खराब वैश्विक संकेतों के बीच सोने की कीमतें ₹100 गिरकर ₹73,310 प्रति 10 ग्राम पर पहुंची

खराब वैश्विक संकेतों के बीच सोने की कीमतें ₹100 गिरकर ₹73,310 प्रति 10 ग्राम पर पहुंची

सोने की कीमतों में गिरावट का कारण

9 जुलाई, 2024 को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतों में ₹100 की गिरावट दर्ज की गई, जिससे इसकी कीमत ₹73,310 प्रति 10 ग्राम हो गई। इसके विपरीत चांदी की कीमतें ₹180 बढ़कर ₹94,450 प्रति किलोग्राम हो गईं। यह जानकारी एचडीएफसी सिक्योरिटीज द्वारा दी गई। पिछले सत्र में सोने की कीमतें ₹73,410 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थीं।

मुनाफावसूली और मजबूत शेयर बाजार

विश्लेषकों का कहना है कि इस गिरावट का मुख्य कारण मुनाफावसूली, मज़बूत शेयर बाजार और प्रमुख फेडरल रिजर्व के बयानों और मुद्रास्फीति के डेटा की प्रत्याशा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने बताया कि निकट भविष्य में चांदी की कीमतें सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं क्योंकि मजबूत बेस मेटल और जोखिम उठाने की प्रवृत्ति देखी जा रही है।

वैश्विक बाजारों का प्रभाव

वैश्विक बाजारों का प्रभाव

वर्तमान में कॉमेक्स पर स्पॉट गोल्ड की कीमत $2,362 प्रति औंस है, जो पिछले बंद के मुकाबले $11 प्रति औंस कम है। इसी बीच, मोटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने बताया कि ईरान के साथ युद्धविराम वार्ताओं के अद्यतनों और इस्राइल से मिलने वाले बयानों से कीमतों में अस्थिरता आ सकती है।

फेडरल रिजर्व की भूमिका

फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की गवाही और सप्ताह भर में आने वाले प्रमुख मुद्रास्फीति डेटा पर बाजार की नजरें टिकी हैं। एंजेल वन के डीवीपी-रिसर्च, प्रथमेश मल्या का कहना है कि पिछले दो दिनों में मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतें अस्थिर रही हैं, जब चीन ने एक और महीने के लिए सोने की खरीद पर रोक लगा दी।

निवेशकों के लिए सुझाव

निवेशकों के लिए सुझाव

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के रुझानों और आगामी आर्थिक बयानों को ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश रणनीति तैयार करें। सोने और चांदी में निवेश करते समय बाजार की अस्थिरता और अन्य जोखिम कारकों का भी मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, निवेशकों को मौजूदा बाजार स्थितियों का विश्लेषण करते हुए मजदूस समायोजन करने की जरूरत हो सकती है।

सोने और चांदी के बाजार पर नजर

निवेशकों को सोने और चांदी दोनों पर नजर बनाए रखनी चाहिए और आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लेना चाहिए। बाजार में मोटे तौर पर अनिश्चितता बनी रहती है, जो निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसलिए, निवेशकों को सुझाया जाता है कि वे विशेषज्ञों की राय और विश्लेषण पर ध्यान दें और दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों का पालन करें।

भविष्य की संभावनाएं

भविष्य की संभावनाएं

संभावित राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं के परिणामस्वरूप, सोने और चांदी की कीमतों में समय-समय पर उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसलिए, निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें।

