अमृता राव की चार साल की गर्भधारण जंग, अंत में वेर की खुशी

अमृता राव की चार साल की गर्भधारण जंग, अंत में वेर की खुशी

गर्भधारण संघर्ष की शुरुआत

2014 में शादी करके जीवनसाथी बनने के बाद, अमृता राव और आरजे अनमोल ने जल्द ही माँ‑बाप बनने की चाह रखी। 2016 में जब उन्होंने बच्चे की कोशिश शुरू की, तो उनके सामने एक लंबी, दर्दभरी राह खड़ी हो गई। पहले तीन साल से ज़्यादा समय तक दंपत्ति गाइनकोलॉजिकल क्लीनिकों में घुसीं, हर बार नया टेस्ट, नया दवाइयाँ और नई आशा लेकर।

सबसे पहला कदम आईयूआई (इन्ट्रायूट्रिन इनसेमिनेशन) था। इस प्रक्रिया में अंडे को सीधा गर्भाशय में डाला जाता है, लेकिन कई बार फेज़ का अभाव बना रहा और परिणाम नहीं मिला। जब यह काम नहीं किया, तो डॉक्टरों ने IVF (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) का सुझाव दिया। इस तकनीक में अंडा और शुक्राणु बाहर मिलाया जाता है और फिर एंब्रायो को गर्भाशय में रखा जाता है। लेकिन यहाँ भी सफलता नहीं मिली, जिससे दंपत्ति के मन में निराशा की परतें जोड़ती गईं।

अंत में डॉक्टरों ने सरोगेसी को एक वैकल्पिक विकल्प के रूप में पेश किया। अमृता ने इस रास्ते को अपनाया क्योंकि वह शारीरिक बोझ से बचना चाहती थीं। पर दुर्भाग्यवश, सरोगेसी के माध्यम से जो बच्चा उम्मीद किया था, वह उनका नहीं रह गया। इस क्षति ने दंपत्ति के दिल को तोड़ दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

इन मेडिकल उपायों के साथ ही दंपत्ति ने होम्योपैथी और आयुर्वेद के कई उपचार भी अपनाए। हर बुधवार को आयुर्वेदिक पंचकर्म, रोज़ाना होम्योपैथिक दवाइयाँ, और योग-सत्र उनके दैनिक रूटीन बन गये। इस बीच, अमृता ने कब्रि वाली आकांक्षा, यानी गर्भधारण के डर को भी स्वीकार किया – वह सोचती थीं कि इस प्रक्रिया में शारीरिक व मानसिक तनाव बहुत बड़ा होगा। जबकि आरजे अनमोल तेज़ी से चीज़ें पूरा करना चाहते थे, अमृता थोड़ा आराम से आगे बढ़ना चाहती थीं। इस अंतर ने कभी‑कभी उनके बीच तुच्छ तकरारें भी पैदा कीं, पर अंततः एक‑दूसरे की जरूरत को समझ गये।

प्राकृतिक गर्भधारण और वेर की खुशी

प्राकृतिक गर्भधारण और वेर की खुशी

2020 में सभी असफल प्रयासों के बाद, दंपत्ति ने फिर से एक साधारण कदम उठाया – प्राकृतिक रूप से बच्चा होने की कोशिश। इस बार उन्होंने तनाव कम करने पर फोकस किया, सही पोषण, नियमित व्यायाम, और सबसे अहम, मन की शांति पर। शुरुआती महीनों में एक छोटा‑सा इको स्कैन ने उन्हें आशा की झलक दिखाई, और अंततः अक्टूबर 2020 में उन्हें पता चला कि अमृता नौ महीने की गर्भवती हैं। उनका यह खुलासा सोशल मीडिया पर एक सरप्राइज बना; उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक प्यारी फोटो शेयर की जिसमें दोनों का हाथ मिलाए हुए और कैप्शन में “डिलिवरी कैंटिन में ‘पैडिंग माह’” लिखा था।

नवम्बर 1, 2020 को दुनिया ने एक नन्हे शरारती लड़के को स्वागत किया – वेर। जन्म के बाद वेर की तस्वीरें, बर्थडेज़ के शॉवर की झलकें, और दंपत्ति की खुशी के पल प्लेटफ़ॉर्म पर खूब वायरल हुए। इस समय दंपत्ति ने अपने यूट्यूब चैनल “Couple of Things” पर अपने चार साल के संघर्ष की पूरी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे आईयूआई, IVF, सरोगेसी, होम्योपैथी, आयुर्वेद – सभी को आज़माया और आखिरकार धीरज और प्यार ने उन्हें जीत दिलाई।

उनकी कहानी ने कई दंपत्ति को प्रेरित किया। ऑनलाइन फॉरम और कमेंट्स में लोग अपने दर्द और आशाओं को बाँट रहे हैं, यह कह रहे हैं कि अमृता राव और अनमोल की ईमानदार बातें उन्हें अकेला नहीं छोड़तीं। कई दंपत्ति ने बताया कि उन्होंने उनका यूट्यूब एपीस देख कर हिम्मत पाई और डॉक्टर से नई राय ली।

आज भी वह दंपत्ति अपनी निजी ज़िंदगी को ख़ास तौर पर सहेज कर रखती है, पर जब भी अवसर मिलता है, वे अपने अनुभव को साझा करने में पीछे नहीं हटते। वेर के बढ़ते कदमों पर नज़रें टिका कर, अमृता राव और आरजे अनमोल को नए अभिभावक जीवन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी दिखती है। उनका सफ़र दिखाता है कि कभी‑कभी सबसे कठिन रास्ते ही सबसे सुंदर मंज़िल तक ले जाते हैं।