जब हम ओमान, एक मध्य‑पूर्वी देश जो अरब प्रायद्वीप के दक्षिण‑पूर्व कोरिडोर में स्थित है. Also known as Sultanate of Oman, it has a long maritime history and strategic coastline along the Arabian Sea की बात करते हैं, तो सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि यह राष्ट्र किस प्रकार के भू‑राजनीतिक और सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित है। ओमान की गहरी घाटियों, प्राचीन किलों और आधुनिक बुनियादी ढाँचे की टकराव वाली तस्वीर इसे विश्व मंच पर एक अनोखा स्थान देती है। ओमान के बारे में जानने से आप भारतीय पाठकों के लिए सबसे प्रासंगिक समाचार, व्यापार अवसर और यात्रा टिप्स तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
ओमान की अर्थव्यवस्था, मुख्य रूप से तेल निर्यात और फिर भी धीरे‑धीरे विविधीकरण की राह पर है पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2020 के दशक में सरकार ने गैर‑तेल क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया है। तेल मूल्य में उतार‑चढ़ाव के बावजूद, गैस प्रसंस्करण, मत्स्य उद्योग और डिजिटल सेवाओं ने ग्रॉस डोमैस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में 15 % तक योगदान दिया है। इस पुनःसंतुलन ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया, विशेषकर भारत की कंपनियों को जो लोजिस्टिक्स और ऊर्जा उपक्रमों में भाग ले रही हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण से ओमान की राजनीति, एक निर्वाचित शाही प्रणाली द्वारा शासित है जहाँ सुलतान के पास मुख्य कार्यकारी शक्ति होती है का ढाँचा काफी स्थिर माना जाता है। शेर सुलेमान बिन अदीब ने 2020 में सत्ता संभालते ही सामाजिक सुधार, महिला सशक्तिकरण और जलवायु नीति पर जोर दिया। राष्ट्रीय सभा (Consultative Assembly) के माध्यम से नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में जगह मिलती है, लेकिन अंतिम अधिकार हमेशा सुलतान के हाथ में रहता है। यह मिश्रित मॉडल ओमान को अन्य मध्य‑पूर्वी देशों की तुलना में राजनीतिक निरंतरता देता है, जिससे व्यापारिक माहौल अधिक पूर्वानुमेय बनता है।
पर्यटन के क्षेत्र में ओमान का पर्यटन, प्राचीन किले, समुद्र तट और प्राकृतिक चट्टानों के कारण तेजी से बढ़ रहा है ने पिछले पाँच वर्षों में 30 % की वार्षिक वृद्धि देखी है। मुख्य आकर्षणों में मसलिक की सड़कों, समुद्री तट पर स्थित दछिरानी, और बालू के रेगिस्तान में ड्राइविंग अनुभव शामिल हैं। सरकार ने वीज़ा प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया, जिससे भारतीय यात्रियों के लिए यात्रा आसान हो गई। साथ ही, इको‑टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण‑सुरक्षित सुविधाएँ स्थापित की जा रही हैं, जो सतत विकास के लक्ष्य को समर्थन देती हैं।
ऊर्जा के क्षेत्र में ओमान का तेल उद्योग, देश के राजस्व का प्रमुख स्रोत है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अभी भी राष्ट्रीय आय का लगभग 70 % भाग बनाता है। हाल के वर्षों में सरकार ने प्राकृतिक गैस के निर्यात को तेज किया, विशेषकर भारत के साथ नए पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर चर्चा चल रही है। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सोलर और विंड प्रोजेक्ट, को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। यह ऊर्जा मिश्रण न केवल आर्थिक स्थिरता लाता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भी कदम उठाता है।
भारत‑ओमान व्यापार ओमान‑भारत व्यापार, ऊर्जा, समुद्री कार्य एवं सूचना‑प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में मजबूत है और निरंतर बढ़ता जा रहा है। 2024 में दो पक्षों ने 5 % वार्षिक वृद्धि के साथ कुल व्यापार को $6 बिलियन तक पहुँचाया। भारतीय कंपनियों ने ओमान के बंदरगाहों में लॉजिस्टिक सेवाओं का विस्तार किया, जबकि ओमनियों ने भारतीय फीनिक्स मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की माँग बढ़ाई। यह द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के आर्थिक भविष्य को उज्ज्वल बनाता है और निवेशकों को नई संभावनाएँ प्रदान करता है।
ऊपर दिया गया सारांश आपको ओमान के प्रमुख पहलुओं की समग्र तस्वीर देता है। अब नीचे आप ओमान से जुड़े नवीनतम समाचार, गहराई वाले विश्लेषण और व्यापार‑पर्यटन टिप्स की विस्तृत लिस्ट देख सकते हैं, जो आपके लिए उपयोगी जानकारी की कुंजी होंगी।