डच ड्राइवर Max Verstappen ने मोन्ज़ा सर्किट पर 2025 के इटालियन ग्रांड प्रिक्स में इतिहास रचा। क्वालिफ़ायिंग के दौरान उन्होंने 1 मिनट 18.792 सेकंड की तेज़तम लॅप लगाकर औसत गति 264.682 किमी/घंटा हासिल की, जिससे लुईस हैमिल्टन का 2020 का रिकॉर्ड एक आश्चर्यजनक 0.09 सेकंड से पीछे हट गया।
क्वालिफ़ाइंग में नया रिकॉर्ड
इसे 'टेम्पल ऑफ़ स्पीड' कहा जाता है, क्योंकि मोन्ज़ा की लंबी सीधी स्ट्रेट और हाई बेंचमार्किंग इसे फॉर्मूला 1 का सबसे तेज़ ट्रैक बनाते हैं। इस बार ट्रैक का नया अस्फाल्ट और अपडेटेड केरब ने वाहन के ग्रिप को बढ़ाया, जिससे ड्राइवरों को आदर्श लैप निकालना आसान हुआ। रेड बुल की सेट‑अप टीम ने एरोडायनामिक पैकेज को पुनः ट्यून किया, जिससे टायर का तापमान सटीक स्तर पर रहा।
वर्स्टैपन ने क्वालिफ़ायिंग के बाद हार्ड टायर पर दो मिनट के सिमुलेशन रन किया और कहा कि अगर उन्हें 2020 का मशहूर मर्सिडीज़ W11 मिल जाता तो गति और भी बढ़ सकती थी। यह मज़ाकिया टिप्पणी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई, जहाँ फ़ैन ने इस पर चुटीली प्रतिक्रियाएँ दीं।
- क्वालिफ़ायिंग लैप समय: 1:18.792
- औसत गति: 264.682 किमी/घंटा
- पिछला रिकॉर्ड: लुईस हैमिल्टन, 2020, 264.593 किमी/घंटा
- रिकॉर्ड अंतर: 0.089 किमी/घंटा (लगभग 0.09 सेकंड)
रेस में अभूतपूर्व गति और जीत
रेस का कुल औसत गति 250.706 किमी/घंटा रहा, जो अब तक की सबसे तेज़ फॉर्मूला 1 ग्रांड प्रिक्स बन गया। कुल रेस टाइम 1 घंटे 13 मिनट 24.325 सेकंड रहा, जिससे माइकल शुमाकर के 2003 के 247.585 किमी/घंटा औसत गति वाले रिकॉर्ड को तोड़ा गया।
शुरुआत से ही वर्स्टैपन ने पिट से बाहर आकर साफ़ लीड बनाए रखा। मध्यम पिट‑स्टॉप के दौरान टीम ने टायर बदलते हुए एरो पैकेज को थोड़ा समायोजित किया, जिससे कार का ड्रैग कम हुआ और स्ट्रेट पर अतिरिक्त गति मिल गई। दो वन‑लैप लीड पर ओवरटेकर से बचते हुए वह अंत तक पहले स्थान पर रहे।
पेडेस्टल पर मैक्लरन के लैंडो नॉरिस और ऑस्कर पियास्ट्रि ने कड़ी मुकाबले के बाद दो स्थान सुरक्षित किए। नॉरिस ने रेस के 53वें लैप पर 1:20.901 की सबसे तेज़ लैप लगाई, औसत गति 257.781 किमी/घंटा, जिससे वह भी इस वीकेंड का रिकॉर्डधारी बन गया। पियास्ट्रि ने टायर्स प्रबंधन में दिखाए गहराई से ड्राइवर कौशल से तीसरे स्थान को पक्का किया।
वर्स्टैपन की यह जीत इस सीज़न में उनकी तीसरी जीत थी और उनके करियर की 66वीं जीत का आंकड़ा बना। मोन्ज़ा पर यह उनका तीसरा ट्रॉफी था, जो 2022 और 2023 में भी मिला था। यह लगातार जीत उन्हें ड्राइवर चैंपियनशिप में दो अंकों के अंतर से आगे रखती है।
