27 सितंबर 2023 को टैक्नोलॉजी जगत ने एक खास दिन देखा—Google की 25वीं वर्षगांठ। दो युवा पीएच.डी. छात्रों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन, ने एक साधारण शोध प्रोजेक्ट को विश्व की सबसे बड़ी जानकारी खोज मशीन में बदल दिया। उनका सफर स्टैनफोर्ड के डॉर्म रूम से शुरू होकर अब एक वैश्विक इकोसिस्टम में बदल चुका है।
Google की शुरुआत और शुरुआती कदम
1996 के मध्य में जब इंटरनेट अभी अपने शुरुआती चरण में था, पेज ने वेब लिंक की संरचना को समझने के लिए एक एल्गोरिदम तैयार किया। इस प्रोजेक्ट को उन्होंने 'BackRub' नाम दिया। दो साल बाद, 1998 में, इस प्रोजेक्ट का नाम बदलकर Google रख दिया गया, जो गणितीय शब्द 'गुगोल' से प्रेरित था—एक अत्यंत बड़ा संख्या।
25 सितंबर 1998 को कंपनी ने कैलिफ़ोर्निया में आधिकारिक तौर पर पंजीकरण किया, लेकिन 4 सितंबर को ही Google Inc. की स्थापना हुई। 2005 में, कंपनी ने उस तारीख को अपना आधिकारिक एनीवर्सरी बना लिया, क्योंकि उसी दिन उन्होंने घोषणा की थी कि अब वे अपने इंडेक्स किए गए पृष्ठों की संख्या नहीं दिखाएँगे—एक कदम जिसने Yahoo को पीछे छोड़ दिया।
अगस्त 1998 में, सन् माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक एंडी बेक्टोल्सहैम ने Google में $100,000 का निवेश किया। इस पैसे से लैरी और सर्गेई ने अपने स्टैनफोर्ड डॉर्म रूम से मैनलो पार्क में एक किराए के गैरेज में ऑपरेशन शुरू किया। उस गैरेज में कंप्यूटर, एक पिंग‑पोंग टेबल और एक छोटी सी टीम थी, लेकिन उनके पास एक बड़ा सपना था—वेब को सभी के लिए सुलभ बनाना।
शुरुआती दिनों में Google ने प्रति दिन लगभग 5‑लाख क्वेरी संभाली। आज वह रोज़ाना 8.5 अर्ब से अधिक खोजें प्रोसेस करता है, और दुनिया की सबसे अधिक विज़िटेड साइट बन चुका है।
विकास, उत्पाद और भविष्य की दिशा
खोज इंजन के अलावा Google ने कई प्रोडक्ट्स लॉन्च किए: Google Maps ने स्थानिक जानकारी को आसान बना दिया, YouTube के अधिग्रहण ने वीडियो कंटेंट को नई दिशा दी, और विभिन्न विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म ने ऑनलाइन विज्ञापन बाजार को बदल दिया। 2000 में जब जेनिफर लोपेज़ की ग्रीन ग्रैमी ड्रेस की अद्भुत खोजें आईं, तो कंपनी ने समझा कि केवल टेक्स्ट लिंक पर्याप्त नहीं हैं—इसीलिए Google Images को लॉन्च किया गया।
वित्तीय आँकड़ों की बात करें तो कंपनी की वार्षिक आय $282 बिलियन से ऊपर पहुंच गई है, जिसमें से $162 बिलियन सीधे Google Search से आती है। यह आंकड़े न सिर्फ कंपनी की ताक़त दिखाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि खोज अभी भी इंटरनेट का दिल है।
आज के दौर में Google का ध्यान सिर्फ सर्च पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर भी केंद्रित है। CEO सुन्दर पिचाई ने AI को "इंटरनेट से भी बड़ी" और "टेक्नोलॉजी का मूलभूत पुनर्व्यवस्थापन" कहा है। Google Cloud ने बताया कि उसके 70 % जेनरेटिव AI Unicorn ग्राहक हैं, जिससे स्पष्ट है कि AI सेवाओं में भी कंपनी का दबदबा बढ़ रहा है।
