धनतेरस 2025 पर चाँदी की कीमत में ₹13,000 की गिरावट, सोना भी झुका

धनतेरस 2025 पर चाँदी की कीमत में ₹13,000 की गिरावट, सोना भी झुका

जब धनतेरस 2025दिल्ली के साथ भारतीय ज्वेलरी बाजार ने अपनी बर्थडे की मोमबत्तियां बुझा दीं, तब चाँदी की कीमतें नज़र गिरा गईं। GoodReturns के आंकड़ों के अनुसार, 18 अक्टूबर को चाँदी की कीमत किलोग्राम के हिसाब से ₹1,72,000 तक गिर गई, जबकि एक दिन पहले यह ₹1,85,000 थी। यह गिरावट सिर्फ एक संख्यात्मक झटके नहीं—यह दर्शाती है कि उपभोक्ताओं का मौसमी जोश कब‑कब उलझन में बदल सकता है।

इतिहासिक पृष्ठभूमि: क्यों चाँदी और सोना हमेशा हॉट टॉपिक रहे हैं?

वर्ष‑दर‑वर्ष भारत में धातु‑जुड़ी खरीदारी का पैटर्न कुछ इस तरह रहता है: 2024 के धनतेरस पर चाँदी ₹99,700/kg थी, जबकि 2025 में वही धातु दो साल में 70% से ऊपर उछलकर ₹1,70,000‑₹1,90,000 के बीच टिकी। वहीं सोना, जो पिछले साल की तुलना में 62.6% बढ़ा, अब 10 ग्राम पर ₹1,32,400 से थोड़ा नीचे गिरा है। यह उतार‑चढ़ाव वैश्विक संकेतकों, GST‑सुधारों, और भारतीय उपभोक्ता मनोविज्ञान के मिश्रण से तय होता है।

कीमत गिरावट के कारण: क्या हुआ सच्चा?

एक तरफ़ All India Sarafa Association ने बताया कि दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में 17 अक्टूबर को चाँदी की कीमत ₹1,89,000 तक पहुंच गई, पर वैश्विक बाजार में प्रॉम्प्ट‑प्रॉफिट बुकिंग ने इसे जल्द‑से‑जल्द नीचे खींचा। दूसरे शब्दों में—निवेशकों ने ‘हाई‑टाई’ को नीचे गिरते देख कर अपनी पोजीशन बंद कर दी।

ब्याज दरों में हल्की कमी और डॉलर‑कीमती का कमजोर होना भी भूमिका निभाता है। जैसा कि कई एनालिस्ट कहते हैं, जब डॉलर थोड़ा कमज़ोर होता है तो विदेशी निवेशकों की रूचि भारतीय धातु‑बाजार से हट जाती है, जिससे घरेलू कीमतें घटती हैं।

बाजार की प्रतिक्रिया: व्यापारी और खरीदारों की आवाज़

जेंटल परंतु स्पष्ट, Colin Shah, Managing Director of Kama Jewelry ने कहा, “धनतेरस की भावना ने अभी‑भी हमें लो‑कट सौदे‑बाजार में धाँसू दिला दिया है। सोने की कीमतें आसमान छू रही थीं, पर GST‑रिफॉर्म ने कुछ राहत दी।” वह आगे जोड़ते हैं, “युवा वर्ग में हल्के‑वजन के आभूषणों की माँग ने इस सीजन को खास बनाया, जबकि दूल्हा‑दुल्हन वाले लोग भारी‑भार की ज्वेलरी को लॉक‑इन करने की कोशिश कर रहे हैं।”

मुंबई के बैंड्रा में अपनी शो रूम चलाने वाले Jitendra Kumar ने खुलकर कहा, “कुछ लोग शादी‑संबंधी चाँदी खरीद रहे हैं, जबकि बाकी लोग कीमत‑सुधार का इंतज़ार कर रहे हैं।” उनका बयान इस बात को दर्शाता है कि मौसमी उत्साह के बावजूद निवेशक‑संवेदनशील वर्ग अभी‑भी सतर्क है।

