उसमान ख्वाजा: एक नयी शुरुआत का प्रतीक
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज उस्मान ख्वाजा लगातार आलोचनाओं का सामना करते हुए उम्र के इस पड़ाव पर भी बेहतरीन प्रदर्शन दिखा रहे हैं। गॉल में श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन उन्होंने अपना 16वां शतक बनाया। नाबाद 147 रनों की इस पारी ने कठिन दौर के बाद एक नया आगाज किया। पहले दिन के खेल के खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया 330/2 पर था और ख्वाजा के इस शतक ने उनकी मानसिक दृढ़ता और खेल के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाया।
जीवन दर्शन और खेल
ख्वाजा इस कठिन परीक्षा से उभरने के बाद कहते हैं कि जीवन में क्रिकेट का महत्व जरूर है लेकिन इसे अपने जीवन पर हावी होने देने में कोई बुद्धिमानी नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि जीवन में अच्छे और बुरे समय आते रहते हैं और इनका एक संतुलन होता है, जहां हर बुरी घटना कुछ अच्छा लेकर आती है। क्रिकेट मैदान के बाहर भी जीवन में कई सुख-दुख होते हैं और ख्वाजा के अनुसार, इन्हें स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए।
परिवार का समर्थन
ख्वाजा ने अपने परिवार को इस मुश्किल समय में उनकी शक्ति और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कठिन परिस्थितियों में उनके परिवार ने कैसे उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाए रखा, यह खवाजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। उनका कहना है कि परिवार की यह उपस्थिति उन्हें जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की याद दिलाती है।
गतिशील मानसिकता
ख्वाजा बताते हैं कि उनका विश्वास उस 'ऊपर वाले' में है, जिसने उनकी जिंदगी के हर पहलू को नियंत्रित किया है। अपने कठिन दौर में, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वे खेल पर अपनी पकड़ को ढीला छोड़ दें और ब्रह्मांड की योजनाओं पर विश्वास करें। उनका कहना है कि 'बड़ी शक्ति' हर चीज का नियंत्रण रखती है और यही विश्वास उन्हें संतुलित रखता है।
क्रिकेट के मैदान पर वापसी
भारत के खिलाफ पिछले टेस्ट श्रृंखला में उनका प्रदर्शन औसत से नीचे था। उन्होंने पांच टेस्ट में केवल एक अर्द्धशतक लगाया, बावजूद इसके उन्होंने गिरते माने की सोच से ऊपर उठकर गॉल में एक अविस्मरणीय पारी खेली। जसप्रीत बुमराह के विरुद्ध छह बार आउट होने के बावजूद ख्वाजा ने अपनी संभावनाओं को खराब नहीं होने दिया और खुद को साबित किया।
स्टीव स्मिथ की सराहना
साथ ही ख्वाजा ने अपने सह-खिलाड़ी स्टीव स्मिथ के प्रदर्शन को भी सराहा, जिन्होंने अपने 10,000 रन पूरे किए और उसी मैच में एक शतक बनाया। दोनों खिलाड़ी लंबे समय से एक साथ खेल रहे हैं और उनकी दोस्ती की गहराई अब भी वैसी ही बनी हुई है। ख्वाजा ने स्मिथ की उपलब्धि पर खुशी जताई और उनकी अगली साझेदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
Manali Saha
जनवरी 30, 2025 AT 04:20वाह! उस्मान ख्वाजा ने फिर से कमाल कर दिखाया!!! 16वाँ शतक बनाते ही दिल धड़कता है!!! समय का दायरा नहीं, बस शॉट्स की धुन! उनकी पारी देख कर कोई भी घबराया नहीं, बल्कि उत्साहित हो गया!!! इस तरह की दृढ़ता युवा cricketers को भी प्रेरित करती है!!!👏
jitha veera
