बहुमत के साथ वापसी, और इतिहास की नई शुरुआत
85.79% जैसे जबरदस्त मतदान और कड़ी टक्कर वाले मुकाबलों के बीच नागालैंड चुनाव परिणाम 2023 में NDPP-BJP गठबंधन ने आराम से सत्ता बचा ली। 60 में से 37 सीटें गठबंधन के खाते में गईं—NDPP ने 25 और BJP ने 12। बहुमत का आंकड़ा 31 है, यानी अगली सरकार बनने में किसी तरह की गणितीय मुश्किल नहीं। वोटिंग एक ही चरण में 27 फरवरी को 59 सीटों पर हुई, जबकि एक सीट पर उम्मीदवार निर्विरोध चुना गया। चार मतदान केंद्रों पर 1 मार्च को रिपोलिंग भी कराई गई।
ये नतीजे सिर्फ सत्ता वापसी की कहानी नहीं कहते, बल्कि एक ऐतिहासिक बदलाव की भी गवाही देते हैं—नागालैंड की विधानसभा में पहली बार महिलाएं चुनी गईं। डिमापुर-III से हेकेनी जखलू और वेस्टर्न अंगामी से सलहौतूओनुओ क्रूस ने बाधा तोड़ी। क्रूस ने तो महज 7 वोटों से जीत दर्ज की, जो ये बताने के लिए काफी है कि मुकाबले कितने पिन-ड्रॉप क्लोज रहे।
गठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग भी चर्चा का मुद्दा रही। NDPP और BJP का फार्मूला 40:20 का था—NDPP ने 40 सीटों पर और BJP ने 20 पर उम्मीदवार उतारे। नतीजों ने दिखाया कि फार्मूला व्यावहारिक साबित हुआ: NDPP के प्रदर्शन ने उसे राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया, जबकि BJP ने अपनी पुरानी पकड़ बनाए रखी और 2018 के रिकॉर्ड (12 सीट) को मैच किया।
काउंटिंग के दिन सुरक्षा इंतज़ाम टाइट थे। 16 चुनावी जिलों में EVM काउंटिंग के लिए तीन-स्तरीय कॉर्डनिंग की गई। भारी फोर्स तैनात रही और नतीजे शांतिपूर्वक घोषित हुए। एग्ज़िट पोल्स ने गठबंधन को लगभग 42 सीटों तक का अनुमान दिया था, असल आंकड़ा 37 निकला—मतलब समर्थन मजबूत रहा, बस थोड़ा कम व्यापक।
- NDPP: 25 सीट
- BJP: 12 सीट
- NCP: 7 सीट
- NPP: 5 सीट
- NPF: 2 सीट
- JDU: 1 सीट
- LJP (रामविलास): 2 सीट
- RPI (अठावले): 2 सीट
- निर्दलीय: 4 सीट
इस तस्वीर में दो बातें साफ दिखती हैं। पहली—NDPP अपनी क्षेत्रीय साख को और मजबूत करने में कामयाब रही। दूसरी—BJP का वोट-बेस स्थिर है; हाई-प्रोफाइल कैंपेनिंग के बावजूद वह 12 से आगे नहीं बढ़ी, पर घटा भी नहीं। दूसरी तरफ, NPF का सिकुड़ना जारी रहा और वह सिर्फ 2 सीटों पर सिमट गई, जबकि NCP और NPP ने कई इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और ‘किंगमेकर’ की पारंपरिक जगह इस बार नहीं बनी।
गठबंधन की वापसी का एक बड़ा कारण ‘कंटिन्यूटी फैक्टर’ भी रहा—पिछले पांच साल में प्रशासनिक तालमेल और चुनाव के पहले ही स्पष्ट सीट-बंटवारे ने मतदाताओं को भ्रमित नहीं होने दिया। 2018 में NDPP ने 18 और BJP ने 12 सीटें जीती थीं; तब सरकार सहयोगी दलों और निर्दलीयों के समर्थन से बनी थी। इस बार अकेले गठबंधन का आंकड़ा 37 तक पहुंचा, यानी समर्थन जुटाने की मजबूरी भी नहीं रही।