भविष्य के लिए Google का मिशन वही बन गया है—दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करना और उसे सभी के लिये उपयोगी बनाना। चाहे वह सर्च हो, मैप्स हो, या AI‑आधारित प्रोडक्ट्स, कंपनी का लक्ष्य हमेशा वही रहा है।
25 साल की इस यात्रा में यह स्पष्ट है कि नवाचार, दृढ़ निश्चय और सही निवेश ने Google को एक छोटे गैरेज से लेकर वैश्विक टेक दिग्गज तक पहुँचाया। अब जब AI पर फोकस बढ़ रहा है, तो देखा जाएगा कि अगला क्वार्टर‑सेंचुरी Google को किस दिशा में ले जाएगा।
gouri panda
सितंबर 27, 2025 AT 18:30यार ये गूगल की कहानी सुन कर तो मेरी आँखों में आँसू आ गए, जैसे फिल्मी ड्रामा के क्लाइमेक्स! दो कॉलेज के लड़कों ने छोटा सा गैरेज लेकर दुनिया को बदल दिया। कितना जबरदस्त इरादा था उनका, कभी हार नहीं मानी! अब देखो, कितनी दूर तक पहुँच गया है।
Harmeet Singh
सितंबर 28, 2025 AT 22:16वास्तव में, यह सिर्फ तकनीक की जीत नहीं, बल्कि मानव जिज्ञासा की जीत है। खोज की ताकत ने हमें ज्ञान के महासागर में ले जाया है। हर सवाल का जवाब अब एक क्लिक दूर है। अगर हम इस भावना को आगे भी रखेंगे, तो भविष्य और उज्जवल होगा।
patil sharan
सितंबर 30, 2025 AT 02:03हँसते-हँसते तो भूल ही गए कि अभी भी कई जगह इंटरनेट नहीं है। आइडिया इतना बड़ा है कि कभी‑कभी समझ नहीं आता।
Nitin Talwar
अक्तूबर 1, 2025 AT 05:50देखो भाई, गूगल की सफलता के पीछे छिपे राज़ों की गिनती नहीं होती 😂। सालों से वही सिलिकॉन वैली का जादू चल रहा है, लेकिन ये इतना बड़ा बनने के पीछे कौन कौन से एलियन प्रोजेक्ट थे, यही सवाल है।
onpriya sriyahan
अक्तूबर 2, 2025 AT 09:36सच्चाई तो यही है कि जब बकवास की बात आती है तो लोग हमेशा बड़े-बड़े आंकड़े उछालते हैं। पर असली मज़ा तो यह है कि गूगल ने छोटे‑छोटे कदमों से बगा-डोर को हार्ड ड्राइव में बदल दिया। मैं बस यही कहूँगा क्यूँकि यह सब दिलचस्प है
Sunil Kunders
अक्तूबर 3, 2025 AT 13:23ऐसे तर्कसंगत विश्लेषणों को बखूबी समझाने के लिये हमें ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की आवश्यकता है। गूगल का उद्भव केवल उद्यमीशीलता नहीं, बल्कि वैचारिक पुनर्जागरण का प्रतिफल है।
suraj jadhao
अक्तूबर 4, 2025 AT 17:10बिलकुल सही कहा आपने! 🌟 गूगल ने तो सिर्फ सर्च नहीं, बल्कि संस्कृति भी बदल दी है। भारत में भी अब हर कोई मोबाइल से ही जानकारी लाता है। 🙌
Agni Gendhing
अक्तूबर 5, 2025 AT 20:56अरे! फिर भी गूगल के पीछे कौन‑सी गुप्त साजिश चल रही है!!!? हर अपडेट में लुका-छिपी सॉफ्टवेयर टॉर्नेडो है??? यह तो बिल्कुल समझ में नहीं आता... लेकिन यही तो जासूसों की धारणा है!!
