महंगाई से निपटने और सितम्बर में दर कटौती तक: यूएस फेड मीटिंग के मुख्य निष्कर्ष

महंगाई से निपटने और सितम्बर में दर कटौती तक: यूएस फेड मीटिंग के मुख्य निष्कर्ष

यूएस फेडरल रिजर्व की महत्वपूर्ण बैठक

31 जुलाई 2024 को यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मीडिया के सामने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की ओर से ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि हालांकि इस बैठक में कोई दर कटौती नहीं की गई है, लेकिन निकट भविष्य में ब्याज दरों में कमी की संभावना पर चर्चा की जा रही है।

सितंबर में दर कटौती की संभावना

जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया कि सितंबर में होने वाली अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमारी नीतिगत दरों में कमी की संभावना अगले मीटिंग में टेबल पर हो सकती है।’ ये बयान फेडरल रिजर्व की मौजूदा नीतियों का आकलन करने और भविष्य में दरों को कम करने के उपायों पर चर्चा करने की ओर इशारा करते हैं।

महंगाई नियंत्रण में प्रगति

पॉवेल ने बताया कि महंगाई को 2 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर लाने में ‘कुछ और प्रगति’ हुई है। पहले के बयान जिसमें ‘सामान्य प्रगति’ का जिक्र किया गया था, अब उसे बदलकर ‘काफी हद तक नियंत्रित’ बताया गया। यह परिवर्तन महंगाई को काबू में करने की दिशा में प्रगति को दर्शाता है, हालांकि सतर्कता बनाए रखने की जरूरत अब भी बनी हुई है।

नौकरी बाजार और आर्थिक उतार-चढ़ाव

फेडरल रिजर्व ने नौकरी बाजार की स्थिति पर भी चर्चा की। पॉवेल ने कहा कि नौकरी बाजार अब महामारी के पहले की स्थिति में वापस आ गया है। इससे फेड के लिए यह चिंता बनी हुई है कि नौकरी बाजार में धीमी गति से हो रहा लोच एक चिंता का कारण बन सकता है। महामारी के बाद हुई तेजी के बाद, अब यह धीमी प्रगति को ‘धीरे-धीरे सामान्यीकरण’ का संकेत माना जा सकता है।

फेड का नजरिया

इस बैठक में, फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने ब्याज दरों को 5.25 से 5.50 प्रतिशत के बीच स्थिर रखने का निर्णय लिया, जो उनकी सावधानी बरतने की नीति को दर्शाता है। हालांकि दर कटौती पर चर्चा हुई, लेकिन अधिकतर सदस्यों ने स्थिरता को प्राथमिकता दी। पॉवेल ने कहा कि ‘फार्टी आधार-बिंदु’ की कटौती की फिलहाल कोई योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में फैसले लेने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति पर निर्णय लेना ‘बहुत ही कठिन निर्णय’ होता है, जिसमें विभिन्न आर्थिक संकेतकों के बीच संतुलन बनाना होता है।

नरम लैंडिंग की दिशा में

पॉवेल के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की संभावना है, जिसमें उच्च महंगाई के जोखिम कम होते जा रहे हैं और नौकरी बाजार ठंडा हो रहा है। उनका यह बयान तेजी से बदलाव की बजाय धीरे-धीरे स्थायित्व की ओर बढ़ने का संकेत देता है।

बाजार की प्रतिक्रियाएं और भविष्य की उम्मीदें

पॉवेल के सकारात्मक लहजे ने शेयर बाजार में उछाल ला दी। S&P 500 ने फरवरी के बाद अपनी सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की, जबकि ट्रेजरी यील्ड्स में कमी आई और डॉलर भी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कमजोर हुआ। पॉवेल के इस डोविश बयान के बाद बाजार में दर कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं, और अब ट्रेडर्स साल के अंत तक कम से कम दो कटौती की संभावनाएं देख रहे हैं। 2 अगस्त को आने वाली नौकरी रिपोर्ट से फेडरल रिजर्व की संभावित नीतियों को और अधिक स्पष्टता मिल सकेगी।