आंकड़े और मौसमी तुलना

आंकड़े और मौसमी तुलना

  • चाँदी की कीमत में 72 घंटे में कुल गिरावट: ₹18,000/kg
  • 24‑केरात सोना, 10 ग्राम पर: ₹1,30,860 (18 अक्टूबर)
  • ड्रॉप‑ऑफ-रिवर के बाद, 24‑K सोने की कीमत प्रति ग्राम ₹13,086 से ₹191 गिरकर ₹12,895 हुई
  • लगभग ₹1 लाख करोड़ का उपभोक्ता खर्च धनतेरस 2025 में
  • दस ग्राम चाँदी का मूल्य अब लगभग ₹1,950, पिछले साल के लगभग ₹1,100 से दो‑गुना

विशेषज्ञों की दृष्टि: आगे क्या हो सकता है?

जैसा कि Praveen Singh ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कहा, “लॉन्ग‑टर्म में चाँदी COMEX पर $75 के लक्ष्य को देख रही है, जबकि घरेलू स्तर पर ₹2,30,000/kg का लक्ष्य बन सकता है।” उन्होंने यह भी बताया कि सोना $5,000 को 2026 के अगले धनतेरस के आसपास छू सकता है। लेकिन India Today ने चेतावनी दी, “दीवाली‑के‑बाद अल्प‑कालिक सुधार का जोखिम है, क्योंकि मूल्य‑वल्यूएशन थोड़ा अधिक है और कई निवेशक लाभ‑उठा रहे हैं।”

इसलिए, निवेशकों को “स्मार्ट बाय‑एंड‑होल्ड” रणनीति अपनानी चाहिए, न कि ‘फ़्लैश‑सेल’ पर भरोसा करना चाहिए।

भविष्य का रास्ता: क्या अगली बार फिर से बुलिश रहेंगे?

भविष्य का रास्ता: क्या अगली बार फिर से बुलिश रहेंगे?

दीवाली‑शॉपिंग के बड़ी मात्रा में नकद‑फ्लो और खपत‑प्रेरित मांग के कारण, अल्प‑कालिक उतार‑चढ़ाव स्वाभाविक है। लेकिन पाँच‑से‑सात साल में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, मौद्रिक नीति, और भारतीय उपभोक्ता‑विश्वास पर निर्भरता से कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। पुरानी बात है—‘सुनहरा समय’ तब आता है जब खरीदारों की ठंडक और विक्रेताओं की चाह एक‑दूसरे को पकड़ती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

धनतेरस 2025 पर चाँदी की कीमत में गिरावट का मुख्य कारण क्या था?

मुख्य कारण profit‑taking था—वैश्विक बाजार में निवेशकों ने रिकॉर्ड‑हाई कीमतों के बाद अपने पोजीशन बंद कर दी, जिससे घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ी और कीमतें खिंच गईं। साथ‑साथ, डॉलर की हल्की कमजोरी और मौजूदा GST‑रिफॉर्म ने भी योगदान दिया।

क्या इस गिरावट से सोने की खरीदारी पर असर पड़ा?

हां, सोने की कीमतें भी 10 ग्राम पर ₹2,400 तक गिर गईं, जिससे कई खरीदारों ने अपनी खरीद को टाल दिया। फिर भी, दीवाली‑सीजन में कुल मिलाकर सोने का कुल खर्च लगभग ₹1 लाख करोड़ रहा, जो दिखाता है कि मौसमी उत्साह अभी भी मजबूत है।

भविष्य में चाँदी की कीमतें कब फिर से ऊपर जा सकती हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो‑तीन वर्षों में, वैश्विक आर्थिक स्थिरता और भारतीय शादी‑सेजन की मांग के साथ, चाँदी की कीमतें फिर से ₹2,30,000/kg के लक्ष्य को छू सकती हैं। COMEX पर $75 का स्तर भी संभावित है।

धनतेरस पर उपभोक्ताओं का कुल खर्च कितना अनुमानित है?