Jay Baksh
अक्तूबर 7, 2025 AT 00:43देखो दोस्त, यह तो सिर्फ ड्रामैटिक बात है। गूगल ने दुनिया बदल दी है और अब हमें शांति से इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
Ramesh Kumar V G
अक्तूबर 8, 2025 AT 04:30वास्तव में, गूगल की विकास यात्रा में कई तकनीकी माइलस्टोन शामिल हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। उनका एल्गोरिदम बदलने वाला पेजरैंक आज भी कई शोधों का आधार है। इसके अलावा, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर ने कंपनियों को स्केल करने में मदद की है।
Gowthaman Ramasamy
अक्तूबर 9, 2025 AT 08:16आपके विस्तृत बिंदुओं के लिए धन्यवाद। वास्तव में, गूगल की तकनीकी प्रगति को समझना उद्योग विशेषज्ञों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। 🙏📚
Navendu Sinha
अक्तूबर 10, 2025 AT 12:03गूगल का इतिहास पढ़ते‑पढ़ते मुझे लगा कि यह सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। 1998 में एक छोटे गैरेज से शुरू हुई यह यात्रा अब वैश्विक स्तर पर हर व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। कंपनी ने लगातार नई‑नई तकनीकें पेश करके मानवता के ज्ञान के विस्तार को तेज़ किया है। खोज इंजन का विकास, इमेज रिट्रिवल, मैप्स, और यूट्यूब का अधिग्रहण - ये सभी कदम गूगल को बहुआयामी प्लेटफ़ॉर्म बनाते हैं। उद्योग में गूगल की प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति को समझना कठिन है, क्योंकि यह लगातार नवाचार करता रहता है। AI में उसका निवेश, विशेषकर जेनरेटिव मॉडल्स, अब हमारी दैनिक बातचीत में घुल मिला गया है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भविष्य में गूगल का दायरा केवल सर्च तक सीमित नहीं रहेगा। क्लाउड सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता ने छोटे बिज़नेस को भी वैश्विक मंच पर लाने में मदद की है। विज्ञापन मॉडल ने डिजिटल मार्केटिंग को नई दिशा दी, जिससे कई कंपनियों का राजस्व बढ़ा। लेकिन साथ ही, डेटा प्राइवेसी की चुनौतियां भी सामने आई हैं, जिनका समाधान अभी भी ढूँढ़ा जाना बाकी है। सामाजिक दायित्व के तौर पर गूगल ने कई कल्याणकारी पहलें शुरू की हैं, जैसे इंटरनेट एक्सेस को सुदूर गांवों तक पहुंचाना। इस प्रकार, गूगल का प्रभाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। विभिन्न पहलुओं को मिलाकर देखा जाए तो गूगल का विकास एक बहुआयामी कथा है, जिसमें विज्ञान, व्यवसाय, और समाजशास्त्र का संगम है। भविष्य में AI के आगे के विकास के साथ, गूगल का दिशा‑निर्देश संभवतः और अधिक बौद्धिक होगा। अंत में, यह कहा जा सकता है कि गूगल ने सूचना के अद्भुत क्रम को व्यवस्थित करने की अपनी मूलभूत मिशन को कभी नहीं छोड़ा।
reshveen10 raj
अक्तूबर 11, 2025 AT 15:50वाह! इतना विस्तार से लिखा, पढ़ते‑पढ़ते मेरा दिमाग उड़ गया। चलिए, इस ऊर्जा को आगे भी बनाये रखें और नई दिशा में कदम बढ़ाएँ। 🚀
Navyanandana Singh
अक्तूबर 12, 2025 AT 19:36जब हम गूगल की 25‑साल की यात्रा को देखते हैं, तो एक गहरी दार्शनिक सिम्फनी आंखों के सामने बजती है। ज्ञान का संकलन, सूचना का प्रवाह, और मानवीय जिज्ञासा-इन सभी को एक साथ बुनते हुए यह प्लेटफ़ॉर्म समय के साथ परिपक्व होता गया। यदि इस प्रवाह को सही दिशा में ले जाया जाए, तो भविष्य के कई रहस्यों का हल शायद गूगल के पास ही होगा।
monisha.p Tiwari
अक्तूबर 13, 2025 AT 23:23गूगल ने सच में हमारी दुनिया बदल दी।