महिला प्रतिनिधित्व का उछाल इस चुनाव का सबसे सकारात्मक सिग्नल है। 1963 में राज्य बनने के बाद से विधानसभा में कोई महिला नहीं पहुंची थी। जमीनी राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है—बूथ मैनेजमेंट से लेकर कैंपेन की डिजिटल कमान तक—और अब कानून बनाने वाली संस्था में उनकी मौजूदगी दिखने लगी है। हेकेनी जखलू और सलहौतूओनुओ क्रूस की जीत सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों—रोज़गार, उद्यमिता, शिक्षा और स्वास्थ्य—पर केंद्रित कैंपेनिंग का नतीजा भी है।
अब बात चुनाव प्रक्रिया की। 59 सीटों पर मतदान हुआ क्योंकि एक सीट पर प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिया गया था। चार बूथों पर रिपोलिंग इसलिए करानी पड़ी क्योंकि शिकायतें और तकनीकी गड़बड़ियां सामने आईं—ये सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, और चुनाव आयोग ने तय समय में इसे निपटा दिया। 85.79% का टर्नआउट बताता है कि लोगों की भागीदारी उच्च रही, खासकर पहाड़ी और दूरदराज़ इलाकों से भी मतदान की अच्छी रिपोर्टिंग आई।
कैंपेनिंग का स्तर हाई-वोल्टेज रहा—प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों ने सभाएं कीं। लेकिन दिलचस्प बात ये रही कि BJP का ग्राफ 2018 जैसा ही रहा; बढ़त NDPP ने दिलाई। इसका मतलब यही पढ़ा जा रहा है कि क्षेत्रीय मुद्दों पर NDPP का नैरेटिव ज्यादा क्लिक किया। NPP और NCP की अहमियत भी यहीं से बनती है—वे उन इलाकों में स्पेस बना रहे हैं जहां पारंपरिक दलों का असर कम हुआ है।
सरकार गठन का रास्ता साफ है। गठबंधन बहुमत से ऊपर है, तो शपथ और कैबिनेट गठन की औपचारिकताएं ज्यादा देर नहीं लेंगी। मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की कोई ठोस चर्चा सामने नहीं आई, इसलिए प्रशासनिक निरंतरता की उम्मीद ज्यादा है। अगला एजेंडा क्या होगा? संकेत साफ हैं—रोड और कनेक्टिविटी, निवेश और युवाओं के लिए स्किल-लिंक्ड अवसर, और शांति-संवाद जैसी लंबित प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाना।
राजनीतिक समीकरणों के लिहाज़ से भी 2023 के नतीजे कई संदेश दे रहे हैं। पहला—स्प्लिट वोटिंग पैटर्न स्थिर है: लोकल मुद्दों के लिए क्षेत्रीय दल, और बड़े नैरेटिव के लिए राष्ट्रीय दलों का सहारा। दूसरा—छोटे दलों और निर्दलीयों की उपयोगिता बनी रहेगी, लेकिन इस विधानसभा में वे सत्ता के संतुलन-निर्माता नहीं हैं। तीसरा—वोटर अब ‘प्रेडिक्टेबिलिटी’ को भी वैल्यू दे रहा है, यानी उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो चले और डिलीवर करे।
जिला दर जिला देखें तो कड़ा मुकाबला कई सीटों पर दिखा। जीत के अंतर कम रहे, जिससे ये पता चलता है कि बूथ-स्तर की स्ट्रैटेजी—माइक्रो-मैनेजमेंट, वोटर-टार्गेटिंग और लोकल एलायंस—ने नतीजों में बड़ा रोल निभाया। चुनावी मशीनरी—EVM काउंटिंग, स्ट्रॉन्ग रूम सुरक्षा, और ऑब्जर्वर की तैनाती—ने प्रक्रिया को बिना बड़े व्यवधान के पूरा कराया, जो उत्तर-पूर्व जैसे मुश्किल भौगोलिक इलाके में अपने आप में चुनौती है।