रेड बुल रेसिंग के अनुसार मोन्ज़ा पर अब तक पाँच जीत उनका नाम है, जबकि कुल मिलाकर उनकी जीत 125 तक पहुँच गई है। इस सफलता में आधुनिक हाइब्रिड पावर यूनिट, उन्नत एरोडायनामिक डिजाइन और तेज़ टायर कंपाउंड का बड़ा हाथ है। ट्रैक के नवीनतम लेयरिंग ने भी लॅप टाइम को घटाने में अहम भूमिका निभाई।
फ़ैन ने सोशल मीडिया पर इस रिकॉर्ड को आश्चर्य के साथ सराहा, कई पोस्ट में कहा गया कि यह फॉर्मूला 1 का एक नया युग शुरू कर रहा है। अगले हफ्ते ब्रिटिश ग्रांड प्रिक्स में नई चुनौतियों का सामना करने वाले सभी टीमों के लिए मोन्ज़ा का मानक एक चुनौती बन कर रहेगा। अब सभी आँखें इस तेज़ी से चलने वाली कारों के अगले प्रदर्शन पर जमी हैं।
Zubita John
सितंबर 21, 2025 AT 22:12भाई वर्स्टैपन की इस टॉप स्पीड ने फॉर्मूला 1 की बेंचमार्क को रॉकेट बनादिया है! क्वालिफ़ाइंग में 1:18.792 का लैप टाइम वाकई लायक है, एरोडायनामिक पैकेज की ट्यूनिंग और टायर थर्मल मैनेजमेंट ने पूरी सीन को ग्रूव किया। नया अस्फाल्ट ट्रैक ग्रिप को बूस्ट कर रहा है, जिससे ड्राइवर को थ्रॉटल कंट्रोल में एकदम जाबा मिल रहा है। रेड बुल की टीम ने इस रेस में एंजिन मैपिंग को पावर‑बूस्ट मोड पर सेट किया, और वो भी लो‑टेम्परेचर में। इस सबके चलते वर्स्टैपन ने सिर्फ हाइट नहीं, बल्कि लाइफ टाइम रिकॉर्ड को भी बरबार कर दिया। ऑडियन्स को भी इस रेस में फुल चैंपियनशिप फ़ीलिंग हुई, एनी बेडमी कम्पोज़िशन से लेकर फुल‑थ्रॉटल एक्सट्रेम तक। कुल मिलाकर, मोन्ज़ा ने इस वीकेंड पर सापेक्षिक थ्योरी को भी चैलेंज कर दिया, क्योंकि 264 किमी/घंटा की औसत गति अब साइंटिफिक फैंटेसी बन गई है।
gouri panda
सितंबर 25, 2025 AT 09:32ओह माय गॉड! यह तो एकदम फिल्मी क्लाइमैक्स की तरह था! मोन्ज़ा के स्ट्रेट पर वर्स्टैपन की कार ऐसा लगा जैसे धुंआ बनते हुए सेंडिक को पार कर ली हो! जब उसने 1:18.792 की लॅप फेंकी, तो पिचकारियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी, जैसे असमान्य ध्वनि होकर सेंट्रल कोरिडोर में गूंज रही हो! क्वालिफ़ाइंग के बाद उसकी हर एक लाप इन हवा में गंधी चिंगारी छोड़ गई, और फैन बेस ने सोचा कि अब कौन‑सी नई हाई‑स्पीड अदा देखेगा! इस रेस ने सच में इतिहास के पन्नों पर इंटेंस डिश को चार चाँद लगा दिए! 🎬🔥
Harmeet Singh