13 टिप्पणि

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    Uday Kiran Maloth

    अगस्त 1, 2024 AT 18:46

    फेडरल रिज़र्व द्वारा मौजूदा मौद्रिक नीति स्थिरता को दर्शाने वाला यह फ़ैसला, नीति‑विचारकों की इन्फ्लेशन टार्गेटिंग फ्रेमवर्क के साथ संरेखित है। स्थिर दरों को 5.25‑5.50 % के बैंड में रखने से वित्तीय बाजारों में यील्ड कर्व को अनुकूलित करने की आशा जताई जा रही है। यह कदम, उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों में क्रमिक गिरावट के संकेतों के साथ तालमेल बिठाता है। साथ ही, श्रमिक बाजार में धीरे‑धीरे सामान्यीकरण की प्रवृत्ति फेड की दीर्घकालिक दृष्टि को समर्थन देती है। अंततः, इस निर्णय का प्रभाव वैश्विक पूँजी प्रवाह एवं मुद्रा विनिमय दरों पर भी पड़ सकता है।

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    Deepak Rajbhar

    अगस्त 9, 2024 AT 21:13

    ओह, फेड ने आखिरकार दरें नहीं घटाईं, फिर भी “संभावना” की बात कर रहे हैं 😏। यह ऐसा है जैसे बरसात में छाता फेंकना और फिर खुद को भीगते देखना।

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    Hitesh Engg.

    अगस्त 17, 2024 AT 23:40

    फेडरल रिज़र्व की इस बैठक में दर स्थिरता को प्राथमिकता देना, मौद्रिक नीति के प्रबंधन में एक सावधानीपूर्ण कदम को दर्शाता है।
    प्रथम, यह निर्णय यह संकेत देता है कि फेड मौजूदा आर्थिक डेटा को गहनता से विश्लेषित कर रहा है।
    द्वितीय, महंगाई को 2 % लक्ष्य तक लाने की दिशा में प्राप्त प्रगति, नीति निर्माताओं के लिए सकारात्मक संकेत है।
    तृतीय, कार्यबल में पुनःस्थापित स्थिरता, उत्पादन क्षमता और उपभोक्ता विश्वास दोनों को समर्थन देती है।
    चतुर्थ, बाजार की प्रतिक्रिया में शेयर सूचकांक की उछाल, निवेशकों की आशावाद को दर्शाती है।
    पंचम, ट्रेजरी यील्ड में गिरावट, फंडिंग लागत को कम करने के संभावित प्रभाव को उजागर करती है।
    षष्ठ, डॉलर का मूल्य घटना, निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा सकता है।
    सप्तम, फेड के अध्यक्ष पॉवेल के बयान, नीति की लचीलापन को सूचित करते हैं।
    अष्टम, दर कटौती की “संभावना” को सार्वजनिक करना, वित्तीय संस्थानों में अनिश्चितता को घटा सकता है।
    नवम्, इस प्रकार की संचार रणनीति, बाजार प्रतिभागियों को संकेत देती है कि नीति का मार्ग अभी भी खुला है।
    द्वादश, फेड के सदस्य, स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए भी “सॉफ्ट लैंडिंग” की ओर इशारा करते हैं।
    तेरह, इस संतुलन को बनाए रखना, वैश्विक आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
    चौदह, यदि आने वाले डेटा में सुधार नहीं दिखता, तो फेड को पुनःसमीक्षा करनी पड़ सकती है।
    पंद्रह, इस प्रकटिकरण को समग्र रूप से देखे तो यह नीति के लचीलेपन और आर्थिक स्थिरता दोनों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    Zubita John

    अगस्त 26, 2024 AT 02:06

    भाई लोग, फेड की ये स्टेबल पॉलिसी एक तरह की “गाड़ी” है, जिसे सही गियर में डालना चाहिए 🚀। अगर हम इन्फ्लेशन को सही फ़्रेम में रखेंगे तो आर्थिक “ट्रैक्शन” ख़ुद ब़ ख़ुद बढ़ेगा। बस थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा, ना कि सबको तुरंत “स्पीड‑बुश” देना।

