Jaguar Land Rover पर साइबर हमला: उत्पादन रुक गया, लागत लाखों में

साइबर हमले की पृष्ठभूमि
31 अगस्त 2025 को शुरू हुए एक बड़े पैमाने के साइबर हमले ने ब्रिटेन की प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता Jaguar Land Rover को धक्का मार दिया। कंपनी ने अगले दिन, यानी 1 सितंबर को, सभी उत्पादन कार्यों को रोकने का फैसला किया। प्रारम्भ में 24 सितंबर को लाइनों को फिर से चालू करने की योजना थी, लेकिन 23 सितंबर को घोषणा की गई कि फॉरेंसिक जांच पूरी न होने तक उत्पादन 1 अक्टूबर तक नहीं शुरू होगा।
हैकर समूह ‘Scattered Lapsus$ Hunters’ ने टेलीग्राम पर दावा किया कि वे इस हमले के पीछे हैं। उन्होंने बताया कि तीन अंतरराष्ट्रीय साइबरक्राइम समूह – Scattered Spider, Lapsus$ और ShinyHunters – ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह हमले का स्वरूप एक सप्लाई‑चेन हमला माना जा रहा है, जहाँ उत्पादन के सभी सॉफ़्टवेयर स्तर प्रभावित हुए।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
डिपार्टमेंट फॉर बिजनेस एंड ट्रेड और सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स ने संयुक्त बयान में कहा कि यह घटना न केवल Jaguar Land Rover को बल्कि पूरे यूके ऑटोमोटिव सप्लाई चेन को हिला कर रख दी है। अनुमानित नुकसान £50 मिलियन प्रति हफ्ते है, जो कंपनी के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है।
लंदन के सांसद लिआम बायर्न ने इसे ‘डिजिटल घेराबंदी’ कहा और बताया कि सैकड़ों सप्लाई‑चेन कर्मचारियों को तुरंत नौकरी से निकाला गया है। यूनाइटेड किंगडम की यूनियन यूनाइट ने प्रभावित कर्मचारियों को यूनिवर्सल क्रेडिट के लिए अप्लाई करने की सलाह दी है, क्योंकि कई लोग अब आगे की आय नहीं देख पा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक और RUSI के रिसर्चर जेमी मैकमॉल ने कहा कि इस तरह का व्यवधान यूके की साइबर सुरक्षा इतिहास में अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि इस हमले ने न केवल उत्पादन पर बल्कि लाखों पाउंड के रोजगार पर भी सीधा असर डाला है, जिससे आगे की आर्थिक दुष्प्रभाव की संभावनाएँ बढ़ रही हैं।
वर्तमान में इस मामले में एक आपराधिक जांच चल रही है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर स्रोतों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि कंपनी अपने आईटी अवसंरचना को पुनर्स्थापित करने में जुटी है।
- उत्पादन रुकना: 22 सितंबर तक सभी लाइनों का बंद रहना।
- आर्थिक नुकसान: £50 मिलियन प्रति हफ्ता।
- रोज़गार पर असर: सैकड़ों कामगार ठप पड़े, हजारों को जोखिम में।
- सरकारी प्रतिक्रिया: डिपार्टमेंट फॉर बिजनेस एंड ट्रेड ने स्थिति को राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा बताया।
जैसे ही फॉरेंसिक जांच आगे बढ़ेगी, उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से भविष्य में सप्लाई‑चेन सुरक्षा के मानकों को कड़ा करने की दबाव बढ़ेगा। ऑटोमोबाइल उद्योग में अब साइबर सुरक्षा को रणनीतिक प्राथमिकता बनाना अनिवार्य हो गया है।