विश्व पर्यावरण दिवस पर केएन बक्सी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में संगोष्ठी आयोजित

विश्व पर्यावरण दिवस पर केएन बक्सी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में संगोष्ठी आयोजित

विश्व पर्यावरण दिवस पर केएन बक्सी कॉलेज में संगोष्ठी

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केएन बक्सी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, करीमाटांड़, बेंगाबाद में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने पर्यावरण दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की चर्चा की। इन लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन निवारण, स्वच्छ जल और स्वच्छता, सतत उत्पादन और उपभोग शामिल हैं।

सतत विकास लक्ष्यों की महत्वता

डॉ. सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के ये लक्ष्य हमें एक ऐसे भविष्य की ओर ले जाते हैं जहाँ पर्यावरण संरक्षण और विकास एक साथ संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है कि हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदम उठाकर भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं।

सामान्य जीवन में छोटे कदमों का महत्व

कॉलेज के उप-प्राचार्य, बिनोद कुमार सुमन ने संगोष्ठी में अपने विचार साझा करते हुए लोगों को पानी और बिजली के इस्तेमाल में कमी लाने, अपशिष्ट प्रबंधन करने, पेड़ लगाने और वाहन उपयोग को कम करने जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदमों का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि यह छोटे-छोटे कदम भविष्य में बड़े बदलाव ला सकते हैं और हमारे पर्यावरण को सहेज सकते हैं।

प्रोफेसरों और प्रतिभागियों के विचार

इस कार्यक्रम में कई प्रोफेसरों और उपस्थित गणमान्यों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रोफेसर पवन कुमार सुमन, मदन कुमार, डॉ. सुरेश यादव, डॉ. संतोष कुमार यादव, डॉ. राजेश राविदास, और प्रोफेसर रीना साव ने अपने-अपने दृष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े परिणाम ला सकते हैं और पर्यावरण को स्थायी रूप से संरक्षित रख सकते हैं।

संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य

इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य था सभी उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उन्हें सतत विकास के महत्व को समझाना। समाज में एक ऐसी सोच विकसित करना जो पर्यावरण के संरक्षण पर आधारित हो, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इसे एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण के रूप में विरासत में प्राप्त कर सकें। संगोष्ठी के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।

विश्व पर्यावरण दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी धरती की देखभाल के प्रति सचेत रहना चाहिए। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम पर्यावरण को संरक्षित करने और उसे सुरक्षित रखने के वाले कदम उठाएं। केवल सरकारी योजनाओं और नीतियों का अनुसरण करने से ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

अंत में, यह संगोष्ठी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई, जोकि लोगों को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके दृष्टिकोण में बदलाव लाने में सफल रही।