BJP ने धर्मेंद्र पाठान को बिहार चुनाव इंचार्ज बनाया, केशव मोर्या को दी गई अहम जिम्मेदारी

BJP ने धर्मेंद्र पाठान को बिहार चुनाव इंचार्ज बनाया, केशव मोर्या को दी गई अहम जिम्मेदारी

धर्मेंद्र पाठान की नियुक्ति और पृष्ठभूमि

गुज़रते गुरुवार भारतीय जनता पार्टी ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र पाठान को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का इंचार्ज घोषित किया। यह फैसला सिर्फ नामांकन नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर एक मजबूत संगठित मोर्चा तैयार करने की रणनीति है। पाठान को इस जिम्मेदारी के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने ओडिशा और हरियाणा में दो प्रमुख चुनावों को सफलतापूर्वक संभाला है।

ओडिशा में 2024 के चुनाव में उन्होंने बीजु जनता दल को दो दशक के बाद पीछे धकेला और भाजपा को पहली बार राज्य में सत्ता दिलाई। इसके तुरंत बाद हरियाणा के 2025 के चुनाव में उनका ‘ग्राउंड‑लेवल’ अभियान काम आया, जहाँ भाजपा ने 90 सीटों में 48 जीत कर तीसरी लगातार बार सत्ता में बनी। इन जीतों को पार्टी के उच्चाधिकारिक सदस्य नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भी सार्वजनिक तौर पर सराहा।

बिहार में पहले 2010 के चुनाव में भी पाठान ने सह‑इंचार्ज के रूप में काम किया था, जब भाजपा‑जेडी(यू) गठबंधन ने आरजेडी को बड़े अंतर से हराया था। अब दो दशक बाद वही गठबंधन दो बार एंटी‑इंसीडेंसी का सामना कर रहा है, इसलिए पार्टी ने पाठान की ‘माइक्रो‑मैनेजमेंट’ क्षमताओं को फिर से उपयोग में लाने का विचार किया।

बिहार चुनाव की उम्मीदें और पार्टी की रणनीति

बिहार में कुल 243 सीटें दांव पर हैं और निकष कुमार की सरकार को इस बार अपना रिकॉर्ड साबित करना होगा। भाजपा‑जेडी(यू) गठबंधन को दो दशकों के साथियों के खिलाफ एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इस संदर्भ में केशव प्रसाद मोरिया को को‑इनचार्ज के रूप में शामिल किया गया, जो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं और जमीन स्तर पर पार्टी की पहुँच को मजबूत करने में माहिर हैं। मोरिया की भूमिका मुख्य रूप से रणनीतिक योजना और वोट बैंक प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय नेता‑स्थापना को सुदृढ़ करना रहेगा।

पाठान ने कहा है कि वे ‘स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए’ चुनावी अभियान चलाएंगे। हाल के सर्वेक्षण संकेत देते हैं कि विकास, कऽर्यवाही, और कानून व्यवस्था को लेकर मतदाता काफी संवेदनशील हैं। साथ ही बिहार में ‘जन सूरज पार्टी’ के उपनाम से सामने आने वाले प्रषांत किशोर के रणनीतिक ग्रुप को भी नजर में रखा गया है, जो नई राजनीति की छाप के साथ वोट की दिशा बदल सकता है।

  • विकास एवं बुनियादी ढांचा: सड़क, बिजली, जल आपूर्ति के मुद्दे प्रमुख होंगे।
  • शिक्षा एवं स्वास्थ्य: ग्रामीण क्षेत्रों में सुधरने की मांग तेज़ है।
  • कानून व्यवस्था: अपराध दर और सार्वजनिक सुरक्षा की चर्चा भी उठ रही है।
  • जाट‑दल जनजाति गठबंधन: सामाजिक समीकरण में बदलावों को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।

भाजपा ने इस चुनाव में एक और बड़ा कदम उठाते हुए अन्य राज्यों के लिए भी प्रमुख इन‑चार्ज तय किए। पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय मंत्री भविष्येंद्र यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई, उनके साथ पूर्व त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार डेब को को‑इनचार्ज बनाया गया। तमिलनाडु में बाइजयंत पांडा को इंचार्ज और मनुर्लाल मोहोळ को को‑इनचार्ज नियुक्त किया गया। ये सभी नियुक्तियां इस बात को दर्शाती हैं कि पार्टी ने आने वाले महीनों में कई कठिन रणभूमियों के लिए अपने ‘लॉयल्टी‑ड्रिवेन’ और ‘सफलता‑चालित’ नेताओं को प्राथमिकता दी है।