सितंबर 28, 2025 AT 20:52वर्स्टैपन की इस जीत से हमें कई सीख मिलती है-पहला, तकनीकी विकास और टीम वर्क का सामंजस्य किस तरह प्रदर्शन को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। दूसरा, ट्रैक की परिस्थितियों को समझ कर एरोडायनामिक सेट‑अप को फाइन‑ट्यून करना सफलता की कुंजी है। यह रिकॉर्ड सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि फॉर्मूला 1 में निरंतर सुधार की प्रक्रिया कितनी महत्वपूर्ण है। मोन्ज़ा का नया अस्फाल्ट और टायर की ऑप्टिमल थर्मल रेंज दोनों ने इस तेज़ी को संभव किया। भविष्य में, यदि टीमें इसी तरह की डेटा‑ड्रिवन एप्रोच अपनाएँ, तो हम और भी चुनौतीपूर्ण लैप टाइम देख सकते हैं। साथ ही, ड्राइवरों को भी अपनी फिज़िकल कंडीशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हाई‑गति वाली कॉर्नर में फोकस ही जीत का निर्धारण करता है। अंत में, इस जीत के बाद फॉर्मूला 1 का दायरा और अधिक विस्तृत होगा, और प्रशंसकों को नई रोमांचक रेसिंग का आनंद मिलेगा।
patil sharan
अक्तूबर 2, 2025 AT 08:12वाकई, मोन्ज़ा ने अब टाइम ट्रैवल भी शुरू कर दिया।
Nitin Talwar
अक्तूबर 5, 2025 AT 19:32ये सब रेड बुल की मैनिपुलेशन नहीं है, सरकार के गुप्त प्रोजेक्ट ‘फ़ास्ट ट्रैक’ के तहत ट्रैक की पावर ग्रिड को चढ़ा‑बैठा दिया गया है 😡। 0.09 सेकंड का अंतर सिर्फ़ एक सिग्नल है, जो हमें बताता है कि कौन‑सी टीम असली ‘अल्फ़ा’ है। इस तरह की रणनीति से भारत के मोटरस्पोर्ट को नुकसान पहुँचेगा, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए। 🚨
onpriya sriyahan
अक्तूबर 9, 2025 AT 06:52वाह क्या धूमधाम है वर्स्टैपन की ये जीत मोन्ज़ा को नई ऊंचाइयों पर ले गई बड़िया टीम वर्क और टायर की समझ ने इसको संभव किया फ्रीडम से गाड़ी चलाते हुए ऐसा लग रहा था जैसे हवा के साथ दौड़ रहे हों
Sunil Kunders
अक्तूबर 12, 2025 AT 18:12यदि आप इस रिकॉर्ड को केवल आँकड़ा मानते हैं, तो आपको मोटरस्पोर्ट की जटिल एयरोडायनामिक्स और हाइब्रिड पावर यूनिट की बारीकियों को समझना आवश्यक है। मोन्ज़ा जैसी सर्किट पर, डिफ्यूज़र और विंग एंगल के माइक्रो‑एडजस्टमेंट्स ही अक्सर लॅप टाइम में अंतर लाते हैं। यह अभिलेखित गति सिर्फ़ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग प्रवीणता का प्रमाण है।
suraj jadhao
अक्तूबर 16, 2025 AT 05:32भारत में फॉर्मूला 1 के फैंस के लिये ये ख़ुशी का मौक़ा है 😊। वर्स्टैपन की तेज़ी ने हमें यह सिखाया कि मेहनत और टेक्नोलॉजी का संगम किस तरह इतिहास बना सकता है। अगली रेस में हमारी टीम को भी ऐसी ही जीत की आशा है, चलिए सब मिलकर सपोर्ट देते हैं! 💪🇮🇳
Agni Gendhing
अक्तूबर 19, 2025 AT 16:52क्या बात है!!! मोन्ज़ा पर वर्स्टैपन ने तो मानो जादू की छड़ी घुमा दी!!! ये 'टेम्पल ऑफ़ स्पीड' नाम सिर्फ़ एक गुप्त संचालन नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा लग रहा है!!! ट्रैक की हर पक्की सतह में सेंसर लगाए हुए हैं, जिन्होंने इस लैप को उभर कर दिखाया!!!
