सिराज ने क्रॉली को गिराया, इंग्लैंड को 324 रन बाकी – द ओवल में हाई-स्टेक टेस्ट

सिराज ने क्रॉली को गिराया, इंग्लैंड को 324 रन बाकी – द ओवल में हाई-स्टेक टेस्ट

जब मोहम्मद सिराज ने आख़िरी ओवर में ज़ाक क्रॉली को आउट किया, तो द ओवल के दर्शकों की दिल धड़कन तेज़ हो गई। इंग्लैंड ने 13.5 ओवर में केवल 50/1 बनाए रखे, जबकि लक्ष्य 374 रन था — एक ऐसा लक्ष्य जो केवल तेज़ी से मत्लब नहीं, बल्कि भारतीय पेसरों से निराशाजनक विकेटों की भी माँग करता है।

सीरीज़ की पृष्ठभूमि और टाइगरस्ट्राइक टॉफ़ी

इंडिया और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेन्दुलकर ट्रॉफी का पाँचवाँ टेस्ट खेला जा रहा है। भारत को इस मैच जीतकर श्रृंखला को 2-2 पर ले जाना था, ताकि ट्रॉफी को रख सके। पहले चार टेस्ट में दोनों पक्षों ने दो‑दो जीत हासिल की, और अब यह खेल पूरी सीरीज़ का संतुलन तय करेगा।

पहले दिन भारत ने 224 बनाकर शुरुआती फ़ायदा हासिल किया, पर इंग्लैंड ने 129/1 का उछाल दिखाया। दूसरा दिन भारतीय पेसरों ने शानदार वापसी की — प्रसिध् कृष्णा ने 4/62 और सिराज ने 4/86 लेकर इंग्लैंड की पहले इनिंग की लीड को 23 रन पर सीमित कर दिया।

तीसरे दिन का खेल सारांश

भारत ने दूसरे इनिंग में 396 रन बनाकर अपना दावेदार बनाय रखा। इस बेहतरीन पारी में यशस्वी जायसवाल ने 118 रन की महाकाव्य शतकीय पारी खेली, वहीं अकाश दीप ने अपनी पहली टेस्ट में 66 रन के साथ रात‑वॉचमन का रोल किया। रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने भी अर्धशतक बनाकर स्कोरबोर्ड को हिलाया।

इंग्लैंड ने शुरुआती ओवर में 24 रन बनाए, पर बाद के नौ ओवर में स्कोरिंग दर घटती गई। 50‑रन पैार्टनरशिप की आशा के बाद भी बें डकेट (34*) और क्रॉली (14) को सिराज ने एकदम क्लासिक डबल ब्लफ़ से निस्संदेह ठुकरा दिया। आख़िरी गेंद पर बॉल ने ऑफ़ स्टम्प के नीचे धँसते ही क्रॉली को बाउंड्री से बाहर कर दिया।

मुख्य खिलाड़ी और उनके योगदान

  • मोहम्मद सिराज – 4/86 और निर्णायक लास्ट विकेट।
  • ज़ाक क्रॉली – 14 रन, एक ही ओवर में आउट, जो मैच की दिशा बदल गया।
  • बेन डकेट – 34* अनस्ट्रिक्ट, इंग्लैंड का अटूट प्रदर्शन।
  • यशस्वी जायसवाल – 118 रन, दो बार दो-ड्रॉप पकड़ के बचाव, टीम के भरोसे का प्रतीक।
  • शुभमन गिल – कप्तान, मैदान पर रणनीति बदलते रहे, टीम के मनोबल को संभालते रहे।

टीमों की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ विश्लेषण

इंडिया के कैप्टन शुभमन गिल ने कहा, “हमने एक मजबूत लक्ष्य बनाकर रखा है, लेकिन इंग्लैंड को 300 से ऊपर के लक्ष्य मिलते ही उनका आक्रामक रवैया दिखता है।” दूसरी ओर, इंग्लैंड के कोच ने कहा कि “हमारी टॉप ऑर्डर अभी भी फॉर्म में है, लेकिन पेसरों के दबाव को कम करना होगा।” क्रिकेट विश्लेषक रवीश कुमार ने नोट किया कि ग्राउंड की घास‑भरी पिच अब चालीस‑पचास प्रतिशत डोट ग्राउंड पर बदल रही है, जिससे तेज़ पिच को आगे बढ़ाना मुश्किल हो सकता है।