जनवरी 30, 2025 AT 05:20सच कहूँ तो इस “अद्भुत” पारी को इतना बड़ाई में क्या बड़ाई है? वो लगातार घोड़ा चलाता रहता है, लेकिन अपने आप को ‘नयी शुरुआत’ कह कर खुद को ही बेतरतीब बना रहा है। आख़िर में वही फ़ॉर्म है जो टीम को उभारता है, ना कि दो-तीन सौ रन। इस शतक से कुछ नहीं बदला, बस उनका अहंकार बढ़ा।
Sandesh Athreya B D
जनवरी 30, 2025 AT 06:20ओह माय गॉड! कौन कहेगा कि क्रिकेट में ड्रामा नहीं है? उस्मान का शतक तो जैसे टेलीविजन के ड्रामे का एपीसोड है, जहाँ हर ओवर में आँसू, हँसी और मोड़ होते हैं। श्रीलंका की गेंदबाज़ी को भूल जाओ, वह तो बस बैकग्राउंड म्यूजिक था। जब तक लाइट्स नहीं बुझी, शॉट्स नहीं रुके, वाकई ‘अद्भुत पारी’ का नया अर्थ मिला! 🎭
Jatin Kumar
जनवरी 30, 2025 AT 07:20भाइयों, ये देखना कितना शानदार है कि जब कोई खिलाड़ी अपने मन की बातों को बल्ले में उतार देता है, तो पूरा खेल एक नई दिशा ले लेता है।🕊️ उस्मान ख्वाजा ने सिर्फ 147 नहीं बनाया, उन्होंने भरोसे की एक दीवार भी खड़ी की। उनके शब्दों में जो गहरी समझ छिपी है, वह जीवन के संघर्ष को भी दर्शाती है। यह पारी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों में भी हम आगे बढ़ सकते हैं, बस खुद पर विश्वास रखें। उनके पारिवारिक समर्थन की बात सुनकर दिल को सुकून मिला।
जब उन्होंने ‘ऊपर वाले’ की बात की, तो वह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता की ओर इशारा था। इस पारी में हर शॉट एक दास्तान बन गया, जो सुनते-सुनते मन को मोहित कर देता है।
क्रिकेट का खेल केवल रन बनाने का नहीं, बल्कि टीम के साथ तालमेल बनाने का भी है।
उस्मान की साझेदारी स्टीव स्मिथ के साथ, उनके 10,000 रन की उपलब्धि के साथ, दो दिग्गजों की दोस्ती को फिर से उजागर करती है।
यह देखना अच्छा लगता है कि बड़े खिलाड़ी भी अपने साथी की क़द्र करते हैं।
जैसे उन्होंने कहा, जीवन में बुरे समय भी कुछ अच्छा लेकर आते हैं, यह एक रोमांचक विचार है।
मैं मानता हूँ कि इस पारी से युवा खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
उन्हें भी अपने सपनों के पीछे धकेलना चाहिए, चाहे रास्ता कितना भी खड़ा क्यों न हो।
इसलिए, इस शानदार पारी को हम सब को याद रखनी चाहिए और इसे प्रेरणा के रूप में अपनाना चाहिए।
क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, यह जीवन का एक प्रतिबिंब है, और इस छाप को हम सभी को समझना चाहिए।😊
Anushka Madan
जनवरी 30, 2025 AT 08:20इसीलिए हम हमेशा याद रखें कि खेल के मैदान में जीत की शौक़ीनता के पीछे दृढ़ नैतिकता नहीं तोड़नी चाहिए। अपने ही आदर्शों को नहीं भूलना चाहिए, चाहे स्टेडियम के उजाले हों या अंधेरे।
nayan lad
जनवरी 30, 2025 AT 09:20उस्मान का शतक देख कर मेरे छोटे भाई ने भी बैटिंग कर के देखी, अब वो कहता है “मुझे भी वही करना है!”
Govind Reddy
जनवरी 30, 2025 AT 10:20वस्तुतः, किसी भी बड़े प्रेरणा स्रोत को देखकर इक प्रहारिक विचार विकसित हो जाता है – कि व्यक्तिगत लक्ष्य केवल मौखिक नहीं, बल्कि व्यवहारिक भी होना चाहिए।
KRS R
जनवरी 30, 2025 AT 11:20भाई, तुम्हारी तोड़ी हुई आलोचना पर विचार करना जरूरी है, परन्तु कुछ हद तक वाकई में उस्मान की पारी ने टीम को एक नई दिशा दी है, यह नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।