आने वाले महीनों में नज़र इस बात पर होगी कि नई सरकार बजट, सेक्टरल प्राथमिकताएं और ज़मीनी प्रोजेक्ट्स को किस तरह से सेट करती है। खासकर युवाओं के लिए रोज़गार-सृजन, टूरिज़्म को सक्षम बनाने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर नीति, और उद्यमिता को आसान क्रेडिट तक पहुंच—ये सब क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की धड़कन हैं। जनादेश साफ है: पिछले पांच साल की स्थिरता को अगले चरण में प्रदर्शन में बदलना होगा।
Jay Baksh
अगस्त 20, 2025 AT 18:30हमारी जय, इस जीत से देश की शान बढ़ी है! NDPP‑BJP के गठबंधन ने फिर से दिखा दिया कि नागालैंड में राष्ट्रीय भावना कितनी गहरी है।
Ramesh Kumar V G
अगस्त 21, 2025 AT 11:10डेटा के अनुसार, NDPP ने 25 सीटों पर जीत हासिल की जबकि BJP ने 12, जिससे कुल 37 सीटें गठबंधन के पास आईं। बहुमत की आवश्यकता केवल 31 थी, इसलिए सरकार बनाना लगभग स्वचालित रहा।
Gowthaman Ramasamy
अगस्त 22, 2025 AT 03:50नमस्ते, यह लेख अत्यंत विस्तृत है और सभी प्रमुख अंकों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है। 🙏🗳️ मतदान प्रतिशत, सीट शेयरिंग और इतिहासिक महिला जीत सभी सम्मिलित हैं।
Navendu Sinha
अगस्त 22, 2025 AT 20:30नागालैंड में NDPP‑BJP का स्पष्ट बहुमत लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शक्ति को दर्शाता है।
वोटरों ने 85.79% की भागीदारी के साथ अपना अधिकार प्रयोग किया।
भविष्य में यह गठबंधन बुनियादी संरचनाओं में निवेश को तेज कर सकता है।
महिला नेताओं की पहली बार जीत सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हेकेनी जखलू और सलहौतूओनुओ क्रूस ने स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दी।
रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उनकी आवाज़ें सुनी जाएँगी।
गठबंधन ने 40:20 के सीट शेयरिंग फार्मूले को सफलतापूर्वक लागू किया।
यह दर्शाता है कि रणनीतिक गठजोड़ चुनावी गणित में भी काम आता है।
BJP ने अपनी पारंपरिक वोट‑बेस को बरकरार रखा, जबकि NDPP ने विस्तार किया।
छोटे दलों की भूमिका अब संतुलन बनाने में सीमित दिखी।
नवीनतम EVM काउंटिंग तकनीक ने प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया।
सुरक्षा व्यवस्था की तगड़ी तैयारी ने शान्तिपूर्ण परिणाम सुनिश्चित किया।
आने वाले महीनों में सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर और युवाओं के लिए स्किल‑लिंक्ड अवसरों पर ध्यान देना चाहिए।
पर्यटन एवं कनेक्टिविटी में निवेश से आर्थिक गति में उछाल आएगा।
समग्र रूप से यह परिणाम राज्य की राजनीतिक स्थिरता और विकास के प्रति जनता की आशा को प्रतिबिंबित करता है।
reshveen10 raj
अगस्त 23, 2025 AT 13:10इतनी शानदार जीत, वाह!