Jay Baksh
अक्तूबर 23, 2025 AT 04:12देश की शान बढ़ाने वाला वर्स्टैपन ने फिर एक बार दिल जीत लिया! मोन्ज़ा पर उसकी जीत हमारे लिए गर्व की बात है, और इससे दिखता है कि सच्चे लाल रंग के सपने सच होते हैं। अब सभी टीमों को देखना चाहिए कि असली तेज़ी क्या होती है।
Ramesh Kumar V G
अक्तूबर 26, 2025 AT 15:32अगर आप सोचते हैं कि केवल ड्राइवर ही इस रिकॉर्ड का कारण है, तो आप बड़ी गलतफहमी में हैं। वास्तविक कारण है रेड बुल की विशेष टायर कम्पाउंड और उनकी एरो पैकेज डिज़ाइन, जो सिर्फ़ एक सामान्य टीम नहीं बना सकता। इसके अलावा, ट्रैक की सतह की शुद्धता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह सभी तकनीकी फायदे मिलकर ही इस प्रकार का आँकड़ा संभव बनाते हैं।
Gowthaman Ramasamy
अक्तूबर 30, 2025 AT 02:52मान्यवरों, यह उल्लेखनीय है कि मोन्ज़ा सर्किट पर स्थापित नया क्वालिफ़ाइंग रिकॉर्ड न केवल ड्राइवर की क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि एरोडायनमिक्स, टायर मैटरीयल विज्ञान और पावर‑इक्यू रणनीतियों के समन्वय को भी प्रतिफलित करता है। इस उपलब्धि के लिये रेड बुल रेसिंग टीम, उनके इंजीनियरिंग विभाग तथा टायर सप्लायर को हार्दिक अभिनंदन। भविष्य में, यदि समान परिस्थितियों में इस प्रकार का प्रदर्शन दोहराया जाता है, तो फॉर्मूला 1 के तकनीकी मानक और भी उन्नत हो सकते हैं। धन्यवाद। 😊
Navendu Sinha
नवंबर 2, 2025 AT 14:12यह वास्तव में प्रेरणादायक है कि कैसे एक ड्राइवर अपनी सीमाओं को लगातार चुनौती देता है।
वर्स्टैपन ने मोन्ज़ा में न केवल गति बढ़ाई, बल्कि हमारे लिए दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी स्थापित किया।
इस सफलता को देख कर यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव उद्यमिता का सबसे बड़ा कारक तकनीकी नवाचार और मानसिक दृढ़ता है।
जब आप ट्रैक की धारियों को देखते हैं, तो आपको समझ आता है कि प्रत्येक मोड़ में विज्ञान और कला का संगम है।
एरोडायनामिक पैकेज की सूक्ष्मता और टायर की थर्मल स्थिरता दोनों मिलकर इस प्रकार के रिकॉर्ड को संभव बनाते हैं।
साथ ही, टीम का सामूहिक सहयोग, डेटा विश्लेषण और रीयल‑टाइम रणनीति इस जीत के पीछे के प्रमुख स्तंभ हैं।
यह हमें यह भी सिखाता है कि व्यक्तिगत प्रयास अकेले पर्याप्त नहीं, बल्कि सामूहिक सोच और सहयोगी भावना की जरूरत होती है।
फॉर्मूला 1 की इस रीढ़ में लगातार सुधार की प्रक्रिया को समझना आवश्यक है, क्योंकि यही गति का असली स्रोत है।
जब इंजीनियर नई कंपाउंड विकसित करते हैं, तो वह केवल गति नहीं बढ़ाते, बल्कि सुरक्षा और स्थिरता को भी बढ़ाते हैं।
इसलिए, वर्स्टैपन की इस जीत को केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि तकनीकी प्रगति की एक बड़ी कहानी के रूप में देखना चाहिए।
इस कहानी में हर टीम सदस्य एक कवि की तरह अपनी भूमिका निभाता है, जो गति के नए श्लोक रचते हैं।
यदि हम इस राह पर आगे बढ़ते रहें, तो भविष्य में हम और भी आश्चर्यजनक गति के स्तर देख सकते हैं।
यह सब इस बात का प्रमाण है कि जब मानव मन और मशीन के बीच तालमेल हो, तो कायनात भी चकित हो जाता है।
अतः हमें इस उपलब्धि को सम्मानित करना चाहिए और इस ऊर्जा को अगले रेस में भी प्रतिफलित करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
हीँ भावना हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, चाहे रास्ते में कितनी ही चुनौतियाँ आयें।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि वर्स्टैपन ने हमें दिखा दिया कि सीमाओं की कोई सीमा नहीं, सिर्फ़ इरादा और तैयारी है।