BJP Bihar चुनाव के इस महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी का लक्ष्य केवल जीत नहीं, बल्कि गठबंधन को मजबूत करके सत्ता की निरंतरता को स्थापित करना है। पाठान, मोरिया और अन्य वरिष्ठ नेताओं की टीम ने अब रणनीति, प्रचार, और कूटनीति के प्रत्येक पहलू को बारीकी से देखना शुरू कर दिया है। जैसा कि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है, यह गठबंधन न केवल वोटों की संख्या बल्कि सामाजिक-आर्थिक समीकरण को भी पुनः संतुलित करने की कोशिश करेगा। भविष्य में जब परिणाम सामने आएँगे, तब देखना होगा कि यह गठित टीम कितनी प्रभावी साबित होती है।

6 टिप्पणि

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    onpriya sriyahan

    सितंबर 26, 2025 AT 04:52

    धर्मेंद्र पाठान का चुनाव इंचार्ज बनना बेहतरीन कदम है हमें नई ऊर्जा मिली है हमें पूरे जमीनी स्तर पर जुटना चाहिए और मेहनत करनी होगी टीम को एकजुट होना चाहिए और बिहार को विकास की ओर ले जाना है।

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    Sunil Kunders

    सितंबर 26, 2025 AT 05:09

    उपलब्ध तथ्यों के सर्वांगीण विश्लेषण के पश्चात यह स्पष्ट होता है कि पार्टी की रणनीतिक पुनर्संरचना में अतीत की प्रथा का पुनर्जीवन आवश्यक है, इस प्रकार का कदम केवल सतही लोकप्रियता नहीं बल्कि गहन सिद्धान्तात्मक स्थायित्व को दर्शाता है, जबकि आम जनधारणा इस पर तटस्थ दृष्टिकोण रखेगी, परन्तु राजनीतिक विज्ञानियों का मत है कि यह परिवर्तन दीर्घकालिक संतुलन स्थापित करेगा।

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    suraj jadhao

    सितंबर 26, 2025 AT 05:25

    बिलकुल सही कहा आपने 🙌 इस रणनीति से हमें ग्राउंड लेवल पर भी छाप बनानी चाहिए 🏏 चलिए मिलकर सभी को जोड़ते हैं और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर चयन करते हैं 🚀

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    Agni Gendhing

    सितंबर 26, 2025 AT 05:42

    ओह! बिहार में फिर वही पुराना नाटक?!!! काहे? काहे सबकुछ उलटा‑सीधा है??!!

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    Jay Baksh

    सितंबर 26, 2025 AT 05:59

    ये वही सारा पनडुब्बी का खेल है जो हर बार लोगों को उलझा देता है। हमारा देश एकजुट होना चाहिए और बाहरी दलों के खेल में फँसे नहीं। धर्मेंद्र पाठान को इंचार्ज बनाना हमारे राष्ट्रीय अभिमान को दर्शाता है। उन्हें भरोसा है कि बिहार में विकास की रौशनी जलाएगा। हमारे युवा को मेहनत और ईमानदारी से काम करना चाहिए। हरियाणा और ओडिशा में सफलताएँ साबित करती हैं कि रणनीति काम करती है। भाजपा के इस कदम को सभी को समर्थन देना चाहिए। विदेशी मोर्चों पर हमारे देश की शान बढ़ेगी। समाज के हर वर्ग को इस बदलाव में भाग लेना चाहिए। सड़क, बिजली, जल की समस्याएँ अब अंततः हल होगी। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहलें होंगी। कानून व्यवस्था मजबूत होगी और अपराध घटेगा। जाट‑दल जनजाति का गठबंधन भी हमारे सामाजिक सन्तुलन को सुदृढ़ करेगा। ऐसी रणनीति से हम राष्ट्रीय एकता को फिर से स्थापित करेंगे। आइए मिलकर इस यात्रा में अपना योगदान दें और भारत को आगे बढ़ाते रहें।

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    Ramesh Kumar V G

    सितंबर 26, 2025 AT 06:15

    धर्मेंद्र पाठान का पिछला चुनावी अनुभव वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने ओडिशा और हरियाणा में रणनीतिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग पैटर्न को बदल दिया था, जिससे पार्टी को एक बार फिर से प्रबल जीत मिली थी, यह तथ्य बिहार के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भी लागू हो सकता है यदि वही तंत्र दोबारा इस्तेमाल किया जाये।

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