आगामी दिन की संभावनाएँ

अगर भारतीय पेसर सुबह‑शाम तक 9 विकेट ले पाते हैं, तो मैच ड्रा या जीत में बदल सकता है। लीडरशिप के हिसाब से, इंग्लैंड को अभी 324 रन चाहिए, लेकिन नौ विकेट बची हैं और दो तेज़ी वाले बाउंसर जैसे प्रसिध् कृष्णा और सिराज के हाथ में है। यदि वे निरंतर दबाव बनाते रहे, तो भारत को जीत का मौका मिल सकता है।

द ओवल के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले दिन हल्की धुंध और थंडा रहेगा, जो स्पिनर्स के लिए फायदेमंद हो सकता है। समग्र रूप से, यह टेस्ट मैच रणनीति, धैर्य और बॉल को पढ़ने की क्षमता का अंतिम परीक्षा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इंडिया को इस टेस्ट में जीतने की सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

भारत को इंग्लैंड के मजबूत टॉप ऑर्डर को सीमित करके 9 विकेट लेना होगा। आज के 4/86 और 4/62 के प्रदर्शन के बाद, सिराज और कृष्णा पर भारी निर्भरता है, साथ ही स्पिन सेक्शन को दबाव बनाना होगा।

एंडरसन-तेन्दुलकर ट्रॉफी का इतिहास क्या है?

2011 में स्थापित इस ट्रॉफी का नाम इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलेक्स एंडरसन और भारत के महान बल्लेबाज़ सचिन तेन्दुलकर के सम्मान में रखा गया था। तब से यह दो देशों के बीच टेस्ट प्रतिस्पर्धा का प्रमुख पुरस्कार है।

द ओवल पर इस सीज़न की पिच कैसे रही?

पहले दो दिन घास‑भरी और धुंधली पिच थी, जिससे तेज़ बॉलर्स को मदद मिली। तीसरे दिन धूप आई, पर ग्राउंड ने अभी भी कुछ ग्रिप बनाए रखी, जिससे दोनों टीमों को संतुलित खेलना पड़ा।

इंग्लैंड को 324 रन की परस्थिती में कौन सी रणनीति अपनानी चाहिए?

इंग्लैंड को पहले दो विकेटों के बाद तेज़ स्कोरिंग का जोखिम लेना चाहिए, जबकि डकेट को स्थिर रहने देना चाहिए। साथ ही वैरायटी बॉलर के खिलाफ छोटे-छोटे शॉट्स से रन स्कोर करना बेहतर रहेगा।

भविष्य में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज़ का क्या रुझान है?

दोनों देशों की पासिंग ताकतें और पिच की विविधता के कारण आगामी सीरीज़ में और अधिक टाइट मुकाबले की संभावना है। भारत की बॉलिंग युग्म और इंग्लैंड की बैटिंग लाइन‑अप परस्पर संतुलन बनाए रखेंगे।

1 टिप्पणि

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    yogesh jassal

    अक्तूबर 19, 2025 AT 00:06

    सिराज की पिच पर झुकी हुई लाइन‑अप ने वाकई में खेल की दिशा बदल दी। उनका डबल ब्लफ़ इतना सटीक था कि बल्ले‑बॉल की लड़ाई में क्लासिक मोड़ आया। इस तरह के लास्ट‑ओवर के सस्पेंस में दर्शकों की धड़कन तेज़ हो जाती है। लेकिन सिर्फ़ एक विकेट से मैच नहीं जीतता, निरंतर दबाव बनाना ज़रूरी है। भारतीय पेसरों को अब और भी एजिलिटी दिखानी चाहिए, नहीं तो इंग्लैंड का रिटर्न फॉर्मidable रहेगा।

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