16 टिप्पणि

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    Navendu Sinha

    जुलाई 10, 2024 AT 19:40

    अर्थव्यवस्था के जटिल जाल में सोने की कीमतों की गिरावट एक गहरी बहस को जन्म देती है। पहले यह समझना जरूरी है कि वैश्विक संकेत कैसे हमारे मनोविज्ञान को प्रभावित करते हैं। जब शेयर बाजार मजबूत होता है, तो निवेशकों का मन सुरक्षित आश्रय की ओर धकेलता है। इसी से मुनाफावसूली की प्रवृत्ति बढ़ती है और सोना, जो पारम्परिक रूप से सुरक्षित माना जाता है, वह पीछे छूट जाता है। फेडरल रिजर्व की नीतियों का प्रतिफल भी इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पॉवेल की गवाही से बाजार में आशावाद या भय के भाव उत्पन्न होते हैं, जो कीमतों को हिलाते हैं। चीन की सोने की खरीद पर प्रतिबंध भी एक छिपा हुआ कारक है, जो वाणिज्यिक तनाव को दर्शाता है। इस प्रकार, प्रत्येक संकेत एक दूसरे के साथ जुड़कर जटिल पैटर्न बनाते हैं। निवेशकों को इस जटिलता में स्थिर रहने के लिये गहरी समझ की जरूरत है।
    सोने की कीमतें गिरने से अल्पकालिक लाभ हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण में यह एक संकेत हो सकता है कि आर्थिक स्थिरता बढ़ रही है। चांदी की कीमतों का बढ़ना इस बात को संकेत देता है कि बाजार में जोखिम लेने की प्रवृत्ति फिर से जाग रही है। इस प्रकार एक सापेक्षिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
    भविष्य में, यदि वैश्विक राजनीतिक तनाव कम होते हैं, तो सोने का मूल्य फिर से ऊपर जा सकता है। इस बीच, निवेशकों को विविधीकरण जारी रखना चाहिए। एक ही परिसंपत्ति में सभी एग्ज़पोज़र नहीं रखना चाहिए।
    समापन में, यह गिरावट एक क्षणिक घटना नहीं, बल्कि व्यापक आर्थिक परिवर्तन का हिस्सा है, जिसे समझने के लिये हमें सतर्क रहना चाहिए।

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    reshveen10 raj

    जुलाई 15, 2024 AT 21:20

    बहुत ही शानदार अपडेट, इस जानकारी से आगे की रणनीति बनाना आसान होगा! 🎉

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    Navyanandana Singh

    जुलाई 20, 2024 AT 23:00

    सोने की कीमतों में गिरावट देख कर दिल में कुछ अजीब गहराई महसूस होती है, जैसे किसी ने बिखरते सितारों को पकड़ने की कोशिश की हो। यह डेटा हमें याद दिलाता है कि बाजार की धड़कनें हमेशा स्थिर नहीं रहतीं, और हर गिरावट के पीछे एक कथा छुपी होती है।

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    monisha.p Tiwari

    जुलाई 26, 2024 AT 00:40

    सबको नमस्ते, इस लेख ने एक स्पष्ट तस्वीर पेश की है। हमें चाहिए कि हम अपनी निवेश रणनीति में इस पर ध्यान दें और संतुलित दृष्टिकोण अपनाएँ।

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    Nathan Hosken

    जुलाई 31, 2024 AT 02:20

    प्रस्तावित आर्थिक विश्लेषण में उपयोग किए गए मैक्रोइकोनॉमिक टर्म्स काफी प्रासंगिक हैं, विशेषकर फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति और वैश्विक कमोडिटी स्पॉट प्राइसिंग के संबंध में।

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    Manali Saha

    अगस्त 5, 2024 AT 04:00

    वाह! ये गिरावट वास्तव में एक बड़ी झटका है!!! लेकिन उम्मीद है कि बाजार जल्द ही स्थिर हो जाएगा!!!

