Madhya Pradesh Weather Alert: 47 जिलों में भीषण बारिश और बिजली का खतरा, मॉनसून 4 जून से दस्तक देगा

मध्य प्रदेश में 47 जिलों के लिए गंभीर मौसम अलर्ट
मध्य प्रदेश में इस बार जून के पहले पखवाड़े में ही मौसम का मिजाज खतरनाक हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 47 जिलों में 15 जून 2025 को भीषण बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी है। खास बात ये है कि यह अलर्ट ऐसे समय आया है जब प्रदेश में ज्यादातर हिस्से तेज लू झेल रहे हैं और तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।
आईएमडी के मुताबिक, 15 जून को प्रदेश के बड़े शहरों—इंदौर, उज्जैन समेत 47 जिलों में कहीं तेज तो कहीं बहुत भारी बारिश होगी। तेज हवाओं के झोंके, बिजली कड़कने के साथ कई इलाकों में प्री-मॉनसून शॉवर भी मिलेंगे। ऐसे में लोगों को खासतौर पर खेतों, खाली मैदानों या ऊंची संरचनाओं के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने किसानों, स्कूलों और ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों को एडवाइजरी जारी की है।
4 जून से मॉनसून की दस्तक और तापमान में गिरावट
मध्य प्रदेश में इस साल मॉनसून के तय समय से पहले—यानी मानसून 4 जून तक — ही पहुंचने की उम्मीद है। आमतौर पर मॉनसून यहां 10 जून के बाद दस्तक देता है, लेकिन इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों तरफ से सिस्टम तेज होने पर यह पहले आ जाएगा। इसका सीधा फायदा ये होगा कि तपती गर्मी से राहत मिलेगी।
जहां एक ओर प्री-मॉनसून शॉवर्स से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान सीधे 32 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है, वहीं कुछ हिस्सों में बारिश के बाद भी गर्म हवाओं के कारण फिर से हीट वेव की संभावना बनी रहेगी। शहरों में जहां पहले से ही हल्की बारिश हो चुकी है, वहां अब भारी बारिश के साथ कभी-कभी सड़कें पानी में डूब सकती हैं और निचले इलाकों में जलभराव की समस्या बढ़ सकती है। IMD ने नदियों के आसपास और जलाशयों के पास लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
- राजधानी भोपाल, सागर, जबलपुर जैसे जिलों में ताजगी देने वाली बारिश हो सकती है।
- ग्रामीण इलाकों में बिजली गिरने की घटना सबसे ज्यादा होती है, इसलिए वहां एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
- बिजली के खंभों, बड़े पेड़ों और मोबाइल टॉवर के आसपास नहीं रुकने की सलाह है।
- अधिकारियों ने लोकल प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर कर रखा है।
मौसम विभाग की इस ताजा रिपोर्ट के चलते राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारी तेज हो गई है। प्रशासन ने स्पेशल कैंपेन शुरू कर बिजली गिरने से बचाव के तरीके गांव-गांव और शहर-शहर पहुंचाए हैं। जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल, दफ्तर और सार्वजनिक जगहों पर तुरंत स्थानीय मौसम अपडेट्स की जानकारी दी जाए।
बारिश के समय सड़क पर पानी भरने से ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है, इसलिए कई जगह पहले से ड्रेनेज सिस्टम की सफाई की जा रही है। वहीं, किसान मौसम का हाल देखकर ही खेतों में उतार-चढ़ाव वाले काम करें तो बेहतर होगा। आने वाले हफ्तों में मौसम कई बार करवट ले सकता है, इसलिए अलर्ट रहना ही समझदारी है।