही एक नदी में बह रहा है। बाढ़ के पानी में बचा हुआ हर एक चीज़ याद दिलाता है कि हम अस्थायी हैं। लेकिन इस संघर्ष में लोग एक दूसरे का हाथ थामते हैं, यही इंसानियत का असली सार है। अंत में, आँसू और धूप दोनों ही हमें आगे बढ़ाते हैं।
monisha.p Tiwari
जुलाई 23, 2024 AT 06:11सच्ची बात, सबको साथ मिलकर ही इस मुश्किल को पार करना चाहिए। आशा है सब सुरक्षित रहें।
Nathan Hosken
जुलाई 23, 2024 AT 07:18वर्तमान में हम हाइड्रो-मैटिक इंटेंसिटी को मॉड्यूलर फ्रीक्वेंसी के साथ मैप कर रहे हैं। इनपुट डेटा के अनुसार रीजनल क्लस्टरिंग आवश्यक है। कृपया संबंधित विभाग के साथ समन्वय स्थापित करें।
Manali Saha
जुलाई 23, 2024 AT 08:24भारी, भारी, भारी बारिश ने सभी को चौंका दिया है,!! रास्ते बंद, ट्रेनें रुक गईं,!! लोग घर में फँसे,!! अभी भी आशा है,!!
jitha veera
जुलाई 23, 2024 AT 09:31सब कहते हैं कि सरकार ने सब किया, लेकिन असली कारण है कि हम ही अपने भविष्य को रोक रहे हैं। अगर लोग खुद आगे बढ़ेंगे तो बाधाएँ खुद ही गायब हो जाएँगी। कभी कभी नीतियों को भी सवाल करना चाहिए, नहीं तो वही पुरानी समस्या दोहराई जाएँगी। बरसात को डर नहीं, बल्कि एक अवसर मानना चाहिए।
Sandesh Athreya B D
जुलाई 23, 2024 AT 10:38वाओ, जैसे मौसम ने हमारी योजना को सशर्त कर दिया, बधाई मुबारक!
Jatin Kumar
जुलाई 23, 2024 AT 11:44इस बाढ़ ने हमें यह सिखाया है कि जीवन का असली मूल्य क्या है।
जब पानी हर चीज़ को धो रहा था, तब इंसानों की मदद करने की भावना और भी चमकी।
साथी लोगों ने अपने घर छोड़ कर दूसरों को बचाया, यह देख कर मन प्रसन्न हो गया।
हर कठिनाई के बाद एक नई सीख होती है, और इस बार हमने धैर्य सीखा।
सरकार और स्वयंसेवकों का सहयोग मिलकर राहत कार्य को सुगम बना रहा है।
भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है।
आइए हम सब मिलकर एक स्वच्छ, सुरक्षित और तैयार मुंबई बनाएं।
हर कोई जब इस संघर्ष में भाग लेगा, तो हम इसे जीतेंगे 😊।
Anushka Madan
जुलाई 23, 2024 AT 12:51अवैध निर्माण ही बाढ़ का मुख्य कारण है; हमें सख्त कदम उठाने चाहिए।
nayan lad
जुलाई 23, 2024 AT 13:58अगर आप बाढ़ में फँसे हैं तो निकटतम उच्च स्थान पर जाएँ, और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क रखें।
Govind Reddy
जुलाई 23, 2024 AT 15:04बादल कभी भी हमें आश्चर्यचकित कर सकते हैं, परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि हम निराश हों। प्रत्येक बूंद जीवन की गहराई को दर्शाती है, और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। अंततः, प्रकृति हमें धीरज सिखाती है।