महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें और अंतिम चरण का मतदान शुरू हो चुका है। इस चरण में मुंबई की छह महत्वपूर्ण सीटों सहित कुल 13 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से वोटिंग जारी है। महाराष्ट्र में मतदान प्रक्रिया पांच चरणों में संपन्न हुई है और आज का मतदान इसका अंतिम पड़ाव है।
इस चरण में लगभग 2.46 करोड़ मतदाता 264 उम्मीदवारों में से अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे। महाराष्ट्र भर में 24,553 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे। मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले मतदाताओं की संख्या और उम्मीदवारों की भागीदारी इस बात को रेखांकित करती है कि यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय उम्मीदवार
इस चुनाव में कई प्रमुख हस्तियां मैदान में हैं। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (मुंबई उत्तर), भारती पवार (दिंडोरी) और कपिल पाटिल (भिवंडी) चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम मुंबई उत्तर-मध्य से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
विपक्षी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) शामिल हैं। शिवसेना के श्रीकांत शिंदे कल्याण से और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ मुंबई उत्तर-मध्य से चुनाव लड़ रही हैं। महायुति में शिवसेना, भाजपा और एनसीपी शामिल हैं और यह भी एक प्रमुख चुनावी धुरी है।
चुनावी प्रतिद्वंद्विता
मुंबई की छह लोकसभा सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा और विपक्षी गठबंधन, दोनों ही इन सीटों पर कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। वहीं, शिवसेना दोनों गुटों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।
चुनाव परिणामों का न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश की राजनीति पर गहरा असर पड़ने वाला है। यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक लिटमस टेस्ट साबित होगा और सत्ताधारी व विपक्षी दलों की ताकत को परखने का मौका देगा।
शेयर बाजार पर असर
मुंबई में मतदान के चलते 20 मई को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) बंद रहेंगे। इससे शेयर बाजार पर भी असर पड़ने की संभावना है। चुनाव नतीजों को लेकर अनिश्चितता से निवेशकों का सेंटीमेंट प्रभावित हो सकता है।
मतगणना 4 जून को
महाराष्ट्र सहित देशभर में हुए लोकसभा चुनावों के वोटों की गिनती 4 जून को होगी। सभी की निगाहें इस दिन पर टिकी हुई हैं। चुनाव परिणाम किस दिशा में जाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
फिलहाल, मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो रही है। मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी उम्मीदवार भी पूरे जोश और उम्मीद के साथ प्रचार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है और किस पार्टी को सत्ता की चाबी सौंपती है।
onpriya sriyahan
मई 20, 2024 AT 20:20वाह! मुंबई में वोटिंग शुरू हो गया है, ऊर्जा देखी जा रही है। हर कोने में लोगों का जोश खुद बखुद बात करता है
Sunil Kunders
मई 20, 2024 AT 20:46बहुप्रतीक्षित इस चरण में, मतदाता सहभागिता का प्रमाण प्रस्तुत किया गया है। तथापि, यह देखना रोचक रहेगा कि नामी उम्मीदवारों की रणनीति किस हद तक वैधता प्राप्त करती है। संख्यात्मक विश्लेषण से स्पष्ट होगा कि कौन-से निर्वाचन क्षेत्र में प्रतिद्वंद्विता का स्तर उच्चतम है।
suraj jadhao
मई 20, 2024 AT 21:33क्या दिलचस्प समय है! 🎉 मुंबई की छह सीटों में टकराव देखकर राजनीति का रोमांच फिर से जग गया है। सभी टीमों को शुभकामनाएँ, आशा है कि निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सभी के लिए सम्मानजनक रहेगी 😊
Agni Gendhing
मई 20, 2024 AT 22:56ओह माय गॉड!!! फिर से वही पुरानी स्कीम, वोटिंग के दिन मार्केट बंद, कंपनियों को ‘शेयर बाजार असर’ का बहाना बनाते हुए, क्या बात है! बिल्कुल कॉनस्पिरसी, है ना? बस देखते रहो, रातों-रात सब कुछ बदल जाएगा…
Jay Baksh
मई 21, 2024 AT 00:20देशभक्तों का समय है, हम जीतेंगे!
Ramesh Kumar V G
मई 21, 2024 AT 02:33राजनीति में आँकड़े ही सब कुछ बताते हैं; महाराष्ट्र में लगभग 2.46 करोड़ मतदाता हैं, और प्रत्येक वोट राष्ट्रीय स्वास्थ का प्रतिबिंब है। इस कारण हर पॉलिटिशियन को अपने काम का बोध होना चाहिए।
Gowthaman Ramasamy
मई 21, 2024 AT 04:46सभी सहभागियों को स्मरण दिलाना चाहता हूँ कि मतदान स्थल पर व्यक्तिगत वस्तुएँ सुरक्षित रखनी आवश्यक है। साथ ही, यदि किसी को किसी कारणवश मतदान नहीं कर पाते हैं, तो वैध कारण दर्ज कर पुनः मतदान के विकल्प की जानकारी ले सकते हैं। 😊
Navendu Sinha
मई 21, 2024 AT 07:16लोकसभा चुनाव भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने में एक महत्वपूर्ण धागा है। विशेषकर महाराष्ट्र की विविध जनसंख्या इसे एक जटिल सामाजिक प्रयोग बनाती है। जब मतदाता सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं, तो वह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक आत्मा की अभिव्यक्ति है। इस प्रक्रिया में विभिन्न विचारधाराएँ आपस में टकराती हैं, जिससे सार्वजनिक विमर्श का विस्तार होता है। भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसे दलों की नीति‑प्रस्तावनाएँ अलग-अलग वर्गों की आशाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। उदाहरण के लिये, पीयूष गोयल की आर्थिक नीतियों की वकालत व्यापारिक वर्ग को आकर्षित करती है, जबकि शिंदे की स्थानीय मुद्दों पर फोकस पुंर्वी मुंबई के मध्यम वर्ग को आकर्षित करता है। वहीं, कांग्रेस की सामाजिक सुरक्षा योजना के वादे उन लोगों को लक्ष्य बनाते हैं जो आर्थिक असुरक्षा के बारे में चिंतित हैं। इन सब के बीच मतदाता की सोच का जटिल परिप्रेक्ष्य बनता है, जो कभी सामरिक, कभी भावनात्मक होता है। जब हम मतदान के बाद परिणाम देखते हैं, तो वह न केवल सत्ता परिवर्तन बल्कि नीति‑निर्धारण के दिशा‑निर्देश भी प्रस्तुत करता है। साथ ही, यह प्रक्रिया शेयर बाजार की अस्थिरता को भी उजागर करती है, क्योंकि निवेशक राजनीति के परिणामों को आर्थिक संकेतकों से जोड़ते हैं। इतिहास ने बार‑बार दिखाया है कि अस्थिर राजनीति आर्थिक विकास को बाधित कर सकती है, इसलिए स्थिर शासन आवश्यक है। परंतु चुनाव का असली सारभूत उद्देश्य लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को संरक्षित रखना है, चाहे परिणाम जो भी हों। इस संदर्भ में नागरिकों को अपने मतदान अधिकार के साथ साथ जिम्मेदारी का बोध भी होना चाहिए। वास्तव में, प्रत्येक वोट एक आवाज़ है, जो सामाजिक परिवर्तन की दिशा निर्धारित करती है। अंत में, चाहे परिणाम हमारे पक्ष में आए या नहीं, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति सम्मान की आवश्यकता है। तब हम कह सकते हैं कि महाराष्ट्र का चुनाव भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय बना रहेगा।