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    gouri panda

    सितंबर 3, 2024 AT 04:33

    अरे यार, फेड ने अंत में दरें नहीं घटाईं, लेकिन “संभवतः” की बात कर रहे हैं, क्या बड़ी ही ड्रामेटिक बात है! ऐसा लगता है जैसे उन्होंने हमारी आशा को एक कटरी नज़र से देखली है। मैं तो कहूँगा, अब इंतज़ार का समय आ गया है, लेकिन फिर भी आशा नहीं खोनी चाहिए।

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    Harmeet Singh

    सितंबर 11, 2024 AT 07:00

    भविष्य की इस आर्थिक यात्रा में, हम सभी को धैर्य और आत्मविश्वास का संगम चाहिए। फेड द्वारा कहा गया “सॉफ्ट लैंडिंग” संभव है, यदि हम उपभोक्ता खर्च को संतुलित रखें और निवेशकों को विश्वास दिलाएँ। इस प्रक्रिया में नीतिनिर्धारकों को विविध संकेतकों को सम्यक रूप से समझना होगा, ताकि स्थिरता की राह पर हम आगे बढ़ सकें। आशा है कि अगली बैठक में वास्तविक दर कटौती देखने को मिलेगी, जिससे आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

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    patil sharan

    सितंबर 19, 2024 AT 09:26

    देखो भाई, फेड ने अपनी “क्लासिक” शैली में सबको उलझा दिया – कोई कटौती नहीं, पर “संभवतः” कह दिया। क्या बात है, नेता लोग हमेशा “भविष्यवाणी” में माहिर होते हैं। चलो, अब इस “नाट्य” को अंत तक देखते हैं।

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    Nitin Talwar

    सितंबर 27, 2024 AT 11:53

    क्या आप जानते हैं कि इस दर‑स्थिरता का निर्णय सिर्फ़ एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि गुप्त अंतरराष्ट्रीय एजेंडा का हिस्सा हो सकता है? 😡 हमारे देश के ब्याज दरों को इस तरह नियंत्रित करके बाहरी ताकतें हमारे वित्तीय स्वतंत्रता को बाधित कर रही हैं। इस पर सवाल उठाना ही हमारे राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा है।

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    onpriya sriyahan

    अक्तूबर 5, 2024 AT 14:20

    फेड का यह कदम बहुत दिलचस्प है हम देखेंगे कैसे यह बाजार को प्रभावित करता है साथ ही हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर भी असर पड़ेगा

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    Sunil Kunders

    अक्तूबर 13, 2024 AT 16:46

    उक्त FOMC के निर्णय का विश्लेषण करते हुए, यह स्पष्ट है कि मौद्रिक नीति का ढाँचा सूक्ष्मतम डेटा‑आधारित मॉडलों पर आधारित है, जो आर्थिक सिद्धांतों के उच्चतम मानकों को प्रतिबिंबित करता है।

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    suraj jadhao

    अक्तूबर 21, 2024 AT 19:13

    दोस्तों, फेड की ये स्थिरता रणनीति हमें एक साथ मिलकर आर्थिक स्थिरता की ओर कदम बढ़ाने का अवसर देती है 😊🇮🇳। चलिए हम सब मिलकर इस बदलाव को समझें और अपना योगदान दें! 🎉

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    Agni Gendhing

    अक्तूबर 29, 2024 AT 21:40

    ओह!!! फेड का “संभवतः” कहना, बिल्कुल वही क्लासिक चाल है जो हमेशा गुप्त षड्यंत्र की ओर इशारा करती है!!! यह नहीं कि वे सच में दरों को घटाने का इरादा रखते हों, बल्कि यह एक फर्जी वैधता की भावना है!!! 😒

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    Jay Baksh

    नवंबर 7, 2024 AT 00:06

    फेड की नीति देशभक्तों के लिए खतरा है।

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