Navyanandana Singh
अगस्त 24, 2025 AT 05:50इतिहास लिखता है, लेकिन कौन पढ़ता है? इस जीत के पीछे गहरी सामाजिक जड़ें हैं, जो समय के साथ धीरे‑धीरे उभरती हैं।
monisha.p Tiwari
अगस्त 24, 2025 AT 22:30दूसरे पक्ष को समझना भी ज़रूरी है; चुनावी हैंदली में सभी को साथ लेकर चलना ही असली जीत है।
Nathan Hosken
अगस्त 25, 2025 AT 15:10गठबंधन के भीतर की स्ट्रैटेजिक एलायंस मैट्रिक्स ने सीट बंटवारे को ऑप्टिमाइज़ किया, जिससे वोट‑शेयर में सटीक संतुलन बना।
Manali Saha
अगस्त 26, 2025 AT 07:50वह! क्या! शानदार! आंकड़े!!! इस प्रकार... विश्वास... नहीं! लेकिन... परिणाम... हाँ! 🎉
jitha veera
अगस्त 27, 2025 AT 00:30हम्म, लोग कह रहे थे कि BJP का उठाव होगा, पर फिर भी वह 12 ही रह गया, तो क्या यह एक संकेत है कि राष्ट्रीय दलों की शक्ति अब सीमित हो रही है?
Sandesh Athreya B D
अगस्त 27, 2025 AT 17:10ओह, तो फिर से वही कहानी-गठबंधन ने बंधे हाथों से जीत हासिल की, और हम सब बस मज़े में देख रहे हैं।
Jatin Kumar
अगस्त 28, 2025 AT 09:50आशा है कि इस बहुमत के साथ सरकार विकास की गाड़ी तेज़ी से चलाएगी, नए प्रोजेक्ट और रोजगार के अवसर लेकर आएगी। 😊
Anushka Madan
अगस्त 29, 2025 AT 02:30अपनी जिम्मेदारी समझिए, जनता का भरोसा आसान में नहीं मिलता, इसे सदैव इमानदारी से निभाएँ।
nayan lad
अगस्त 29, 2025 AT 19:10किशोर वर्ग के लिए स्किल‑डिवेलपमेंट प्रोग्राम जरूरी है, इससे भविष्य सुरक्षित होगा।
Govind Reddy
अगस्त 30, 2025 AT 11:50समय के प्रवाह में हर घटना का अपना अर्थ होता है, लेकिन अक्सर हम उस अर्थ को नजरअंदाज़ कर देते हैं।
KRS R
अगस्त 31, 2025 AT 04:30सच्चाई तो यही है कि बहुत सारे लोग सिर्फ आँकड़े देख कर खुश हो जाते हैं, लेकिन वास्तविक काम करना अलग बात है।
Uday Kiran Maloth
अगस्त 31, 2025 AT 21:10डेटा‑ड्रिवन पॉलिसी‑फ़्रेमवर्क के तहत, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देना चाहिए, ताकि दीर्घकालिक सामाजिक‑आर्थिक लाभ सुनिश्चित हो सके।
Deepak Rajbhar
सितंबर 1, 2025 AT 13:50वाह, फिर से वही पुरानी बात-गठबंधन जीत गया, और हम सब इसे “अचानक” कहते हैं। 😏
Hitesh Engg.
सितंबर 2, 2025 AT 06:30भविष्य को देखते हुए, हमें चाहिए कि हम केवल जीत-हार पर नहीं, बल्कि नीतियों के प्रभाव पर ध्यान दें।
जब सरकार को स्थायी विकास के लक्ष्य रखे, तभी वास्तविक परिवर्तन आएगा।
इसी कारण से, चुनावी जीत को एक मंच मानकर, उससे आगे का कार्य अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
Zubita John
सितंबर 2, 2025 AT 23:10भाई साहब, ये रिजल्ट देखते‑ही देखते लग रहा है जैसे न्यूज़ में हेडलाइन बनावट हो गई हो, पर असली मसला इस जीत के पीछे की प्लानिंग में है।