हिंदुस्थान टाइम्स के अनुसार, भारत में इस साल की धनतेरस पर उपभोक्ता खर्च लगभग ₹1 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जिसमें सोने और चाँदी दोनों की खरीदारी शामिल है। यह पिछले साल की तुलना में लगभग 20% अधिक है।

क्या निवेशकों को अभी भी चाँदी में निवेश करना चाहिए?

सिर्फ़ अल्प‑कालिक गिरावट को देखते हुए निरंतर निवेश पर सावधानी बरतनी चाहिए। यदि आपका निवेश क्षितिज 3‑5 साल या उससे अधिक है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि चाँदी अभी भी सुरक्षित और लाभदायक विकल्प है, बशर्ते आप उचित जोखिम‑प्रबंधन अपनाएँ।

2 टिप्पणि

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    akash anand

    अक्तूबर 19, 2025 AT 19:01

    धनतेरस पर चांदि की कीमत में गिरावट देखकर बाजार में हड़कंप मचा है, ये सब उल्टा‑पलटा है। निवेशक लोग बिन कारण रेज़ेसनल मूड में झपट रहे हैं।

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    arun great

    अक्तूबर 20, 2025 AT 14:28

    सभी को नमस्ते 😊, इस साल की धनतेरस में चांदी की कीमत में ~₹13,000 का डिप एक जटिल इकोनॉमिक ब्रीफ़ को दर्शाता है। पहले तो ग्लोबल मार्केट के प्रोफ़िट‑टेकिन्ग ने इसे ट्रिगर किया, फिर डॉलर की कमजोरी ने पूल में अतिरिक्त सप्लाई डाल दी।
    भारत में बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में ट्रेडिंग वॉल्यूम का इम्पैक्ट देखा गया, जहाँ निवेशक तेज़ी से पोजीशन बंद कर रहे थे।
    GST रिफॉर्म के बाद कंजूमर डिमांड में हल्की गिरावट आई, पर अभी भी सिंगल‑डिज़ाइन के लाइट ज्वेलरी की मांग बनी रही।
    सोने की कीमत भी उसी रिफॉर्म से थोड़ा नीचे आई, पर कुल मिलाकर सीजन की बॉटम‑लाइन मजबूत रही।
    ब्याज दरों में हल्की कमी से फिक्स्ड इनकम पेपर पर आकर्षण बढ़ा, जिससे एसेट एलेकेशन में बदलाव आया।
    ऑफ‑शोर फंड्स ने भी इस टर्नओवर को नोटिस किया और एंट्री‑एक्ज़िट स्ट्रैटेजी को रीबैलेंस किया।
    डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म ने ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में 12% की इजाफ़ा दिखायी, जो दर्शाता है कि युज़र्स अभी भी डिजिटल मोड में भरोसा रखते हैं।
    ऑनलाइन ज्वेलरी स्टोर्स ने प्रमोशनल डिस्काउंट्स के जरिए अपनी सेल्स को बनाए रखने की कोशिश की।
    रिटेलर्स के बीच मर्ज़र्स की लहर देखी गई, जिससे प्रतिस्पर्धा में थोड़ा कमी आई।
    भविष्य की प्रोजेक्शन में COMEX पर $75 का लक्ष्य और INR 2.3 लाख/किग्रा की डेस्कटॉप रेंज संभावित है।
    स्थानीय माइक्रोफाइनेंस संस्थानों ने छोटे निवेशकों को चांदी के स्कीम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन दिया।
    वित्तीय सलाहकारों ने “स्मार्ट बाय‑एंड‑होल्ड” की सलाह दोहराई, फोकस लोंग‑टर्म रिटर्न पर है।
    डिस्कवरी प्लेटफ़ॉर्म्स ने इस गिरावट को एक ट्रेडिंग ऑपर्चुनिटी के रूप में प्रस्तुत किया।
    अंत में, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अल्प‑कालिक वोलैटिलिटी बढ़ी हुई है।
    आशा है यह विस्तृत विश्लेषण आपके निवेश निर्णय में मददगार रहेगा! 🚀

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