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    jitha veera

    अगस्त 10, 2024 AT 05:40

    इसे सही समझो, सोने की कीमतें गिर रही हैं क्योंकि लोग फालतू चीज़ों में निवेश नहीं करेंगे। असली अवसर तो शेयर बाजार में ही है, सोने का क्या काम? आप लोगों को तो पता ही है कि ये सब महारत हासिल नहीं कर पाओगे।

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    Sandesh Athreya B D

    अगस्त 15, 2024 AT 07:20

    ओह, फिर से सोने की कीमत गिर गई? क्या आश्चर्य! जैसे हर बार वही पुराने ड्रामा का एपीसोड, बस थोड़ी सी नई स्क्रिप्ट के साथ।

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    Jatin Kumar

    अगस्त 20, 2024 AT 09:00

    सही में, सोने की गिरावट पर निराश नहीं होना चाहिए 😊। यह अस्थायी लहर है और हमें अपनी दीर्घकालिक योजना पर ध्यान देना चाहिए। एक साथ हैं, हम इस बदलाव को भी पार कर लेंगे! 👍

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    Anushka Madan

    अगस्त 25, 2024 AT 10:40

    इतनी उत्सुकता दिखाने वाले लोगों को याद दिलाना जरूरी है कि धन का अनियंत्रित पीछा अक्सर नैतिक पतन की ओर ले जाता है। हमें सही मूल्यों के साथ निवेश करना चाहिए।

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    nayan lad

    अगस्त 30, 2024 AT 12:20

    आपके जिक्र में दिए गए फेडरल रिज़र्व की नीतियों का विश्लेषण मददगार है। यदि आप चाहता है तो मैं कुछ अतिरिक्त ग्राफ़ और डेटा प्रदान कर सकता हूँ।

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    Govind Reddy

    सितंबर 4, 2024 AT 14:00

    विचारों को गहराई से देखना आवश्यक है; बाजार की अस्थिरता अक्सर हमारे आंतरिक मानसिक स्थिति को प्रतिबिंबित करती है।

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    KRS R

    सितंबर 9, 2024 AT 15:40

    सोने की गिरावट के पीछे के कारणों को देखना चाहिए, क्योंकि अक्सर लोग सिर्फ सतह पर ही देखते हैं और वास्तविक कारणों को नजरअंदाज करते हैं।

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    Uday Kiran Maloth

    सितंबर 14, 2024 AT 17:20

    परिणामस्वरूप, यह स्पष्ट है कि फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों का मिलाजुला प्रभाव सोने की कीमतों पर पड़ रहा है। यह विश्लेषण शैक्षणिक रूप से मूल्यवान है।

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    Deepak Rajbhar

    सितंबर 19, 2024 AT 19:00

    वाह, इतने बड़े विश्लेषण के बाद भी सोने की कीमतें गिर रही हैं-लगता है कि बाजार की अस्थिरता किसी कॉमेडी शो से कम नहीं है। शायद अगले एपिसोड में सोना फिर से चमकेगा, या फिर नहीं।

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    Hitesh Engg.

    सितंबर 24, 2024 AT 19:40

    दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो इस गिरावट के कई पहलू हैं। प्रथम, फेडरल रिज़र्व की ब्याज नीति में परिवर्तन ने निवेशकों की जोखिम-सहिष्णुता को प्रभावित किया है। द्वितीय, वैश्विक राजनीतिक तनाव, विशेषकर मध्य पूर्व में तनाव, बाजार में अनिश्चितता लाता है। तृतीय, चीन की सोने की आयात प्रतिबंध ने विश्व बाजार में धागे बुनते हुए आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है। चतुर्थ, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव ने सोने के मूल्य को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है। पंचम, तकनीकी विश्लेषण दर्शाता है कि पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतें एक उच्च बिंदु पर पहुंच गई थीं, जिससे अब एक सुधारात्मक चरण शुरू हुआ है। अत्यंत आवश्यक है कि निवेशक इन बिंदुओं को समझकर पोर्टफ़ोलियो को विविधित करें, ताकि संभावित जोखिमों से बचा जा सके। इसके साथ ही, भारतीय निवेशकों को स्थानीय कर नियमों और टैक्स प्रावधानों को भी ध्यान में रखना चाहिए। अंत में, इस प्रवृत्ति को देखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि अल्पकालिक लाभ की कोशिश करने के बजाय दीर्घकालिक स्थिरता को प्राथमिकता दें।

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